वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ को मिला जापान का प्रतिष्ठित फुकुओका पुरस्कार
जापान में फुकुओका पुरस्कार की शुरुआत साल 1990 में की गई थी. साईनाथ से पहले संगीतकार एआर रहमान और इतिहासकार रामचंद्र गुहा को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

वरिष्ठ पत्रकार और पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक पी. साईनाथ को जापान के प्रतिष्ठित ग्रैंड फुकुओका पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है. पुरस्कार की घोषणा के समय कहा गया कि पी. साईनाथ एक प्रतिबद्ध पत्रकार हैं, जो भारत में खेती करने वाले गरीब लोगों की आवाज उठाते हैं. साथ ही वे इन लोगों की जीवन शैली को वास्तविकता से परिचित कराते हुए 'ग्रामीण कहानियों' की रिपोर्ट करते हैं.
पी. साईनाथ के साथ दो अन्य लोगों को भी फुकुओका पुरस्कार दिया गया है. तीन अलग-अलग श्रेणियों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार में ग्रैंड अवार्ड साईनाथ को दिया गया, वही अकादमिक पुरस्कार जापान के इतिहासकार किशिमोतो मियो, कला और संस्कृति के लिए थाईलैंड के लेखक और फिल्म निर्माता प्रबदा यूं को सम्मानित किया गया.
फुकुओका पुरस्कार: एक नजर में
जापान में फुकुओका पुरस्कार की शुरुआत साल 1990 में की गई थी. इसका उद्देश्य एशिया की अनोखी और विविधतापूर्ण संस्कृति को संरक्षित रखने और प्रोत्साहित करने के काम करने वाले लोगों और संस्थानों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
Fantastic news from the Far East! @PSainath_org has been awarded the Fukuoka Grand Prize for the year 2021.
— People's Archive of Rural India (@PARInetwork) June 28, 2021
Since 1990, every year the city of Fukuoka honors the outstanding work of individuals or organizations in preserving or creating Asian culture. pic.twitter.com/ECwpb95Tce
इन्हें मिल चुका है यह सम्मान
पी. साईनाथ से पहले संगीतकार एआर रहमान और इतिहासकार रामचंद्र गुहा को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
पी. साईनाथ के बारे में
• पी. साईनाथ का जन्म 1957 में आंध्र प्रदेश में हुआ था. वे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी के पोते और कांग्रेस नेता वी शंकर गिरि के भांजे है.
• साईनाथ की पढ़ाई मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के लोयोला कॉलेज में हुई थी. साईनाथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक्सीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य भी रहे.
• साईनाथ देश के जानेमाने पत्रकार हैं. उन्होंने अपनी पत्रकारिता को सामाजिक समस्याओं, ग्रामीण हालातों, ग़रीबी, किसान समस्या और भारत पर वैश्वीकरण के घातक प्रभावों पर केंद्रित किया है.
• वे स्वयं को ग्रामीण संवाददाता कहते हैं. वे अंग्रेजी समाचार पत्र 'द हिंदू' और 'द वेवसाइट इंडिया' के ग्रामीण मामलों के संपादक हैं.
• वे हिंदू में पिछले छ: वर्षों से अपने कई महत्वपूर्ण कार्यों पर लिखते रहे हैं. पी. साईनाथ को उनके कार्यों के लिए वर्ष 2007 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
Take Weekly Tests on app for exam prep and compete with others. Download Current Affairs and GK app
एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप
AndroidIOS