K Viswanath: दिग्गज फिल्म डायरेक्टर के. विश्वनाथ का निधन, जानें उनके फ़िल्मी करियर के बारें में
तेलुगू फिमों के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक के. विश्वनाथ (K Viswanath) का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. फिल्मों में योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2017 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

K Viswanath: तेलुगू फिमों के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक के. विश्वनाथ (K Viswanath) का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. उनका हैदराबाद के एक अस्पताल में लम्बे समय से इलाज चल रहा था. वह उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे.
उनके निधन से पूरे फ़िल्मी जगत में शोक का माहौल है. हिंदी और तेलुगू सहित फिल्म जगत की हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली.
Veteran film director Kalatapasvi K Viswanath, passed away last night at the age of 92. He was undergoing treatment for age-related illnesses at a private hospital in Hyderabad. pic.twitter.com/YMW8MR4ZAc
— ANI (@ANI) February 3, 2023
ऑडियोग्राफर के रूप में शुरू हुआ था करियर:
के. विश्वनाथ ने मद्रास में वाउहिनी स्टूडियो (Vauhini Studios) के लिए एक ऑडियोग्राफर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. साथ ही उन्होंने साउंड इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया था. के. विश्वनाथ ने फिल्म निर्माता अदुर्थी सुब्बा राव की देख-रेख में अपना फिल्म मेकिंग का करियर शुरू किया था. उन्होंने वर्ष 1951 में तेलुगु फिल्म पत्थल भैरवी (Pathala Bhairavi) में सहायक निर्देशक के रूप में अपना निर्देशन करियर शुरू किया था.
के. विश्वनाथ का फ़िल्मी करियर:
के. विश्वनाथ ने तेलुगू सहित कई हिंदी फिल्मों का भी निर्देशन किया था. उनकी 1985 में आई तेलुगू फिल्म स्वाति मुथ्यम (Swati Muthyam) सुपर हिट रही थी, जिसमें कमल हासन ने अभिनय किया था. यह फिल्म अकादमी पुरस्कारों के लिए सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए भारत की अधिकारिक प्रविष्टि थी.
विश्वनाथ ने अपने निर्देशन की शुरुआत 1965 की फिल्म आत्मा गोवरवम से की थी.
विश्वनाथ ने 1979 की फिल्म सरगम से हिंदी फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत की थी जो सिरी सिरी मुव्वा की रीमेक थी. हिंदी फिल्मों के फिल्म मेकर राकेश रोशन ने कहा था कि उन्होंने विश्वनाथ से फिल्म निर्माण के बारे में सब कुछ सीखा है.
उनकी आखिरी निर्देशित फिल्म 2010 की तेलुगु फिल्म सुभाप्रदम थी जिसमें अल्लारी नरेश और मंजरी फडनीस ने अभिनय किया था. उन्होंने तेलुगू और तमिल की दो दर्जन से अधिक फिल्मों में भी अभिनय भी किया था.
कई हिंदी फिल्मों का भी निर्देशन किया था:
के. विश्वनाथ ने अपने करियर में कई हिंदी फिल्मों का भी निर्देशन किया था. जिनमें सुर सरगम, कामचोर, जाग उठा इंसान, ईश्वर, संजोग और संगीत जैसी हिंदी फ़िल्में शामिल थी. उन्होंने कई तेलुगू फ़िल्मों के हिंदी रीमेक का भी निर्देशन किया है. निर्देशन के अलावा उन्होंने 'राजापट्टाई', 'लिंगा' 'उत्तम विलेन' 'यारादी नी मोहिनी' और धनवान जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था.
अवार्ड और सम्मान:
के. विश्वनाथ को वर्ष 1992 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2017 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने चार दशक से अधिक के करियर में आठ बार फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते थे.
तेलुगु सिनेमा, तेलुगु थिएटर में उत्कृष्टता के लिए उन्हें कई बार नंदी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
उन्हें वर्ष 2014 सिनेमा में लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए गल्फ आंध्र अवार्ड - यू.ए.ई. से भी सम्मानित किया गया था.
When you surrender yourself to a form of art, Art will make you her own.
— Sai Pallavi (@Sai_Pallavi92) February 3, 2023
K. Viswanath Garu is Art itself And I’m blessed to have grown up watching your creations. You will live through them forever Aiya 🙏
Thank you🤍 pic.twitter.com/Ol1QRjFDPD
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