अमेरिका के 'कोविड की उत्पत्ति के बौद्धिक मूल्यांकन' को चीन ने बताया वैज्ञानिक आधार रहित
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा संकलित इस अमेरिकी रिपोर्ट को "वैज्ञानिक आधार या विश्वसनीयता" से रहित बताया है.

“हजार बार दोहराया गया झूठ आखिर फिर भी झूठ ही है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि, यह रिपोर्ट कितनी बार प्रकाशित हुई या फिर, इस रिपोर्ट के कितने संस्करण आए, यह इस तथ्य को नहीं बदलेगा कि यह रिपोर्ट, संक्षेप में, एक राजनीतिक हथकंडा और झूठी है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार या विश्वसनीयता नहीं है.
चीन ने नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर अमेरिका को उसकी खुफिया रिपोर्ट के लिए "राजनीति से प्रेरित" बताया है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा संकलित इस अमेरिकी रिपोर्ट को "वैज्ञानिक आधार या विश्वसनीयता" से रहित बताया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के अनुसार, जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने पहली बार अगस्त माह में कोविड -19 की उत्पत्ति पर तथाकथित अवर्गीकृत मूल्यांकन का सारांश जारी किया था, तो चीन ने अपना कड़ा विरोध स्पष्ट कर दिया था.
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वांग ने आगे यह भी कहा कि, “हजार बार दोहराया गया झूठ आखिर फिर भी झूठ ही है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि, यह रिपोर्ट कितनी बार प्रकाशित हुई या फिर, इस रिपोर्ट के कितने संस्करण आए, यह इस तथ्य को नहीं बदलेगा कि यह रिपोर्ट, संक्षेप में, एक राजनीतिक हथकंडा और झूठी है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार या विश्वसनीयता नहीं है.”
चीन की यह प्रतिक्रिया बीते रविवार को आई थी, जब अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा आदेशित 90-दिवसीय समीक्षा से अपने निष्कर्षों का एक पूर्ण संस्करण जारी किया था.
अमेरिका की 'कोविड की उत्पत्ति का बौद्धिक मूल्यांकन' रिपोर्ट
अमेरिका की इस 18-पृष्ठ की रिपोर्ट में, अमेरिकी खुफिया समुदाय ने यह निष्कर्ष निकाला है कि कोरोना वायरस को जैविक हथियार के तौर पर विकसित नहीं किया गया था, लेकिन यह निर्धारित नहीं किया जा सका कि जानवरों के संपर्क के परिणामस्वरूप या फिर, किसी प्रयोगशाला की दुर्घटना से मनुष्यों को संक्रमित किया गया था या ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
इस रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि, नई जानकारी के बिना, खुफिया एजेंसियां इस पर बेहतर निर्णय लेने में सक्षम नहीं होंगी कि, क्या यह कोरोना वायरस पशु-से-मानव संचरण या प्रयोगशाला रिसाव के माध्यम से उत्पन्न हुआ है.
अमेरिका की रिपोर्ट के प्रति चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन की प्रतिक्रिया
वांग ने यह बताया कि, नोवेल कोरोना वायरस की उत्पत्ति का अध्ययन एक गंभीर और जटिल वैज्ञानिक मुद्दा है, जिसे वैश्विक वैज्ञानिकों द्वारा आपसी सहयोग में ही किया जाना चाहिए और किया जा सकता है. इस रिपोर्ट में आगे यह कहा गया है कि, कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों का इस्तेमाल करना अपने आप में राजनीतिकरण का एक ठोस सबूत है.
वांग ने आगे यह भी कहा कि, "अमेरिकी खुफिया सेवाओं का एक खराब ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उनके मिथ्याकरण और धोखे की रणनीति के बारे में सारी दुनिया को पता है."
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उन्होंने यह भी कहा कि, हाल ही में, 80 से अधिक देशों ने WHO के महानिदेशक को पत्र लिखने, बयान जारी करने और नोट भेजने सहित विभिन्न माध्यमों से संयुक्त चीन-WHO अध्ययन रिपोर्ट का पता लगाने और उसे बनाए रखने और उस रिपोर्ट के गैर-राजनीतिकरण के पक्ष में अपना विरोध जताने के लिए अपनी स्थिति स्पष्ट की थी.
वांग ने अमेरिका से कोविड-19 से लड़ने में अपने घरेलू प्रयासों और वैश्विक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी आग्रह किया. उन्होंने आगे कहा कि, अमेरिका को चीन पर हमला करना और उसकी निंदा करना बंद कर देना चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की वैध चिंताओं का जवाब देना चाहिए, WHO के विशेषज्ञों के दौरे के दौरान फोर्ट डेट्रिक और जैविक प्रयोग ठिकानों पर अपनी जैविक प्रयोगशालाएं खोलनी चाहिए.
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