जीआरएसई ने लड़ाकू पनडुब्बी एएसडब्ल्यू 'कदमत’ भारतीय नौसेना को सौंपी
अत्याधुनिक सीमावर्ती युद्धपोत रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) एके वर्मा अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जीआरएसई द्वारा पॉट के कमांडिंग अधिकारी महेश सी मुदगिल को सौंपा गया.
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित दूसरी पनडुब्बी (लड़ाकू जलपोत) 'कदमत’ औपचारिक रूप से 26 नवंबर 2015 को कोलकाता में भारतीय नौसेना को सौंप दी गयी. इसे शीघ्र ही पूर्वी बेड़े में शामिल किया जाएगा.
अत्याधुनिक सीमावर्ती युद्धपोत रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) एके वर्मा अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जीआरएसई द्वारा पॉट के कमांडिंग अधिकारी महेश सी मुदगिल को सौंपा गया.
युद्धपोत की सरंचना में वायुमंडलीय नियंत्रण, वेंटिलेशन सिस्टम का विशेष ध्यान रखा गया है. यह परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के वातावरण में लड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम और सुसज्जित है.
एएसडब्ल्यू 'कदमत’ के बारे में-
3200 टन के विस्थापन के साथ, इसकी लम्बाई 109 मीटर है.
• इसकी अधिकतम गति 25 समुद्री मील (नोट्स) है
• इसमे 17 अधिकारियों और 106 नाविकों के एकसाथ बैठने की सुविधा है.
• युद्ध में इसकी मुख्य भूमिका दुश्मन द्वारा पनडुब्बी हमला करने पर देश की समुद्री हितों की रक्षा करना है.
• यह तारपीडो, रॉकेट लांचर जैसे हथियारों का उपयोग कर दुश्मन की पनडुब्बियों को निष्क्रिय करने और हेलीकाप्टर उतारने व उड़ाने की सुविधा से युक्त शक्तिशाली मंच है.
• स्वदेश निर्मित यह युद्ध पोत स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित विशेष ग्रेड उच्च तन्यता (DMR249A) स्टील से बनाया गया है.
• इस युद्ध पोत के बाहरी ढाँचे में स्वदेश निर्मित सेंसर और हथियार प्रणालियां भी लगाई गयी हैं.
भारतीय नौसेना के लिए प्रोजेक्ट-28 (पी-28) के तहत जीआरएसई द्वारा निर्मित आईएनएस 'कदमत’ चार एएसडब्ल्यू युद्धपोतों में अपने वर्ग में दूसरे नंबर पर है.
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