वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी 2019 को वाराणसी (उत्तर प्रदेश), में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. पहली बार वाराणसी में 21 से 23 जनवरी 2019 तक तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.

प्रवासी भारतीय दिवस का 15 वां संस्करण 21 जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शुरू हो गया है. प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Divas 2019) के लिए इस बार वाराणसी में बेहद खास आयोजन किया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की शुरुआत हुई. प्रवासी भारतीय दिवस समारोह वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक चलेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी 2019 को वाराणसी (उत्तर प्रदेश), में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. पहली बार वाराणसी में 21 से 23 जनवरी 2019 तक तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
मुख्य अतिथि:
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के 15वें संस्करण के मुख्य अतिथि होंगे. नॉर्वे के सांसद हिमांशु गुलाठी विशिष्ठ अतिथि और न्यूजीलैण्ड के सांसद कंवलजीत सिंह बक्शी सम्मानित अतिथि होंगे.
उद्देश्य और विषय:
प्रवासी भारतीय दिवस का मकसद भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को पहचान दिलाने से है. प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2019 का विषय है- नये भारत के निर्माण में भारतीय प्रवासियों की भूमिका.
प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करना:
इस सम्मेलन में विदेश में रह रहे उन भारतीयों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल कर भारत का नाम विश्व पटल पर गौरवान्वित किया हो. देश का नाम रौशन करने वाले ऐसे लोगों को राष्ट्रपति के हाथों प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाता है. इसके अलावा इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों से जुड़े मामलों और समस्याओं पर भी विचार किया जाता है.
ये प्रवासी भारतीय दिवस का 15वां आयोजन है, इससे पहले प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन 9 जनवरी को या उसके आस-पास होता आया था. सम्मेलन के बाद प्रतिभागी 24 जनवरी को कुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज की यात्रा करेंगे.
प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में:
प्रवासी दिवस की शुरुआत वर्ष 2003 से हुई थी. इस मौके पर हर साल भारत सरकार अमूमन तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करती है. पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय लिया था.
पहले प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन 9 जनवरी 2003 को नई दिल्ली में हुआ था. प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन के लिए 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था क्योंकि वर्ष 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये थे.
यह आयोजन विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय को सरकार के साथ काम करने और अपनी जड़ो से दोबारा जुड़ने का मंच उपलब्ध कराता है. सम्मेलन के दौरान भारत और विदेश दोनों में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले चुने गये भारतीय प्रवासियों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किये जाते हैं.
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