Aditya L1 Mission: इसरो को सौंपा गया मिशन का सबसे बड़ा पेलोड, जानें क्या है VELC पेलोड

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने इसरो को ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (Visible Line Emission Coronagraph-VELC) सौंप दिया है. यह आदित्य L1 प्रोजेक्ट का एक मुख्य यंत्र है जो सोलर-कोरोना का अध्ययन करेगा.  

इसरो को सौंपा गया मिशन का सबसे बड़ा पेलोड
इसरो को सौंपा गया मिशन का सबसे बड़ा पेलोड

Aditya L1 Mission: इस बार का गणतंत्र दिवस भारत के स्पेस कार्यक्रम के लिए भी एक अच्छी खबर लेकर आया है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने इसरो को ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (Visible Line Emission Coronagraph-VELC) सौंप दिया है. 

वीईएलसी, इसरो के आदित्य L1 प्रोजेक्ट के तहत सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा जायेगा. यह उपकरण आदित्य L1 प्रोजेक्ट  के तहत भेजा जाने वाला सबसे बड़ा यंत्र है. इसरो का यह महत्वाकांक्षी आदित्य L1 इस वर्ष जून या जुलाई में प्रस्तावित है.

विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ के बारें में:

वीईएलसी पेलोड को विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान और शिक्षा केंद्र (CREST) ​कैंपस में डिजाइन और तैयार किया गया है जो बेंगलुरु में स्थित है. यह आदित्य L1 प्रोजेक्ट का एक मुख्य यंत्र है.  

वीईएलसी पेलोड को IIA कैंपस में आयोजित एक समारोह में  'विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ' पेलोड को इसरो को सौंपा है. इस पेलोड को यूआरएससी में उपग्रह के साथ एकीकृत किया जाएगा. 

वीईएलसी में सौर डिस्क को अलग करने और डिस्क से प्रकाश को अलग करने के लिए एक तंत्र लगा हुआ है. सूर्य के कोरोना भाग से प्रकाश को आगे की प्रक्रिया के लिए कोरोनग्राफ (Coronagraph) द्वारा कैप्चर किया जाता है.

वीईएलसी का भार 196 किलोग्राम है और इसका डायमेंशन 1.7 मीटर x 1.1 मीटर x 0.7 मीटर है.

सोलर-कोरोना के तापमान की स्टडी करेगा VELC:  

वीईएलसी को मुख्य रूप से यह पता लगाने के लिए भेजा जा रहा है कि कोरोना (Corona) का तापमान लगभग एक मिलियन डिग्री तक कैसे पहुंच सकता है जबकि सूर्य की सतह स्वयं 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा अधिक रहता है. वीईएलसी इससे सम्बंधित डेटा को कलेक्ट करेगा. इसके लिए, पेलोड सौर डिस्क की मदद से निरंतर कोरोना स्टडी को टारगेट करेगा.  

आदित्य L1 मिशन:

आदित्य-L1 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. जिसको सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा जाना प्रस्तावित है. जिसको शुरू में आदित्य-1 (Aditya -1) नाम दिया गया था बाद में इसे बदलकर आदित्य L1 कर दिया गया था. इसे सोलर-कोरोना के अध्ययन के लिए डिज़ाइन किया गया है.    

यह सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के उद्देश्य से भारत का पहला सौर मिशन है. इस मिशन को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-एक्सएल (PSLV-XL) लॉन्च व्हीकल द्वारा लॉन्च किया जाएगा. 

सूर्य का अध्ययन करने के लिए एस्ट्रोसैट के बाद, आदित्य-L1  इसरो का दूसरा मिशन है. एस्ट्रोसैट मिशन को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी30 द्वारा सितंबर, 2015 में लांच किया गया था.   

क्या है मिशन का उद्देश्य?

आदित्य-L1 मिशन के तहत सूर्य के कोरोना, क्रोमोस्फीयर और फोटोस्फीयर का अध्ययन किया जायेगा. इसके अलावा, यह सूर्य से निकलने वाले कण प्रवाह (Particle flux) और चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) की ताकत में बदलाव का भी अध्ययन करेगा. 

इसे भी पढ़े:

Raja J Chari: भारतीय-अमेरिकी यूएस एयरफोर्स में ब्रिगेडियर जनरल ग्रेड पर नियुक्ति के लिए नामित

ICC Awards 2022: आईसीसी अवार्ड्स के सभी विजेताओं की लिस्ट जारी, जानें कौन बना मेन्स क्रिकेटर ऑफ द ईयर

 

Take Weekly Tests on app for exam prep and compete with others. Download Current Affairs and GK app

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS
Read the latest Current Affairs updates and download the Monthly Current Affairs PDF for UPSC, SSC, Banking and all Govt & State level Competitive exams here.
Jagran Play
खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर
Jagran PlayJagran PlayJagran PlayJagran Play