COP26: विश्व के 100 से अधिक नेताओं ने वर्ष 2030 तक वन-कटाई समाप्त करने का लिया संकल्प
वनों की कटाई को रोकना और उलटना "सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो दुनिया इस भयावह ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए कर सकती है."

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह कहा है कि, दुनिया के 85 प्रतिशत से अधिक वनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक देशों के नेता मंगलवार को ग्लासगो में विभिन्न पार्टियों/ देशों के 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में ग्लासगो लीडर्स डिक्लेरेशन ऑन फॉरेस्ट एंड लैंड यूज के तहत, वर्ष 2030 तक वनों की कटाई को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति का मुख्य विवरण
बीते मंगलवार (02 नवंबर, 2021) को, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ने पेरिस समझौते और संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लक्ष्यों की दिशा में, जरुरी कार्रवाई में तेजी लाने के लिए पार्टियों को एक साथ लाने के लिए 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक आयोजित COP26 शिखर सम्मेलन में, जलवायु परिवर्तन पर एक COP26 वन और भूमि उपयोग कार्यक्रम की मेजबानी की.
इस प्रेस विज्ञप्ति में आगे यह कहा गया है कि, “एक पीढ़ी में दुनिया के जंगलों की रक्षा करने के लिए सबसे बड़े कदम के तौर पर, 100 से अधिक नेता आज COP26 में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाए गए एक कार्यक्रम में 2030 तक वन हानि और भूमि क्षरण को रोकने और उलटने के लिए प्रतिबद्ध हुए हैं. सार्वजनिक और निजी वित्त पोषण में प्रतिज्ञा को लगभग £ 14 बिलियन ($ 19.2 बिलियन) का समर्थन प्राप्त है”.
उक्त सम्मेलन के मेजबान के बयान में आगे यह कहा गया है कि, "कनाडा और रूस के उत्तरी जंगलों से लेकर ब्राजील, कोलंबिया, इंडोनेशिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के उष्णकटिबंधीय वर्षा-वनों तक फैले देश वन और भूमि उपयोग पर ग्लासगो नेताओं की घोषणा का समर्थन करेंगे." ये सभी देश दुनिया के 85% वनों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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उक्त प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वनों की कटाई को रोकना और उलटना "सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो दुनिया इस भयावह ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए कर सकती है," क्योंकि "वैश्विक उत्सर्जन का 23 प्रतिशत भूमि-उपयोग की विभिन्न गतिविधियों जैसेकि, लॉगिंग (वन की लकड़ी काटना), वनों की कटाई और खेती" से आता है.
हाल के वर्षों में भूमि निकासी में तेजी आई है क्योंकि सोया, कोको और पाम तेल उत्पादक निर्यात बाजारों का विस्तार करते हैं. वर्ष, 2019 और इस साल अगस्त माह के बीच ब्राजील में अमेज़ॅन वर्षावन के क्षेत्रों को नष्ट करने वाली जंगल में लगी आग के पीछे औद्योगिक विकास का काफी हद तक संदेह है.
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