मिस्र के पुरावशेष मंत्रालय के अनुसार, मिस्र और अमेरिका के पुरातत्ववेत्ताओं के एक दल ने जनवरी 2014 में 1650 BC पूर्व पुराना (अज्ञात) फ़राओ राजाओं का मकबरा खोजा. मिस्र के इन राजवंशों के मकबरे की खोज पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय के पुरातत्ववेत्ताओं ने सोहाग शहर के निकट नील नदी की घाटी में काम करते हुए की.
इन पुरातत्ववेत्ताओं ने सोलह-राजवंश के राजाओं के मकबरे को अनावृत किया था. चित्रलिपि से उन्हें मकबरे की दीवारों पर अंकित नाम समझने में मदद मिली और उन्होंने शव-कक्ष के एक अभिलेख से सेनेके का मकबरा पहचाना. उत्खनन से रहस्यमय फ़राओज के शाही कब्रिस्तान होने का पता चला.
गत हजारों वर्षों में चित्रित अभिलेख का अर्थ निकाला गया है और उससे फ़राओ राजाओं के नामों और उपाधियों का पता चला है. यह खोज मिथकों में उल्लिखित इस लुप्त साम्राज्य और उसके शासक राजवंश के अस्तित्व का पहला प्रमाण है.
विदित हो कि यह पहली बार है, जब फ़राओ राजाओं के कोई चिह्न पाए गए हैं. फ़राओ राजवंश के अस्तित्व को अब तक आभासी दुनिया समझा जाता रहा है.
मिथकों में उल्लिखित फ़राओ राजाओं के बारे में
प्राचीन मिस्र में फ़राओ सबसे शक्तिशाली लोग थे, जो तत्कालीन मिस्र के लोगों के राजनीतिक नेता होने के साथ-साथ धार्मिक नेता भी होते थे. वे मुख्यत: दो भूमियों (ऊपरी और निचले मिस्र) के अधिपति और प्रत्येक मंदिर के उच्च पुरोहित के रूप में जाने जाते थे. दो भूमियों के अधिपति ऊपरी और निचले मिस्र दोनों पर शासन करते थे, जबकि मंदिर के पुजारी पृथ्वी पर ईश्वर के प्रतिनिधि थे, जो ईश्वरीय अनुष्ठानों के साथ-साथ मंदिरों के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार थे.
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