शक्ति-2019: आतंकवाद के विरुद्ध भारत-फ्रांस का संयुक्त सैन्य अभ्यास
शक्ति-2019 अभ्यास 13 नवंबर, 2019 तक आयोजित किया जाएगा. भारतीय सैनिकों के साथ प्रशिक्षण अभ्यास के लिए 26 अक्टूबर को फ्रांस से सेना की टुकड़ी भारत पहुंच चुकी है.
शक्ति-2019: भारत और फ्रांस के मध्य 31 अक्टूबर 2019 से राजस्थान में संयुक्त सैन्य अभ्यास आरंभ हो रहा है. दोनों देशों की सेना अपने अनुभव एवं तकनीकी ज्ञान को इस युद्धाभ्यास द्वारा साझा करेगी. 'शक्ति -2019' का आयोजन राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में किया जाएगा.
यह अभ्यास 31 अक्टूबर से 13 नवंबर, 2019 तक आयोजित किया जाएगा. भारतीय सैनिकों के साथ प्रशिक्षण अभ्यास के लिए 26 अक्टूबर को फ्रांस से सेना की टुकड़ी भारत पहुंच चुकी है.
शक्ति-2019 की मुख्य बातें
इस युद्धाभ्यास में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व सप्त शक्ति कमान के सिख रेजिमेंट के एक दल द्वारा किया जाएगा. फ्रांसीसी सेना का प्रतिनिधित्व 6वीं बख्तरबंद ब्रिगेड की 21वीं मरीन इन्फेंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जाएगा.
इस सैन्यअभ्यास की अवधि 36 घंटे की होगी. ‘शक्ति सैन्यअभ्यास’ की शुरुआत भारत और फ्रांस के बीच 2011 में हुई थी.
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उद्देश्य
'शक्ति -2019' का मुख्य उद्देश्य भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देना है.
'शक्ति -2019' मुख्य रूप से आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होगा. इसका अभ्यास अर्ध-रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में किया जायेगा. इसमें एक गांव के ठिकाने में आतंकवादियों को निष्प्रभावी करना शामिल होगा.
संयुक्त सैन्य ड्रिल एक उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, ड्रिल की सामरिक साझेदारी और एक दूसरे से सर्वोत्तम प्रथाओं और तकनीकों के सीखने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
भारत और फ्रांस सैन्य अभ्यास शक्ति-2018
भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास "शक्ति-2018" फ्रांस में 20 जनवरी से 4 फरवरी, 2018 तक पूर्वी फ्रांस के मेल्ली-ले-कैंप, औबे के युद्ध प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया गया था. इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य भारतीय और फ्रांसीसी सेनाओं के बीच उच्च स्तरीय संचालन सहयोग को बनाए रखने में मदद करना था और संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत किए गए मिशनों में, सामान्य संचालन प्रक्रियाओं पर काम करना था, जो कि आगे चलकर सहयोगी साबित हुआ.
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 8वीं गोरखा राइफल्स के पहाड़ी युद्ध में विशेषज्ञता रखने वाले 45 कर्मियों द्वारा किया गया था, जबकि फ्रांसीसी सेना का प्रतिनिधित्व दूसरी इन्फैंट्री मरीन रेजिमेंट की 5वीं कंपनी द्वारा किया गया था.
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