ओडिशा सरकार ने की हाथियों को करंट लगने से होने वाली मौत से बचाने के लिए पहल शुरू
ओडिशा सरकार ने अपने क्षेत्र में हाथियों को करंट लगने से होने वाली मौत से बचाने के उद्देश्य से बिजली के नेटवर्क की ग्राउंड क्लीयरेंस बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों को 445.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

ओडिशा सरकार ने अपने क्षेत्र में हाथियों को करंट लगने से होने वाली मौत से बचाने के उद्देश्य से बिजली के नेटवर्क की ग्राउंड क्लीयरेंस बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों को 445.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
ओडिशा सरकार की इस पहल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- ओडिशा सरकार द्वारा आवंटित धन की सहायता से, बिजली वितरण कंपनियां हाथी गलियारों और आवाजाही क्षेत्रों में खुले कंडक्टरों को भी बदल देंगी.
- इस पहल का उद्देश्य बिजली के झटके के कारण हाथियों की मौत को रोकना है.
- ऊर्जा विभाग के अनुसार, 79000 इंटरपोज़िंग पोल लगाए गए हैं और लगभग 2,300 सर्किट खुले कंडक्टरों को कवर किए गए कंडक्टर्स से बदल दिया गया है.
- हाल के घटनाक्रम में, राज्य की बिजली वितरण कंपनियों और वन विभाग को किसी भी हाथी को हताहत होने से रोकने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियमित आधार पर बातचीत करने के लिए कहा गया है.
- राज्य के अधिकारियों को स्थानीय समुदाय के साथ हाथियों के संरक्षण में शामिल होने और ऐसे सभी ग्रामीणों को पुरस्कृत करने की योजना लाने के लिए भी निर्देशित किया गया है, जो जंगली जानवरों के अवैध शिकार के लिए अवैध शिकंजे लगाने के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
ओडिशा राज्य में हाथी संरक्षण
हाथियों के संरक्षण पर काम करने वाले एक पर्यावरण दबाव समूह, वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ ओडिशा (WSO) के अनुसार अप्रैल, 2010 से अगस्त, 2021 के बीच लगभग 862 हाथियों ने अपनी जान गंवाई है. इसमें से लगभग 16 फीसदी अर्थात 135 हाथियों की मौत बिजली के झटके/ करंट लगने से हुई थी.
ओडिशा राज्य में हाथी संरक्षण से जुड़ी चिंताएं
अपर्याप्त गश्त और अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण और निगरानी में लापरवाही के कारण ओडिशा राज्य में हाथी संरक्षण एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है. इससे शिकारियों के लिए इस राज्य में हाथियों का शिकार करना आसान हो गया है.
ओडिशा राज्य में इलेक्ट्रोक्यूशन के मामले
राज्य में बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की कमी के कारण ही इस राज्य में ओवरहेड खुली तारों, जंगली सूअर के शिकार के लिए लगाई गई तारों और विद्युतीकृत बाड़ों के कारण बिजली का करंट लगने के कई मामले सामने आए हैं. अगर कंपनियां सुरक्षा उपकरण लगातीं तो इन हाथियों को बचाया जा सकता था. सबसे हालिया मामला वर्ष, 2018 में "ढेंकनाल जिले में सात हाथियों की हत्या" है और यह हादसा कमलांगा में 11 केवी तार की कम ऊंचाई के कारण हुआ था.
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