NASA: नासा 2030 तक अगली पीढ़ी के लो-इमिशन एयरप्लेन का निर्माण करेगा, यहाँ देखें डिटेल्स
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 2030 तक अगली पीढ़ी के लो-इमिशन एयरप्लेन का निर्माण करेगा. इसके लिए नासा ने विमान कंपनी बोइंग के साथ साझेदारी की घोषणा की है. जो यूएस को नेट-जीरो कार्बन इमिशन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.

Next Generation Low-Emissions Airplanes: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 2030 तक अगली पीढ़ी के लो-इमिशन एयरप्लेन का निर्माण करेगा जो यूएस को नेट-जीरो कार्बन इमिशन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.
इसके लिए नासा ने अमेरिका की विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के साथ साझेदारी की घोषणा की है. इसके तहत दोनों मिलकर अगली पीढ़ी के कमर्शियल विमान का निर्माण करेंगे.
यह प्रोजेक्ट नासा के इंटीग्रेटेड एविएशन सिस्टम्स प्रोग्राम का हिस्सा है और सस्टेनेबल फ़्लाइट नेशनल पार्टनरशिप का एक प्रमुख भाग है, जो नई सस्टेनेबल फ़्लाइट टेक्नोलॉजी को विकसित करने पर केंद्रित है.
We’re partnering with @Boeing to develop technologies for the next generation of single-aisle aircraft. We'll collaborate on a full-scale demonstrator by 2030 to help the U.S. achieve net-zero carbon emissions from aviation by 2050. Follow @NASAAero: https://t.co/dFikvL0YPa pic.twitter.com/TMXIupCyEh
— NASA (@NASA) January 18, 2023
सस्टेनेबल फ़्लाइट डिमॉन्स्ट्रेटर प्रोजेक्ट:
नासा और बोइंग साथ मिलकर सस्टेनेबल फ़्लाइट डिमॉन्स्ट्रेटर" (SFD) प्रोजेक्ट के तहत अगले सात वर्षों में कमर्शियल विमान के निर्माण पर काम करेंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत नासा $425 मिलियन का निवेश करेगा और बोइंग लगभग $725 मिलियन खर्च करेगा.
नासा चीफ बिल नेल्सन ने कहा कि भविष्य के हमें वाणिज्यिक विमानों का निर्माण करना है जो एनवायरनमेंट के साथ साथ वाणिज्यिक विमानन उद्योग और यात्रियों के लिए मददगार साबित होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम सफल होते है तो हम इन नई टेक्नोलॉजी को कमर्शियल फ्लाइट्स में देख सकते है.
क्या है प्रोजेक्ट की तैयारी?
इस समझौते के तहत नासा और बोइंग फुल स्केल सिंगल आइजल (Full-scale single-aisle) प्रदर्शनकारी विमान बनाने और उसका उड़ान परीक्षण किया जायेगा.
सस्टेनेबल फ़्लाइट डिमॉन्स्ट्रेटर प्रोजेक्ट के माध्यम से, बोइंग और उसकी टीम एक पूर्ण-पैमाने पर ट्रांसोनिक ट्रस-ब्रेस्ड विंग डिमॉन्स्ट्रेटर विमान के विकास और उड़ान-परीक्षण पर काम करेगी.
बोइंग के मुख्य इंजिनियर ग्रेग ह्यस्लोप (Greg Hyslop) ने कहा कि इसमें "स्थायी भविष्य की दिशा में एक बड़ा योगदान देने की क्षमता है.
बोइंग और नासा ने ट्रांसोनिक ट्रस-ब्रेस्ड विंग के आधार पर इनोवेटिव विंग का उड़ान-परीक्षण करने की योजना बनाई जो न्यूनतम ड्रैग बनाता है और कम फ्यूल का उपयोग करता है.
नासा का क्या है उद्देश्य?
नासा आने वाले समय में इस प्रकार के टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट से जहाँ एक ओर ग्रीन फ्लाइट्स डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा वही इस प्रकार की पहल हमारे एनवायरनमेंट के लिए भी लाभकर होगी.
नासा इस तरह की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स के माध्यम से वर्ष 2050 तक, विमानन समुदाय के लक्ष्य नेट-जीरो कार्बन इमिशन को भी हासिल करना चाहता है. इस लक्ष्य को हासिल करने में इस तरह की पहल गेम-चेंजर साबित होंगी.
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