चेंजिंग इंडिया: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन
'चेंजिंग इंडिया' शीर्षक के साथ प्रकाशित पांच खंड की पुस्तक के विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए कामों और भारत की प्रगति के बारे में इस पुस्तक में विस्तार से बताया गया है

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘चेंजिंग इंडिया’ का 18 दिसंबर 2018 को दिल्ली में विमोचन किया गया. यह पुस्तक भारत के आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर प्रकाश डालती है.
'चेंजिंग इंडिया' शीर्षक के साथ प्रकाशित पांच खंड की अपनी पुस्तक के विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए कामों और भारत की प्रगति के बारे में इस पुस्तक में विस्तार से बताया गया है जिसके बारे में सरकार बात नहीं करती है.
चेंजिंग इंडिया के विमोचन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि बतौर प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान वे प्रेस से बात करते थे तथा उन्हें नीतियों से अवगत भी कराते थे. मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि भारत में दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ताकत है.
‘चेंजिंग इंडिया' पुस्तक के बारे में
• पांच खंडों में प्रकाशित 'चेंजिंग इंडिया' में मनमोहन सिंह ने 10 साल प्रधानमंत्री रहने के दौरान के किए गए कामों और एक अर्थशास्त्री के रूप में अर्थव्यवस्था का आकलन किया है.
• विमोचन के दौरान उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि मैं खामोश प्रधानमंत्री था लेकिन मेरी किताब के पांचों भाग में सारी बात लिखी हुई है. वे लोग प्रधानमंत्री रहने के दौरान मेरी उपलब्धियों को नहीं बताना चाहते, लेकिन मेरी किताब इस बात को बेहतर तरीके से बताएगी.
• ‘चेंजिंग इंडिया’ में मनमोहन सिंह के जीवन पर भी प्रकाश डाला गया है. पुस्तक में उनके बचपन, शिक्षा, अर्थशास्त्री के रूप में जीवन तथा बतौर प्रधानमंत्री उनके जीवन सफ़र को दर्शाया गया है.
• चेंजिंग इंडिया के माध्यम से मनमोहन सिंह ने भारत के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से लिखा है.
• ‘चेंजिंग इंडिया’ के पहले भाग का शीर्षक है – भारत के निर्यात रुझान और आत्मनिर्भर विकास के लिए संभावनाएं (India's Export Trends and the Prospects for Self-Sustained Growth).
चेंजिंग इंडिया के 5 खंड
1. India's Export Trends and the Prospects for Self-Sustained Growth
2. Thoughts on Trade and Development
3. The International Economic Order and the Quest for Equity in Development
4. Economic Reforms: 1991and Beyond
5. The Prime Minister Speaks
मनमोहन सिंह के बारे में संक्षिप्त परिचय
• मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत (वर्तमान पाकिस्तान) के पंजाब प्रान्त में 26 सितम्बर 1932 को हुआ था.
• यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की. बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये, जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की.
• वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे.
• इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे.
• वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं.
• उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना जाता है.
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चेंजिंग इंडिया के 5 खंड |
1. India's Export Trends and the Prospects for Self-Sustained Growth |
2. Thoughts on Trade and Development |
3. The International Economic Order and the Quest for Equity in Development |
4. Economic Reforms: 1991and Beyond |
5. The Prime Minister Speaks |
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