Cheetahs: दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत स्थानांतरित किया जायेगा, जानें भारत में चीतों की स्थिति

भारत और साउथ अफ्रीका ने भारत में चीतों के स्थानान्तरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है. . इसके तहत मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 12 चीतों को लाया जायेगा. 

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत स्थानांतरित किया जायेगा
दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को भारत स्थानांतरित किया जायेगा

भारत में चीतों की संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत और साउथ अफ्रीका ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है. इसके तहत मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 12 चीतों को लाया जायेगा. 

इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ चीतों को स्थानांतरित किया गया था. सरकार देश में चीतों को एक बेहतर संख्या में देखना चाहती है जिसके तहत ये कदम उठाये जा रहे है. 

दुनिया भर में लगभग चीतों की संख्या 7,000 है. इनकी अधिकांश संख्या अफ़्रीकी महाद्वीप में पाई जाती है. 

पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसके बारें में जानकारी दी है. इस समझौते पर पिछले हफ्ते हस्ताक्षर किये गए थे. इस प्रोजेक्ट के तहत 15 फरवरी तक सात नर और पांच मादा चीतों के भारत आने की उम्मीद है.

भारत-दक्षिण अफ्रीका समझौता, हाइलाइट्स:

चीतों के स्थानांतरण के लिए भारत-दक्षिण अफ्रीका समझौते पर साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के अनुमोदन के बाद, दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण मंत्रालय ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.

भारत सरकार के अधिकारी ने बताया कि विशेषज्ञों की एक टीम 12 चीतों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए अगले महीने दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी. 

स्थानांतरित किये जाने वाले चीतों को साउथ अफ्रीका में दो स्थानों पर रखा गया है. इनमें से तीन क्वाज़ुलु-नताल प्रांत के फिंडा में और नौ लिम्पोपो के रूइबर्ग में प्रांत में जुलाई 2022 से रखा गया है.

भारत में चीतों की स्थिति:

भारत में चीतों को आखिरी बार 1948 में देखा गया था. 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल के जंगलों में आखिरी चीते की मौत हो गयी थी. 
हाल ही में अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया गया था. जो भारत में इनकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया एक कदम है. वर्ष 1952 में भारत में विलुप्त चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.  

भारत में अफ्रीकी चीतों को भारत और अफ्रीका (मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से) के बीच अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना के तहत लाया जा रहा है.

भारत में चीतों के स्थानांतरण का क्या है उद्देश्य:

भारत में इनको लाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य देश में चीतों के इकोसिस्टम को फिर से डेवलप करना है. साथ यह चीतों  के संरक्षण की दिशा में वैश्विक प्रयास में भी अहम योगदान देगा.

अफ़्रीकी चीतों को भारत में लाने की परिकल्पना वर्ष 2009 में की गयी थी. लेकिन इस प्रोजेक्ट के आगे बढ़ने में काफी समय लग गया.      
चीतों को भारत में फिर से लाने से भारत में ईकोटूरिज्म और संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जिससे राजस्व की भी प्राप्ति होगी.   

विश्व में चीतों की स्थिति:

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में इसे अधिसूचित किया गया है. दुनिया के 7,000 चीतों में से अधिकांश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में पाए जाते है. नामीबिया में चीतों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है.

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