NTPC ने शुरू किया भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट, जानें इसके बारें में
NTPC ने भारत की पहली हरित हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना (ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट) को शुरू किया है. यह प्रोजेक्ट NTPC और गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) का एक जॉइंट वेंचर है. इस जॉइंट प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने 30 जुलाई 2022 को रखी थी.

India's first green hydrogen blending project: NTPC ने भारत की पहली हरित हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना (ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट) को शुरू किया है. जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. जिसकी शुरुआत NTPC के कवास टाउनशिप, सूरत के पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) नेटवर्क में ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग के साथ की गयी है.
यह प्रोजेक्ट NTPC और गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) का एक जॉइंट वेंचर है. इस प्रोजेक्ट के पहले ग्रीन हाइड्रोजन मॉलिक्यूल को प्रोजेक्ट चीफ पी.रामप्रसाद ने शुरू किया. इस अवसर पर GGL के सीनियर ऑफिसर और NTPC कवास के ऑफिसर भी मौजूद थे.
ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट की शुरू होने के बाद कवास टाउनशिप के निवासियों के लिए एक जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया. जिसका उद्देश्य सुरक्षा की दृष्टि से इस हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट के बारें में लोगों को जागरूक करना है.
.@ntpclimited starts India’s first green hydrogen blending operation in the PNG network
— PIB India (@PIB_India) January 3, 2023
The set-up is geared up to supply H2-NG (natural gas) to households of Kawas township at Adityanagar, Surat
Read here: https://t.co/kTJaaL5ffQ pic.twitter.com/zdThOB6hWr
ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग प्रोजेक्ट, हाइलाइट्स:
NTPC और गुजरात गैस लिमिटेड के इस जॉइंट प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने 30 जुलाई 2022 को रखी थी. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया.
इसे प्रोजेक्ट को आदित्यनगर, सूरत में कवास टाउनशिप के घरों में H2-NG (natural gas) की सप्लाई के लिए तैयार किया गया है.
इस ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग सिस्टम को, पहले से स्थापित एक मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करके वाटर इलेक्ट्रोलिसिस के द्वारा तैयार किया गया है.
पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) ने पाइप्ड नेचुरल गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के 5 प्रतिशत वॉल्यूम को मिक्स करने की मंजूरी दी है. जिसे फेज वाइज 20 प्रतिशत तक किया जायेगा.
ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग का लाभ:
नेचुरल गैस के साथ मिलाये जानें के बाद ग्रीन हाइड्रोजन, नेट हीटिंग कंटेंट (net heating content) को सामान रखते हुए कार्बन इमिशन को कम करता है. इस तरह की उपलब्धि यूके, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे कुछ चुनिंदा देशों द्वारा हासिल की गयी है. इस तरह का प्रयास भारत को ग्लोबल हाइड्रोजन इकॉनमी के केंद्र में लाने में मदद करेगा.
इस तरह की पहल से भारत के हाइड्रोकार्बन इम्पोर्ट बिल में कमी आयेगी और साथ ही भारत आने वाले समय में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन केमिकल के एक्सपोर्टर के रूप में उभरेगा.
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन?
ग्रीन हाइड्रोजन को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके H2O को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित हाइड्रोजन के रूप में परिभाषित किया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा या लो-कार्बन पॉवर से उत्पन्न हाइड्रोजन है. यह ग्रे और ब्लू दोनों की तुलना में बहुत अलग है.
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