WMO ने की स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज 2021 वाटर रिपोर्ट जारी
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 05 अक्टूबर, 2021 को "द स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज 2021: वाटर" शीर्षक से अपनी नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में विश्व के क्लाइमेट के साथ ही पानी और जल प्रदुषण के बारे में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 05 अक्टूबर, 2021 को "द स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज 2021: वाटर" शीर्षक से अपनी नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में विश्व के क्लाइमेट के साथ ही पानी और जल प्रदुषण के बारे में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है.
WMO की वाटर रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- WMO के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से बाढ़ और सूखे जैसे पानी से संबंधित खतरे बढ़ जाते हैं.
- जलवायु परिवर्तन से पानी की कमी से प्रभावित लोगों की संख्या में भी वृद्धि होगी.
- इस वाटर रिपोर्ट के अनुसार वर्ष, 2018 में दुनिया भर में 3.6 बिलियन लोगों के पास प्रति वर्ष कम से कम एक महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच थी.
- यह संख्या वर्ष, 2050 तक पांच अरब से अधिक होने की उम्मीद है.
- इस वाटर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, यह स्थिति और खराब होती जा रही है क्योंकि पृथ्वी पर केवल 0.5 प्रतिशत पानी ही उपयोग योग्य ताजा पानी उपलब्ध है.
- पिछले 20 वर्षों में पानी से संबंधित खतरे बढ़े हैं.
- पिछले दो दशकों की तुलना में वर्ष, 2000 के बाद से बाढ़ से संबंधित आपदाओं में 134 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि, इसी अवधि के दौरान सूखे की संख्या और अवधि में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
- अफ्रीका में, लगभग दो अरब लोग पानी की कमी वाले देशों में रहते हैं. उन्हें पीने के लिए सुरक्षित पानी और साफ-सफाई की कमी का सामना करना पड़ता है.
सूखे से होने वाली मौतें
WMO की इस वाटर रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि, सूखे (अकाल) से संबंधित अधिकांश मौतें अफ्रीका में हुई हैं. इस प्रकार, अफ्रीकी क्षेत्र में सूखे के लिए अधिक मजबूत एंड-टू-एंड चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है. एशिया में बाढ़ से संबंधित अधिकांश मौतें और आर्थिक नुकसान देखे जाते हैं.
बढ़ते तापमान का प्रभाव
इस वाटर रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर वर्षा काल में परिवर्तन हो रहा है. इससे वर्षा के पैटर्न के साथ-साथ कृषि मौसम में भी बदलाव आएगा.
WMO की सिफारिशें
WMO ने यह सिफारिश की है कि, देशों को अपने एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और सूखा एवं बाढ़ के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली में निवेश बढ़ाना चाहिए. WMO ने सभी देशों से बुनियादी हाइड्रोलॉजिकल वैरिएबल के लिए डाटा एकत्र करने की क्षमता में अंतर को दूर करने का भी आग्रह किया है.
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