Sri Lanka crisis: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, जानें वजह
Sri Lanka crisis: महिंदा राजपक्षे ने राजधानी कोलंबो में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच यह निर्णय किया है. मालूम हो कि राष्ट्रपति द्वारा दूसरी बार इमरजेंसी लागू किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

Sri Lanka crisis: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका में आर्थिक संकट एवं विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पद से इस्तीफा दे दिया है. महिंदा राजपक्षे ने राजधानी कोलंबो में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच यह निर्णय किया है. मालूम हो कि राष्ट्रपति द्वारा दूसरी बार इमरजेंसी लागू किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
श्रीलंकाई अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 09 मई को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया. बता दें श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में इमरजेंसी लागू है. श्रीलंका में इमरजेंसी के बीच अब राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया है.
Sri Lankan Prime Minister Mahinda Rajapaksa resigns: Local media#SriLanka
— ANI (@ANI) May 9, 2022
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इस्तीफा देने के बाद महिंदा राजपक्षे ने क्या कहा?
महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम जनता से संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जब भावनाएं उच्च स्तर पर चल रही हैं, हमें ये याद रखना चाहिए कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देगी. उन्होंने कहा है कि हम जिस आर्थिक संकट में हैं, उस एक आर्थिक समाधान की जरूरत है.
लगभग 20 लोग घायल
09 मई को सरकार के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हुई झड़पों के बाद यह कर्फ्यू लगाया गया. विरोध प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. इन झड़पों में लगभग 20 लोग घायल हुए हैं.
राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 06 मई की रात को देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा की थी. राजपक्षे ने उनके निजी आवास के बाहर जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन के बाद 01 अप्रैल को भी आपातकाल की घोषणा की थी. हालांकि, 05 अप्रैल 2022 को इसे वापस ले लिया गया था.
सबसे गंभीर आर्थिक संकट
ब्रिटेन से साल 1948 में आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. बता दें यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के वजह से पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. पूरे श्रीलंका में 09 अप्रैल से हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं.
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