राज्यसभा ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019 को मंजूरी दी

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश में मेडिकल शिक्षा (medical education) व्यवस्था को दुरुस्त और पारदर्शी बनाना है. इस विधेयक का उद्देश्य है कि देश में एक ऐसी मेडिकल शिक्षा की ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो विश्व स्तर की हो.

National Medical Commission Bill, 2019
National Medical Commission Bill, 2019

राज्‍यसभा से 01 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019 को मंजूरी मिल गयी है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया.

इसमें चिकित्सा क्षेत्र एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के नियमन हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद की जगह एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के गठन का प्रस्ताव है. इस विधेयक पर लाए गए विपक्ष के संशोधनों को ध्वनिमत से जबकि दो संशोधन प्रस्तावों को क्रमश: 61 के मुकाबले 106 मतों तथा दूसरे को 51 के मुकाबले 104 मतों से खारिज कर दिया.

लोकसभा से भी पास

लोकसभा ने 29 जुलाई 2019 को ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी थी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक संघीय स्वरूप के खिलाफ है.

लोकसभा में इससे पहले संपूर्ण विपक्ष ने इस विधेयक को लेकर गरीब-विरोधी और सामाजिक न्याय एवं सहकारी संघवाद के खिलाफ करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे. इस विधेयक के तहत राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को समाप्त कर, उसके स्थान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन किया जायेगा. केंद्र सरकार ने मेडिकल शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने के उद्देश्य से ये बिल लेकर आई है.

कानून बन जाने पर यह विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) कानून 1956 की जगह ले लेगा. इस विधेयक में ‘ब्रिज कोर्स’ का एक विवादित प्रावधान भी शामिल किया गया था. इसके जरिए वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों (आयुष) की प्रैक्टिस करने वालों को एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की छूट होती है.

विधेयक का उद्देश्य:

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश में मेडिकल शिक्षा (medical education) व्यवस्था को दुरुस्त और पारदर्शी बनाना है. इस विधेयक का उद्देश्य है कि देश में एक ऐसी मेडिकल शिक्षा की ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो विश्व स्तर की हो.

नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT) क्या है?

इस बिल के पास होने के बाद अब एमबीबीएस (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) पास करने के बाद प्रैक्टिस के लिए नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT) देना होगा. नेशनल एक्जिट टेस्ट अभी केवल विदेश से मेडिकल पढ़कर आने वाले छात्र देते है. डॉक्टरों को एमबीबीएस कोर्स के बाद मेडिकल प्रैक्टिस के लाइसेंस हेतु अब नेशनल एक्जिट टेस्ट की परीक्षा में पास होना होगा. उन्हें इस टेस्ट को पास करने के बाद ही मेडिकल प्रैक्टिस हेतु लाइसेंस मिलेगा.

समय-समय पर सभी चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग समय-समय पर सभी चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन भी करेगा. आयोग भारत के लिए एक मेडिकल रजिस्टर के रख-रखाव की सुविधा प्रदान करेगा तथा मेडिकल सेवा के सभी पहलुओं में नैतिक मानदंड को भी लागू करवाएगा.

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राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC)

केंद्र सरकार एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) बनाएगी. यह परिषद मेडिकल शिक्षा और ट्रेनिंग के बारे में राज्यों को अपनी समस्याएं और सुझाव रखने का मौका देगी. ये परिषद मेडिकल कमीशन (MCI) को सुझाव देगी कि मेडिकल शिक्षा को कैसे और अच्छा बनाया जाए.

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