सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने वर्ष 2009 और 2010 के लिए भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार प्रदान किए
India Current Affairs 2011. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एस जगतरक्षकन ने वर्ष 2009 और 2010 के लिए भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार 28 दिसंबर 2011 को प्रदान किए. यह पुरस्कार प्रतिवर्ष चार श्रेणियों में दिए जाते हैं. वर्ष 2009 से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ...
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एस जगतरक्षकन ने वर्ष 2009 और 2010 के लिए भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार 28 दिसंबर 2011 को प्रदान किए. यह पुरस्कार प्रतिवर्ष चार श्रेणियों में दिए जाते हैं. वर्ष 2009 से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कारों की राशि बढ़ा दी. पत्रकारिता और जनसंचार वर्ग में प्रथम पुरस्कार के लिए राशि 35000 रुपए से बढ़ाकर 75000 रुपए कर दी गई. इसी वर्ग में द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों की राशि 25000 रुपए और 20000 रुपए से बढ़ाकर क्रमशः 50000 और 40000 रुपए कर दी गई. महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता वर्गों में प्रथम पुरस्कारों की राशि 15000 रुपए से बढ़ाकर 40000 रुपए और द्वितीय पुरस्कार की राशि 10000 रुपए से बढ़ाकर 20000 रुपए कर दी गई.
पुरस्कार विजेता और उनकी पुरस्कृत रचना, वर्ष एवं श्रेणी निम्नलिखित है.
वर्ष 2009 के लिए पत्रकारिता और जनसंचार वर्ग में: दिलीप चंद्र मंडल को उनकी पाण्डुलिपि कारपोरेट लोकतंत्र और पेड़ न्यूज़ के लिए प्रथम पुरस्कार, कुमुद शर्मा की पुस्तक समाचार बाजार की नैतिकता को द्वितीय और शिवानंद कामडे की पाण्डुलिपि कार्टून पत्रकारिता तथा डॉ. अकेला भाई की पुस्तक रेडियो साहित्य और पत्रकारिता का संयुक्त रुप से तृतीय पुरस्कार के लिए दिया गया.
वर्ष 2009 के लिए महिला विमर्श वर्ग में: लता कोट को उनकी पाण्डुलिपि आधा आसमां हमारा के लिए प्रथम पुरस्कार और सीमा रानी को उनकी पाण्डुलिपि नारी की समस्याएं और समाधान के लिए द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
वर्ष 2009 के लिए बाल साहित्य वर्ग में: घमंडीलाल अग्रवाल को उनकी पुस्तक गीत ज्ञान विज्ञान के- के लिए प्रथम पुरस्कार तथा रेनू सैनी को उनकी पाण्डुलिपि बचपन का सफर के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
वर्ष 2010 के लिए पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग में: प्रांजल धर को उनकी पांडुलिपि समकालीन वैश्विक पत्रकारिता में अख़बार के लिए द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
वर्ष 2010 के लिए महिला विमर्श वर्ग में: प्रथम पुरस्कार के लिए डॉ सुमन राय की पुस्तक घरेलू हिंसा में महिला संरक्षण अधिनियम 2005,2006 और द्वितीय पुरस्कार के लिए प्रमिला केपी की पुस्तक स्त्री: यौनिकता बनाम अध्यात्मिकता को चुना गया .
वर्ष 2010 के लिए बाल साहित्य वर्ग में: संजीव जायसवाल संजय को उनकी पुस्तक डूबा हुआ किला तथा श्री प्रभात को उनकी पुस्तक साइकिल पर था कव्वा के लिए संयुक्त रुप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
वर्ष 2010 के लिए राष्ट्रीय एकता वर्ग में: प्रथम पुरस्कार के लिए डॉ शिव कुमार राय की पाण्डुलिपि मेरी जाति भारतीय को चुना गया.
विदित हो कि पत्रकारिता और जन संचार, महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता के चार वर्गों में प्रकाशित अथवा अप्रकाशित पुस्तकों को भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार प्रदान किया जाता है. पत्रकारिता और जन संचार में मौलिक हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1983 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. 1992-93 से महिला विमर्श, बाल साहित्य और राष्ट्रीय एकता वर्ग में पुरस्कारों की शुरुआत हुई. भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन प्रभाग से पुरस्कार योजना का समन्वयन किया जाता है.
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