HNLC संकट: चेरिश्टरफील्ड थांगखियू की मृत्यु के बाद मेघालय में होने लगी उथल-पुथल
मेघालय के गृह मंत्री लखमेन रिंबुई ने इस्तीफा दे दिया है और चेरिश्टरफील्ड थांगखियू की हत्या के पीछे छिपी सच्चाई को उजागर करने के लिए न्यायिक जांच करवाने की मांग की है. इस आर्टिकल को पढ़कर जानें कौन थे ये थांगखियू और क्यों उनकी मौत ने मेघालय में मचाई उथल-पुथल.

मेघालय - HNLC संकट: एक पुलिस ऑपरेशन के दौरान गैरकानूनी हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) के एक पूर्व आतंकवादी चेरिश्टरफील्ड थांगखियू की मौत के बाद, शिलांग में 15 अगस्त, 2021 को आगजनी, पथराव और बर्बरता की काफी घटनाएं देखी गईं, और 18 अगस्त 2021 तक इस पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया.
मेघालय के गृह मंत्री लखमेन रिंबुई ने 15 अगस्त, 2021 को इस्तीफा दे दिया और 13 अगस्त को एक पुलिस अभियान के दौरान HNLC के थांगखियू की हत्या के पीछे छिपी सच्चाई को उजागर करने के लिए न्यायिक जांच करवाने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया.
इस अशांति के बीच, मेघालय सरकार ने 15 अगस्त, 2021 को शाम 06 बजे से चार जिलों, पूर्वी खासी हिल्स, पश्चिम खासी हिल्स, दक्षिण-पश्चिम खासी हिल्स और री-भोई जिले में 72 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया है.
आखिर ये चेरिश्टरफील्ड थांगखियू कौन थे?
• 57 वर्षीय थांगखियू अलगाववादी हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) के संस्थापक महासचिव थे.
• थांगखियू ने वर्ष, 1987 में उग्रवाद में प्रवेश किया था और मेघालय में पहले प्रमुख अलगाववादी उग्रवादी आदिवासी संगठन हाइनीवट्रेप अचिक लिबरेशन काउंसिल (HALC) के सह-संस्थापक थे. उन्होंने अक्टूबर, 2018 में सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
• थांगखियू को 13 अगस्त, 2021 को एक पुलिस मुठभेड़ के दौरान शिलांग में उनके आवास पर मार गिराया गया था.
• मेघालय पुलिस ने आगे यह कहा है कि, उनके पास पिछले दो महीनों में IED विस्फोटों में थांगखियू की संलिप्तता के पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
राजनीतिक परिणाम: मेघालय के गृह मंत्री रिंबुई ने दिया इस्तीफा
• मेघालय के गृह मंत्री, जोकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित, मुख्यमंत्री संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी के सहयोगी हैं, ने 15 अगस्त, 2021 को इस्तीफा दे दिया और थांगखियू की हत्या की न्यायिक जांच करवाने की भी मांग की.
• 16 अगस्त, 2021 को कैबिनेट ने थांगखियू की मौत की न्यायिक जांच करवाने की घोषणा की है.
• राज्य में कानून व्यवस्था से निपटने के लिए मुख्यमंत्री संगमा की अध्यक्षता में एक 'सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था' उपसमिति भी बनाई जाएगी.
मेघालय में अलगाववादी उग्रवाद: पृष्ठभूमि
• हाइनीवट्रेप अचिक लिबरेशन काउंसिल (HALC) का गठन वर्ष, 1980 के दशक के मध्य में पहले प्रमुख अलगाववादी उग्रवादी आदिवासी संगठन के तौर पर और एक बाहरी विरोधी आंदोलन के तौर पर भी किया गया था. थांगखियू इस परिषद के सह-संस्थापक भी थे.
• हाइनीवट्रेप ने खासी और जयंतिया समुदायों का प्रतिनिधित्व किया और अचिक ने गारो समुदाय का प्रतिनिधित्व किया.
• वर्ष, 2000 के दशक की शुरुआत से ही HNLC बार-बार बंद बुलाने, जबरन वसूली और स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करने के लिए जाना जाता है. वर्ष, 2004 से HALC सरकार के साथ एक विस्तारित युद्धविराम समझौते के तहत अपनी गतिविधियां जारी रख रहा है, जबकि HNLC सरकार के साथ, एक सशर्त आधार पर, शांति से बात करने की कोशिश कर रहा है.
• कुल मिलाकर, इस उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में उग्रवाद में कमी आई है और इसलिए, उग्रवाद से संबंधित घटनाओं में 80 प्रतिशत की गिरावट के बाद, केंद्र ने लगभग 27 वर्षों के बाद मेघालय से वर्ष, 2018 में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) वापस ले लिया था.
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