मिशन गगनयान दिसम्बर 2021 में लांच किया जायेगा: इसरो
इसरो प्रमुख ने बताया कि दो मानवरहित स्पेस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 रखा गया है. कैबिनेट ने भारतीय गगनयान मानव मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे चुकी है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन गगनयान को दिसम्बर 2021 में लांच करने की घोषणा की. इसरो प्रमुख के. सिवन ने 11 जनवरी 2019 को बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने का लक्ष्य रखा है.
इसरो प्रमुख ने बताया कि दो मानवरहित स्पेस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 रखा गया है. कैबिनेट ने भारतीय गगनयान मानव मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे चुकी है. इस अभियान के तहत तीन एस्ट्रोनॉट सात दिन तक अंतरिक्ष में रह सकेंगे.
भारत ऐसा करने वाला चौथा देश:
भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा. अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष में अपना मानवयुक्त यान भेजने में सफलता पाई है. अब तक तीन भारतीय अंतरिक्ष में जा चुके हैं. इसमें वर्ष 1984 में राकेश शर्मा सोवियत रूस की मदद से अंतरिक्ष में गए थे. इसके अलावा भारत की कल्पना चावला और सुनीता विलियम ने भी भारत का नाम इस क्षेत्र में रोशन किया है.
लाभ: गगनयान कार्यक्रम इसरो तथा शिक्षा जगत, उद्योग, राष्ट्रीय एजेंसियों तथा अन्य वैज्ञानिक संगठनों के बीच सहयोग के लिए व्यापक ढांचा तैयार करेगा. इस कार्यक्रम से विभिन्न प्रौद्योगिकी तथा औद्योगिक क्षमताओं को एकत्रितकरके शोध अवसरों तथा टेक्नोलॉजी विकास में व्यापक भागीदारी को सक्षम बनाया जाएगा, जिससे बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे. विमान प्रणाली की प्राप्ति उद्योग के माध्यम से की जाएगी. इससे रोजगार सृजन होगा और एडवांस टेक्नोलॉजी में मानव संसाधानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास के लिएबड़ी संख्या में युवा विद्यार्थियों को विज्ञान और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए प्रेरित करेगा. गगनयान कार्यक्रम एक राष्ट्रीय प्रयास है और इसमें उद्योग, शिक्षा जगत तथा देशभर में फैली राष्ट्रीय एजेंसियों की भागीदारी होगी.
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इसरो की योजना के मुताबिक:
इसरो की योजना के मुताबिक, 7 टन भार, 7 मीटर ऊंचे और करीब 4 मीटर व्यास केगोलाई वाले गगनयान को जीएसएलवी (एमके-3) राकेट से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपित करने के 16 मिनट में यह कक्षा में पहुंच जाएगा। इसको धरती की सतह से 300-400 किलोमीटर की दूरी वाले कक्षा में स्थापित किया जाएगा। भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को 'व्योमनट्स' नाम देगा क्योंकि संस्कृत में 'व्योम' का अर्थ अंतरिक्ष होता है.
गगनयान मिशन के उद्देश्य |
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मिशन गगनयान क्यों अहम है?
यह मिशन काफी अहम है क्योंकि मिशन गगनयान में एक इंसान को स्पेस में भेजेंगे और यान के जरिए ही वापस धरती पर लाएंगे. इस प्रक्रिया के दो पहलू हैं मानव और इंजीनियरिंग. इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक नया सेंटर भी स्थापित किया गया है. यह साल गगनयान के लिए काफी अहम है क्योंकि दिसंबर 2020 में पहला मिशन और जुलाई 2021 में दूसरा मिशन तैयार होगा, इसे पूरा करने के बाद दिसंबर 2021 में गगनयान मिशन होगा.
गगनयान:
गगनयान भारतीय मानवयुक्त अंतरिक्ष यान है. अंतरिक्ष कैप्सूल तीन लोगों को ले जाने के लिए तैयार किया गया है और इसे उन्नत संस्करण डॉकिंग क्षमता से लैस किया जाएगा. अपनी पहली मानवयुक्त मिशन में, यह 3.7 टन का कैप्सूल तीन व्यक्ति दल के साथ सात दिनों के लिए 400 किमी (250 मील) की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे. कक्षीय वाहन को इसरो के भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 पर लॉन्च करने की योजना है.
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