चंद्रमा के नोबल क्रेटर पर वर्ष 2023 में उतरेगा नासा का VIPER रोवर, यहां पढ़ें सब कुछ
नासा वर्ष, 2023 में चंद्रमा के नोबल क्रेटर पर अपना VIPER रोवर लॉन्च करेगा. इस आर्टिकल को पढ़कर जानिये इस बारे में सब कुछ.

नासा ने 20 सितंबर, 2021 को यह घोषणा की है कि वर्ष, 2023 में नोबल क्रेटर के तौर पर ज्ञात चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के एक क्षेत्र पर पानी और बर्फ की खोज के लिए रोवर को उतारेगा. नासा का यह वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेशन पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर (VIPER) पानी का पता लगाने के लिए इस क्षेत्र की सतह का नक्शा बनाने के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के नोबेल क्रेटर क्षेत्र पर उतरेगा. आर्टेमिस मिशन के एक हिस्से के रूप में, इस VIPER को NASA की वाणिज्यिक लूनर पेलोड सर्विसेज पहल के तहत स्पेसएक्स फाल्कन-हेवी रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा.
चंद्रमा के नोबेल क्रेटर के बारे में
नोबेल क्रेटर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में एक प्रभाव गड्ढा (इम्पैक्ट क्रेटर) है. इसका निर्माण एक अन्य छोटे खगोलीय पिंड से टकराने के कारण हुआ था. यह लगभग स्थायी रूप से छाया में आच्छादित है जो बर्फ के अस्तित्व के लिए सही वातावरण बनाता है.
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव हमारे सौर मंडल के सबसे ठंडे क्षेत्रों में से एक है. इसका पता लगाने के लिए कोई भी मिशन चंद्रमा की सतह पर कभी नहीं उतरा है.
VIPER क्या है?
VIPER, जिसे वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर के तौर पर जाना जाता है, NASA द्वारा विकसित एक मोबाइल रोबोट है जो वर्ष, 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के उस क्षेत्र पर उतरेगा जिसे नोबेल क्रेटर के तौर पर जाना जाता है.
VIPER एक गोल्फ कार्ट के आकार के समान है. यह 5 फीट x 5 फीट x 8 फीट (1.5 मीटर x 1.5 मीटर x 2.5 मीटर) और वजन 950 पाउंड (430 किलोग्राम) है. VIPER की टॉप स्पीड 0.5 mph (0.8 kph) है.
यह VIPER रोवर 100 पृथ्वी दिनों की मिशन अवधि के लिए चंद्रमा पर जाएगा जो चंद्र दिन और रात के 3 चक्र हैं.
यह VIPER रोवर क्या करेगा?
यह VIPER रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव और इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी और अन्य संभावित संसाधनों की उपस्थिति का पता लगाएगा. यह VIPER रोवर चंद्रमा की उत्पत्ति, विकास और इतिहास का अध्ययन करेगा और भविष्य के चंद्र आर्टेमिस मिशन के लिए चंद्र वातावरण को समझेगा. यह इस बात का भी अध्ययन करेगा कि चंद्रमा पर जमा हुआ पानी (बर्फ) कैसे आया.
यह सौर-आवेशित रोवर 36 वर्ग मील (93 वर्ग किलोमीटर) के अनुमानित सतह क्षेत्र में नोबेल क्रेटर क्षेत्र का अध्ययन करेगा. नासा का यह VIPER रोवर हेडलाइट्स वाला पहला रोवर होगा क्योंकि यह चंद्रमा के अंधेरे पक्ष का पता लगाएगा जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती है.
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