उत्तराखंड के मदरसों में अगले शैक्षणिक सत्र से संस्कृत पढ़ाई जाएगी
उत्तराखंड राज्य के मदरसों में वैकल्पिक विषय के तौर पर गणित, विज्ञान, आयुष और समाज विज्ञान की पढ़ाई होती है.

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड (यूएमईबी) की एक समिति द्वारा समूचे राज्य के मदरसों में संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी है. इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस को भी वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाए जाने को मंजूरी प्रदान की गयी.
राज्य के मदरसों में वैकल्पिक विषय के तौर पर गणित, विज्ञान, आयुष और समाज विज्ञान की पढ़ाई होती है. यूएमईबी के उप रजिस्ट्रार अखलाक अहमद ने बताया कि बोर्ड की छह सदस्यीय समिति ने संस्कृत और कंप्यूटर विज्ञान को वैकल्पिक विषयों के तौर पर शामिल करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
प्रस्ताव को मंजूरी के लिए बोर्ड की उच्चतर समिति के पास भेजा जाएगा. पाठ्यक्रम में संस्कृत को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी के कुछ दिन पहले उत्तराखंड मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने विषय के तौर पर संस्कृत को शामिल करने के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया था.
निर्णय से सम्बंधित तथ्य
• यह निर्णय सामाजिक संस्था मदरसा वेलफेयर सोसायटी ऑफ उत्तराखंड (एमडब्ल्यूएसयू) के अनुरोध के बाद आया है.
• एमडब्ल्यूएसयू के द्वारा राज्य भर में 207 मदरसे संचालित किए जाते हैं, जिसमें 25 हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस संस्था ने कुछ दिनों पहले ही सरकार से अनुरोध किया था कि मदरसों में भी बच्चों को अन्य भाषाओं की तरह संस्कृत पढ़ाई जाए.
• वर्तमान में राज्य के 297 रजिस्टर्ड मदरसों में छात्रों को गणित, विज्ञान, आयुष और सामाजिक विज्ञान ही वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है.
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