अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लागू किए है. इससे सम्बंधित बिल पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हस्ताक्षर किए हैं. इससे पहले उन्होंने मॉस्को के खिलाफ ऐसे किसी कदम का विरोध किया था.
प्रतिबन्ध लगाने का कारण-
हाल ही रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने अमेरिकी राजनयिकों की संख्या में कटौती के आदेश जारी किए. इसी के बाद अमेरिका ने इस प्रतिबन्ध की घोषणा की है.
पिछले साल के अमेरिकी चुनाव में कथित हस्तक्षेप और यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को अपने साथ मिला लेने को लेकर अमेरिका ने रूस के खिलाफ अतिरिक्त और पहले से सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा हुकाबी सैंडर्स के अनुसार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी दूतावास से 755 स्थानीय और अमेरिकी कर्मियों की संख्या में कटौती करने के आदेश जारी किए थे.
न्यूज़ एजेंसी के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बंद कमरे में और कैमरों से दूर विधेयक पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही उन्होंने अपने वीटो के खिलाफ कांग्रेस के किसी भी संभावित कदम को टालने का काम किया.
रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध के लाभ-
अमेरिका द्वारा लागू किए गए इस प्रतिबंध वाले बिल से रूस को पूर्वी यूक्रेन में सैन्य गतिविधियों और क्रीमिया के कब्जे से रोका जा सकेगा.
इसके साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन, साइबर अटैक और सीरियाई सरकार को हथियार भेजने वाले रूसी नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकेगा.
अमेरिका ने पूर्व में ही रूसी नागरिकों और कंपनियों पर प्रतिबंध लागू कर रखे हैं. पिछले वर्ष दिसंबर में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 35 रूसी अधिकारियों को वापस भेजने का निर्देश दिया था.
रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन के अनुसार मॉस्को विरोधी यह बिल वाशिंगटन के आंतरिक राजनीतिक संघर्ष का परिणाम है.
अमेरिका द्वारा अन्य देशों पर प्रतिबन्ध-
अफगानिस्तान-
पेंटागन के अनुसार अफगान नीति की समीक्षा पर ट्रम्प प्रशासन की ओर से कोई फैसला नहीं किया गया. ट्रम्प प्रशासन अफगानिस्तान से सैनिक हटाने के विकल्प पर विचार कर रहा है.
व्हाइट हाउस सिर्फ सैन्य ही नहीं बल्कि कूटनीतिक, वित्तीय, खुफिया जानकारी और सूचना जैसे राष्ट्रीय शक्ति के साधनों के मामले में अंतिम स्थिति पर विचार कर रहा है.
उत्तर कोरिया-
उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण कर अंतरराष्ट्रीय मापदंडों की अवहेलना किए जाने के बाद अमरीका उत्तर कोरिया पर सभी विकल्प खुले रखे हैं. उत्तर कोरिया के खिलाफ भी सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
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