प्रधानमंत्री मोदी ने किया फार्मास्युटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट का उद्घाटन
इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री ने यह कहा कि, भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने वर्ष, 2014 से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 12 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश को आकर्षित किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फार्मास्युटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट (वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन) का उद्घाटन किया. इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 12 सत्र और 40 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता शामिल होंगे जो कई विषयों पर चर्चा करेंगे. इस शिखर सम्मेलन में रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया भी उपस्थित थे.
सम्मेलन में मंडाविया ने यह कहा कि, "भारत फार्मा क्षेत्र में तैयार उत्पादों के इनोवेशन/ नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है." मंडाविया ने यह भी कहा कि, भारत ने फार्मा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की है जो देश को फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी.
भारत के फार्मास्युटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट का एजेंडा
फार्मास्युटिकल क्षेत्र के इस दो दिवसीय ग्लोबल इनोवेशन समिट में घरेलू और वैश्विक फार्मा उद्योगों के प्रमुख सदस्य, जॉन हॉपकिंस इंस्टीट्यूट, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, IIM अहमदाबाद और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के अधिकारी, निवेशक और शोधकर्ता भाग ले रहे हैं.
इस दो दिवसीय ग्लोबल इनोवेशन समिट में 12 सत्रों में, 40 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता इनोवेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री-एकेडमिया सहयोग, इनोवेशन के लिए फंडिंग और रेगुलेटरी एनवायरनमेंट जैसे विषयों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.
भारत के फार्मास्युटिकल क्षेत्र के पहले ग्लोबल इनोवेशन समिट में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें
इस ग्लोबल इनोवेशन समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि, भारतीय फार्मा उद्योग भारत के आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, भारतीय दवा उद्योग ने COVID-19 महामारी के दौरान उपस्थित चुनौती का मुकाबला करते हुए, वैश्विक विश्वास अर्जित किया है जिसके कारण भारत को अब 'दुनिया की फार्मेसी' कहा जा रहा है.
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भारत ने वर्ष, 2021 में लगभग 100 देशों को COVID-19 टीकों की 65 मिलियन से अधिक खुराक का निर्यात किया है. भारत ने COVID-19 महामारी की शुरुआत के दौरान 150 से अधिक देशों को चिकित्सा उपकरण और जीवन रक्षक दवाओं का भी निर्यात किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे यह कहा कि, भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने वर्ष, 2014 से अब तक 12 अरब डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला जिसके लिए भारत के 1.3 बिलियन लोगों ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं. हमें दवाओं और टीकों के लिए जरुरी प्रमुख सामग्री के घरेलू निर्माण में तेजी लानी चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि, अपनी असली ताकत की खोज करें और दुनिया की सेवा करें और ‘आइडिएट इन इंडिया, इनोवेट इन इंडिया, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लिए हितधारकों को आमंत्रित करके अपने संबोधन का समापन किया.
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