हालांकि, ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की टीम द्वारा तैयार किए गये डेटा मॉडल के अनुसार अलग अलग देशों में आत्महत्या करने के अलग अलग कारण पाए गए हैं. इस अध्ययन से स्पष्ट है कि दुनिया भर में आत्महत्या के मामले कम हुए हैं.
भारत वर्ष 2017 में इस सूची में 45 देशों में 43वें स्थान पर था. पिछले दो साल से अमेरिकी चैंबर आफ कॉमर्स ने तुलनात्मक अध्ययन वाले देशों की संख्या बढ़ाकर 50 कर दी है.
इस इंडेक्स के अनुसार भारत सहित पूरी दुनिया में इंटरनेट पर अब लोग सुलझे तरीके से व्यवहार कर रहे हैं. इसमें 18 से 34 साल के लोगों पर 22 देशों में किए गए सर्वे में भारत 7वें नंबर पर आया है.
इस अध्ययन में कहा गया है कि यदि ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने वाला पेरिस संधि लक्ष्य हासिल हो जाता है तो भी एक तिहाई हिमनद पिघलना तय है.
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार स्टील उत्पादन में चीन पहले स्थान पर है और वैश्विक स्तर पर कुल स्टील उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत है.
कामकाज के भविष्य पर श्रम संगठन द्वारा गठित आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, कामकाजी जीवन को बेहतर बनाने, विकल्पों का दायरा बढ़ाने, लैंगिक खाई को पाटने और वैश्विक असमानता से हुए नुकसान की भरपाई के अनगिनत अवसर हमारे सामने हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि को मजबूत निजी उपभोग और अधिक विस्तार वाले वित्तीय रुख तथा पिछले सुधारों के लाभ से सहारा मिल रहा है. इसमें कहा गया है कि मध्यम अवधि की वृद्धि दर के लिए निजी निवेश में सतत सुधार महत्वपूर्ण है.
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के वार्षिक सम्मेलन के शुरू होने से पहले 21 जनवरी 2019 को जारी की गई एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर-2019 रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक विश्वसनीयता सूचकांक तीन अंक के मामूली सुधार के साथ 52 अंक पर पहुंच गया है.
पीडब्ल्यूसी की वैश्विक अर्थव्यवस्था निगरानी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2019 में ब्रिटेन की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत, फ्रांस की 1.7 प्रतिशत तथा भारत की 7.6 प्रतिशत रहेगी.
यूएन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के कई हिस्सों में भारत सहित कई दक्षिण एशियाई देशों के तस्करी पीड़ितों का पता चला है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव तस्करी अब "भयावह रूप" ले चुका है.
इस बैठक का आयोजन राष्ट्रीय जैव विविधता परिषद ने किया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा की दुनिया भर में जब जैव विविधता पर संकट के बादल छा रहे हैं. उनके खानपान और आश्रय पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
विश्व बैंक रिपोर्ट में कहा गया है कि हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट के अनुसार वर्ष 2015 में कोयला आधारित उर्जा संयंत्रों होने वाले वायु प्रदूषण के कारण भारत में 82,900 लोगों की मौत हुई.
"लाखों छोटे एवं बीमार बच्चे और महिलाएं प्रत्येक वर्ष मर रही हैं क्योंकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण देखभाल की सुविधा नहीं मिलती है जो उनका अधिकार है और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है."
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