जानें उस अध्यादेश के बारें में जिससे बच सकती थी राहुल गांधी की सदस्यता, वायनाड सीट हुई रिक्त
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. गुजरात की एक निचली अदालत ने 'मोदी सरनेम' के चार साल पुराने एक आपराधिक मानहानि मामलें में राहुल गांधी को दो साल की सज़ा सुनाई है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. यह फैसला, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में उनके द्वारा 'मोदी सरनेम' को लेकर की गयी एक टिप्पणी के मामले में दो साल की सज़ा मिलने के बाद आया है.
गुजरात की एक निचली अदालत ने 'मोदी सरनेम' के चार साल पुराने एक आपराधिक मानहानि मामलें में राहुल गांधी को दो साल की सज़ा सुनाई है. जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता समाप्त कर दी गयी है साथ ही कोर्ट ने उन पर 15 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है.
Rahul Gandhi - Congress MP from Wayanad, Kerala - disqualified as a Member of Lok Sabha following his conviction in the criminal defamation case over his 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/SQ1xzRZAot
— ANI (@ANI) March 24, 2023
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना:
इस संदर्भ में लोकसभा सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन (23 मार्च, 2023) से अयोग्य करार दिया जाता है. यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत लिया गया है.
ऊपरी अदालत में अपील का है विकल्प:
इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी के पास उपरी अदालत में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है. बता दें की कोर्ट ने उनको जमानत दे दी है और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, यानी कांग्रेस नेता के पास सज़ा के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने का समय है.
राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया था, जिसके लिए अधिकतम सजा दो साल और/या जुर्माना है. गौरतलब है कि राहुल के इस बयान के ख़िलाफ़ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने उन पर मानहानि का मुक़दमा किया था.
यदि उपरी अदालत भी राहुल की सजा बरकरार रखती हो तो राहुल अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
वायनाड लोकसभा सीट हुई रिक्त:
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) की लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. अब लोकसभा की वेबसाइट पर 3 रिक्त सीटें दिखाई दे रही है, जिनमें लक्षद्वीप, जालंधर और वायनाड संसदीय क्षेत्र शामिल है.
वह अध्यादेश जिससे राहुल की सदस्यता बच सकती थी:
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में एक फैसला दिया था जिसमें कहा गया था कि सांसद/विधायक को 2-साल या उससे अधिक की सज़ा होने पर उनकी संसद सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी जाएगी.
जिसके बाद तत्कालीन यूपीए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई थी जिसमें यह प्रावधान था कि कुछ शर्तों के तहत कोर्ट से दोषी ठहराए गए सांसद/विधायक को 3 माह की राहत दी जाएगी. उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस अध्यादेश को बकवास बताकर कहा था कि ऐसे अध्यादेश को फाड़ कर फेंक देना चाहिए. बाद में, तत्कालीन सरकार ने इस अध्यादेश को वापस ले लिया था.
किन-किन को गंवानी पड़ी है सदस्यता:
राहुल गांधी के इस मामले से पहले आरजेडी के लोकसभा सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, एनसीपी के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैज़ल और जेडीयू के लोकसभा सांसद जगदीश शर्मा की सदस्यता रद्द हुई थी.
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