भारत ने किया स्वदेश में विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार का उड़ान परीक्षण
भारत के ये अलग-अलग विन्यास वाले दो परीक्षण उपग्रह नेविगेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर पर आधारित थे.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने स्वदेशी रूप से विकसित स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार के दो उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं.
भारतीय सेना द्वारा किये गये दोनों परीक्षणों के बारे में जानकारी
ये अलग-अलग विन्यास वाले दो परीक्षण उपग्रह नेविगेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर पर आधारित थे. भारतीय सेना द्वारा बम के इस वर्ग का इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सीकर आधारित उड़ान परीक्षण देश में पहली बार किया गया है.
इस इलेक्ट्रो ऑप्टिक सेंसर को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने यह कहा कि, 28 अक्टूबर, 2021 और 03 नवंबर, 2021 को राजस्थान के जैसलमेर में चंदन रेंज से भारतीय वायुसेना के एक विमान द्वारा इस हथियार को लॉन्च किया गया था.
इस सिस्टम का इलेक्ट्रो ऑप्टिकल कॉन्फिगरेशन इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर तकनीक से लैस है जो हथियार की सटीक स्ट्राइक क्षमता को बढ़ाता है.
इन दोनों ही परीक्षणों में, लक्षित लक्ष्य को उच्च सटीकता के साथ मारा गया था.
इलेक्ट्रो ऑप्टिकल कॉन्फिगरेशन इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर तकनीक की विशेषताएं
इस स्वदेश में विकसित प्रणाली को अधिकतम 100 किलोमीटर की सीमा के लिए डिज़ाइन किया गया है. एक नए अनुकूलित लॉन्चर ने उक्त हथियार/ बम की सुचारू रिहाई और निष्कासन सुनिश्चित किया और फिर, उन्नत मार्गदर्शन और नेविगेशन एल्गोरिदम, मिशन आवश्यकताओं के अनुसार सॉफ्टवेयर का प्रदर्शन किया. टेलीमेट्री और ट्रैकिंग सिस्टम ने इस पूरी उड़ान के दौरान सभी मिशन कार्यक्रमों को कैप्चर किया. इस मिशन के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया है.
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण बयान
भारत के रक्षा मंत्रालय के एक बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि, इस वर्ग के बम का इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल साधक आधारित उड़ान परीक्षण देश में पहली बार किया गया है.
इस इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है.
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रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि, 'इस हथियार को भारतीय वायुसेना के विमान ने 28 अक्टूबर और 3 नवंबर को राजस्थान के जैसलमेर में चंदन रेंज से सफलतापूर्वक लॉन्च किया था.
इस बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि, उक्त सिस्टम का इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कॉन्फ़िगरेशन इमेजिंग इंफ्रा-रेड सीकर तकनीक से लैस है, जो हथियार की सटीक स्ट्राइक क्षमता को काफी बढ़ाता है और “उक्त सिस्टम (हथियार) को अधिकतम 100 किलोमीटर की सीमा के लिए डिज़ाइन किया गया है. नए अनुकूलित लॉन्चर ने हथियार की सुचारू रिहाई और निष्कासन सुनिश्चित की थी.”
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