UNSC में भारत ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की जांच का किया आह्वान
भारत ने UNSC से आतंकवादी संगठनों के हाथों में पड़ने वाले सामूहिक हथियारों के विनाश के खतरों के बारे में संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने इस 04 मार्च, 2021 को रासायनिक हथियारों के कथित उपयोग की एक उद्देश्यपूर्ण जांच के लिए आह्वान किया है.
भारत ने UNSC से आतंकवादी संगठनों के हाथों में पड़ने वाले सामूहिक हथियारों के विनाश के खतरों के प्रति संज्ञान लेने का भी आग्रह किया है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि-राजनीतिक समन्वयक आर. रविंदर ने UNSC में बोलते समय यह उल्लेख किया कि, सीरिया में आतंकवादियों, विशेष तौर पर ISIS की गतिविधियां बढ़ रही हैं और इसलिए, UN काउंसिल को सामूहिक विनाश के हथियारों के खतरे से अवश्य आगाह रहना चाहिए.
भारत ने UNSC में अन्य देशों से मानवीय और विकास सहायता को राजनीति से न जोड़ने का आग्रह भी किया.
#IndiainUNSC
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) March 4, 2021
DPR-Political Coordinator @RAGUTTAHALLI spoke in the Security Council meeting on Syria🇸🇾 (Chemical weapons)
Highlights of remarks ⤵️ pic.twitter.com/HsYUjbczih
भारत ने सीरिया में निष्पक्ष जांच पर जोर दिया
सीरिया में किसी भी किस्म के रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल की एक उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष जांच की मांग पर भारत के आग्रह को दोहराते हुए, आर. रविंद्र ने आतंकवादी समूहों के हाथों में पड़ने वाले सामूहिक विनाश के हथियारों के खतरों के प्रति सचेत रहने के लिए UN काउंसिल का आह्वान भी किया.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, इस क्षेत्र में आतंकवादी, विशेषकर ISIS की गतिविधियां बढ़ी हैं. भारत ने सीरियाई नेतृत्व में बातचीत के माध्यम से सीरियाई लोगों की आकांक्षाओं को भी ध्यान में रखते हुए सीरियाई संघर्ष के शांतिपूर्ण और व्यापक समाधान का आह्वान किया है.
सीरिया में सामान्य स्थिति की वापसी और पुनर्निर्माण का समर्थन करता है भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि-राजनीतिक समन्वयक ने यह भी कहा कि, भारत ने मानव संसाधन विकास और मानवीय सहायता के माध्यम से सीरिया के सामान्यीकरण के लिए वापसी में और पुनर्निर्माण योगदान दिया है.
भारत सरकार ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के विनाश से संबंधित गतिविधियों के लिए रासायनिक हथियार निषेध न्यास निधि संगठन को 01 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान किए हैं.
सभी शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए सीरिया और OPCW तकनीकी सचिवालय के बीच समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है. UNSC में भारत ने यह उम्मीद जताई है कि, सीरियाई अधिकारियों और घोषणा मूल्यांकन टीम के बीच परामर्श से रिपोर्ट किए गए अंतराल और स्थिरता का आकलन करने में मदद मिलेगी.
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