विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था में 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी का लगाया अनुमान
विश्व बैंक की रिपोर्ट में जून के पूर्वानुमान के मुताबिक ही भारत के विकास अनुमान को 8.3 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है. इस रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम के बारे में इस आर्टिकल में सारी जरुरी जानकारी पढ़ें.

विश्व बैंक ने 07 अक्टूबर, 2021 को 'शिफ्टिंग गियर्स: डिजिटाइजेशन एंड सर्विसेज-लेड डेवलपमेंट' शीर्षक से अपनी नवीनतम दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट में यह कहा है कि, वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की GDP विकास दर 8.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. विश्व बैंक ने भारत के विकास अनुमान को जून के पूर्वानुमान के मुताबिक ही, 8.3 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में 'महत्वपूर्ण आधार प्रभाव, मजबूत निर्यात वृद्धि और घरेलू मांग को सीमित नुकसान' के कारण 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए विश्व बैंक के प्रमुख निष्कर्ष
भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश और प्रोत्साहन में वृद्धि की मदद से वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था के 8.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. कृषि और श्रम सुधारों के सफल कार्यान्वयन से मध्यम अवधि के विकास को बढ़ावा मिलेगा.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, टीकाकरण की बढ़ती गति वर्ष, 2021 में भारत की आर्थिक संभावनाओं को निर्धारित करेगी. इस रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि, आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं को कम करने और बुनियादी ढांचे के निवेश में वृद्धि के कारण और हाल ही में संरचनात्मक सुधारों के कारण वित्तीय वर्ष, 2023 से यह विकास लगभग 07 प्रतिशत पर स्थिर होने का अनुमान है.
विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उल्लिखित जोखिम अनुमान
इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, अपेक्षा से अधिक मुद्रास्फीति और अनौपचारिक क्षेत्र की धीमी रिकवरी उपभोक्ता खर्च के लिए मुख्य जोखिम है. इसने चेतावनी दी है कि, लगातार उच्च मुद्रास्फीति RBIके उदार मौद्रिक नीति रुख पर भी दबाव डाल सकती है.
GDP विकास का वर्तमान अनुमान इन कारणों से जून के पूर्वानुमान के समान है
दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने यह कहा है कि, 8.3 प्रतिशत पर भारत की मौजूदा GDP वृद्धि का अनुमान विश्व बैंक की जून, 2021 की वैश्विक आर्थिक संभावनाओं की वैश्विक रिपोर्ट के अनुरूप ही है.
COVID-19 महामारी के दौरान, विश्व बैंक ने अनिश्चितताओं के कारण वर्ष, 2021 में भारत के विकास के लिए 7.5 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत तक की वृद्धि की सीमा को शामिल किया है. इन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि का रुख उक्त सीमा के निचले सिरे की ओर है.
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