ISA: ब्राजील बना पूर्ण सदस्य, रिपब्लिक ऑफ़ कांगो ने ISA फ्रेमवर्क पर किया हस्ताक्षर, जानें ISA के बारें में
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया की कांगो गणराज्य ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए है. ब्राज़ील, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का पूर्ण सदस्य बन गया है. ISA की पहल सर्वप्रथम पीएम मोदी द्वारा नवंबर 2015 में की गयी थी.

International Solar Alliance: भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया की कांगो गणराज्य ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि कांगो गणराज्य (Republic of Congo) के राजदूत रेमंड सर्ज बेल ने संयुक्त सचिव (Economic Diplomacy) की उपस्थिति में ISA को ज्वाइन किया है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल सर्वप्रथम पीएम मोदी द्वारा नवंबर 2015 में की गयी थी. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की बढ़ती जरूरतों के लिए एक क्रिया-उन्मुख, सदस्य-संचालित, सहयोगी मंच है.
ब्राजील बना ISA का पूर्ण सदस्य:
ब्राज़ील, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का पूर्ण सदस्य बन गया है. भारत में ब्राजील के राजदूत, आंद्रे अरन्हा कोरिया डो लागो ने आर्थिक कूटनीति के संयुक्त सचिव से मुलाकात की, जिसके दौरान सदस्यता का कार्यक्रम आयोजित किया गया.
आईएसए के पूर्ण सदस्य के रूप में, कोई भी देश अब धन, प्रोत्साहन पैकेज, सार्वजनिक नीतियों और अनुसंधान एवं विकास से जुड़े बहुपक्षीय प्रयासों में भाग ले सकता है.
Brazil becomes a full member of International Solar Alliance.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) February 3, 2023
Brazil handed over the Instrument of @isolaralliance Ratification during the meeting of Ambassador Andre Aranha Correa do Lago of Brazil with JS (Economic Diplomacy). pic.twitter.com/7SmTqPhWSG
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारें में:
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें आंशिक या पूर्ण रूप से कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित देश शामिल है. इसकी स्थापना 30 नवंबर 2015 को की गयी थी इसका मुख्यालय गुरुग्राम, हरियाणा में स्थित है.
ISA की कल्पना भारत और फ्रांस द्वारा सौर ऊर्जा समाधानों की मदद से, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रयासों को संगठित करने के संयुक्त प्रयास के रूप में की गई थी.
इसके गठन का क्या है उद्देश्य?
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मूल उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा पहुंच को सुविधाजनक बनाना है. साथ ही ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और सदस्य देशों में स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देना है.
आईएसए लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी सौर ऊर्जा समाधानों को विकसित और लागू करना चाहता है. विकासशील देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के रूप में वर्गीकृत देशों में प्रभाव देने पर विशेष ध्यान इसके उद्देश्यों में शामिल है.
ISA को मिला है पर्यवेक्षक का दर्जा:
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है. यह एलायंस और UNके बीच नियमित और अच्छी तरह से परिभाषित सहयोग प्रदान करने में मदद करेगा जिससे वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को लाभ होगा.
ISA के सदस्य:
अभी तक कुल 109 देशों ने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश आईएसए में शामिल होने के पात्र हैं.
'वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड' (OSOWOG):
OSOWOG वैश्विक सहयोग को सरल बनाने के लिए एक ढांचे पर ध्यान केंद्रित है, जो परस्पर अक्षय ऊर्जा संसाधनों के एक ग्लोबल इकोसिस्टम का निर्माण करता है. OSOWOG के पीछे की विज़न 'द सन नेवर सेट्स' (‘The Sun Never Sets’) है और किसी भी समय, किसी भी भौगोलिक स्थान पर, विश्व स्तर पर स्थिर है.
कांगो गणराज्य के बारें में:
कांगो गणराज्य एक मध्य अफ़्रीकी देश है जिसकी सीमा पश्चिम में दक्षिण अटलांटिक महासागर से लगती है. इसकी राजधानी ब्राज़ाविल (Brazzaville) है और इसकी मुद्रा सेंट्रल अफ्रीकन सीएफए फ्रैंक (Central African CFA franc) है.
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