Budget 2023: भारत का केंद्रीय बजट क्या है, यह इतना महत्वपूर्ण क्यों? बजट के प्रकार सहित जानें सब कुछ
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट जल्द पेश होने वाला है. 2024 के आम चुनावों से पहले यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. बजट को 'वार्षिक वित्तीय विवरण' के रूप में भी जाना जाता है.

Budget 2023-24: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट जल्द पेश होने वाला है. इस बजट को वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित मंत्रालय से परामर्श करके तैयार किया गया है. वर्ष 2023-24 के लिए बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.
2024 के आम चुनावों से पहले यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. साथ ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार पांचवां बजट है.
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 31, 2023
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman will present the Union Budget 2023-24 from Parliament, tomorrow.
🗓️ 1st Feb. 2023
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केंद्रीय बजट क्या है?
Union Budget of India: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष (Financial Year) की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार संसद में बजट पेश करती है. सरल भाषा में कहे तो बजट किसी वित्तीय वर्ष में देश का फाइनेंशियल लेखा-जोखा होता है. बजट को राष्ट्र के वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में भी जाना जाता है. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (बजट डिवीज़न) द्वारा इसे तैयार किया जाता है.
केन्द्रीय बजट का संवैधानिक प्रावधान:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 (Article 112) के तहत, एक वर्ष के केन्द्रीय बजट (Union Budget) को 'वार्षिक वित्तीय विवरण' (Annual Financial Statement-AFS) के रूप में जाना जाता है. जिसमें सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण होता है. एक वित्तीय वर्ष, प्रतिवर्ष 01 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है.
केन्द्रीय बजट में शामिल मुख्य बिंदु:
केन्द्रीय बजट में राजस्व और पूंजी प्राप्तियों का अनुमान, व्यय अनुमान, राजस्व बढ़ाने के तरीके और पिछले वित्त वर्ष की वास्तविक प्राप्तियों और व्यय का लेखा-जोखा आदि को शामिल किया जाता है.
साथ ही आने वाले वर्ष की आर्थिक और वित्तीय नीतियाँ, कराधान प्रस्ताव, नई योजनाओं और परियोजनाओं को शामिल किया जाता है.
केन्द्रीय बजट के प्रकार:
बजट को हम कई तरह से वर्गीकृत कर सकते हैं. बजट का प्रकार उसके अवधारण (Emphasis) और व्यय (Expenditure) और प्राप्तियों (Receipts) के बीच के अंतर के आधार पर तय किया जाता है.
अनुमानों के आधार पर तीन प्रकार के वार्षिक सरकारी बजट होते है, जो इस प्रकार है- संतुलित बजट (Balanced Budget) अधिशेष बजट (Surplus Budget) और घाटे का बजट (Deficit Budget) हैं.
बैलेंस्ड बजट: अगर किसी वित्तीय वर्ष में सरकार की प्राप्तियां और व्यय के आंकड़े बराबर हों तो उसे संतुलित या बैलेंस्ड बजट कहते हैं.
सरप्लस बजट: अगर सरकार की प्राप्तियों (आमदनी), उसके व्यय से अधिक हो तो उसे सरप्लस बजट कहते हैं.
डेफिसिट बजट: अगर सरकार का अनुमानित व्यय उसकी कमाई या प्राप्तियों से अधिक हो तो इसे डेफिसिट बजट कहते हैं.
स्वतंत्र भारत का पहला बजट:
स्वतंत्र भारत का पहला बजट वर्ष 1947 में आरके शनमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) द्वारा पेश किया गया था. वर्ष 2017 में, 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म करके, रेल बजट को केंद्रीय बजट में विलय कर पेश किया गया था.
बजट 2023-24 से आम जनता की उम्मीदें:
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट जल्द पेश होने वाला है. जिसकों लेकर आम जनता को काफी उम्मीदें है. लोगों को राशन, गैस के दामों में कमी, पेट्रोल डीजल के दामों में कमी सहित टैक्स में कमी की भी उम्मीदें है.
अब देखना यह है कि सरकार जनता के लिए इस बजट में क्या लेकर आ रही है और इससे आमजन को कितनी राहत मिलने वाली है. बजट 2023-24 को लेकर आम लोगों को उम्मीद है कि इस बार केंद्र सरकार की तरफ से राहत दी जाएगी.
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