चीन ने किया परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण
चीन ने इस मिसाइल को अमेरिका-चीन की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता, ताइवान पर चीनी दबाव के साथ ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में विकसित किया है.

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अगस्त, 2021 में अपनी उन्नत अंतरिक्ष क्षमता का प्रदर्शन करते हुए परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- फाइनेंशियल टाइम्स की उक्त रिपोर्ट के अनुसार, इस मिसाइल के प्रक्षेपण को चीन ने गुप्त रखा था. मिसाइल ने अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने से पहले दुनिया की परिक्रमा की. हालांकि, यह लगभग 24 मील की दूरी पर अपने निशान से चूक गई.
- चीनी सेना ने हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन ले जाने वाले रॉकेट का प्रक्षेपण किया है जो पृथ्वी की निचली कक्षा में उड़ान भरता है.
- इस मिसाइल परीक्षण से यह पता चलता है कि, चीन ने हाइपरसोनिक हथियारों पर प्रभावशाली प्रगति की है. चीन का यह परीक्षण अमेरिका से अधिक उन्नत था.
- फाइनेंशियल टाइम्स की ओस रिपोर्ट के अनुसार, सैद्धांतिक रूप से यह हथियार दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से उड़ सकता है. यह अमेरिकी सेना के लिए एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि इसकी मिसाइल रक्षा प्रणाली उत्तरी ध्रुवीय मार्ग पर केंद्रित है.
- इस रिपोर्ट में यह भी नोट किया गया है कि, चीन आमतौर पर अपने लॉन्ग मार्च रॉकेटों के प्रक्षेपण की घोषणा करता है लेकिन उसने अगस्त, 2021 में किये गये इस मिसाइल लॉन्च को दुनिया से छुपाया था.
विश्व के ये देश कर रहे हैं हाइपरसोनिक मिसाइलों का विकास
पूरी दुनिया में रूस, चीन और अमेरिका जैसे देश हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहे हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना तेज गति से यात्रा करती है. हालांकि, वे बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में धीमी गति से चलती हैं. इन मिसाइलों को रोकना कठिन है और तत्कालीन जरुरत के मुताबिक इनका स्थान परिवर्तन भी किया जा सकता है.
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चीन द्वारा इस मिसाइल का परीक्षण करने का प्रमुख कारण
चीन ने इस मिसाइल को अमेरिका-चीन की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता, ताइवान पर चीनी दबाव के साथ ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में विकसित किया है.
हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलों के बीच अंतर
इन दोनों किस्म की मिसाइलों के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि, हाइपरसोनिक मिसाइलों के प्रक्षेपवक्र का पता नहीं लगाया जा सकता है, जबकि बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपवक्र का पता लगाया जा सकता है.
हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में
यह मिसाइल 90 किमी से नीचे के वातावरण के माध्यम से मच 5-10 के बीच की गति से आगे बढ़ती है. यह ऐसी गति है जहां हवा अलग होने लगती है और उच्च ताप भार बाहर निकल जाता है.
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