मध्यकालीन भारत

  • छत्रपति शिवाजी महाराज: जीवनी, इतिहास और प्रशासन

    शिवाजी, भारत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे. शिवाजी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं. कुछ इतिहासकार इनका जन्म 19 फ़रवरी,1630 मानते हैं तो कुछ अप्रैल 1627 मानते हैं. आइये इस लेख में शिवाजी की जीवनी और अन्य घटनाओं के बारे में जानते हैं.

    Feb 20, 2020
  • जानें तानाजी मालुसरे की शौर्यगाथा और सिंहगढ़ किले की लड़ाई के बारे में.

    क्या आपने तानाजी मालुसरे के बारे में सुना या पढ़ा है? वे कौन थे? भारतीय इतिहास में उन्हें क्यों याद किया जाता है?  आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.    

    Jan 9, 2020
  • गुरुनानक जी 550 वीं वर्षगाठ: गुरु नानक जी के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

    तलवंडी में जन्मे गुरु नानक प्रथम सिख गुरु बने | आध्यात्म और मानवता के प्रति झुकाव ने उन्हे अध्यात्मिकता की तरफ खींचा और उन्होने लोगों को ईश्वर की निस्वार्थ सेवा, सहभाजन और ईश्वर को याद करने के काम का प्रचार किया  | उन्होनें मानव  समानता तथा मानवीय सिद्धांतों और रूढ़िवादि परम्पराओं पर सवाल उठाए  | इस काल में लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह किया जाता था लोगों को इससे बाहर निकालने के लिए इन्होनें लोगों के साथ बातचीत करना शुरू  की और उन्हे परम सत्य के बारे में बताया |  इनकी शिक्षाएं गुरु ग्रंथ  साहिब में संग्रहीत हैं |

    Nov 11, 2019
  • मुगल काल के प्रसिद्ध फारसी इतिहासकारों की सूची

    मुग़लकाल में हरेक भाषा के साहित्य को पोषण मिलता था तथा मुग़ल बादशाह विभिन्य भाषाओँ के विभिन्न शाखाओं के विकास को बहुत प्रोत्साहन देते थे। अकबर के संरक्षण में बहुत-से विद्वान् हुए तथा उन्होंने दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं। इस लेख में हमने मुगल काल के प्रसिद्ध फारसी इतिहासकारों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Nov 11, 2019
  • भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची

    भक्ति आन्दोलन मध्‍यकालीन भारत का सांस्‍कृतिक इतिहास में एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव था। यह एक मौन क्रान्ति थी जिसमे इस काल के सामाजिक-धार्मिक सुधारकों द्वारा समाज में विभिन्न तरह से भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया। इन संतो ने भक्ति मार्ग को ईश्वर प्राप्ति का साधन मानते हुए ‘ज्ञान’, ‘भक्ति’ और ‘समन्वय’ को स्थापित करने का प्रयास किया। इस लेख में हमने भक्ति आंदोलन के संतों और शिक्षकों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Sep 4, 2018
  • जाने पुर्तगालियों के व्यापारिक घटनाक्रम के बारे में

    1579 ईस्वी में शासकीय फरमान के आधार पर पुर्तगालियों को नदी के तट तक सिमित कर दिया गया जो बंगाल में सतगाँव से थोड़ी दुरी पर था और वहां से वे व्यापारिक गतिविधियाँ संचालित करते थे। विभिन्य वर्षों के दौरान, उन्होंने बड़े भवनों के निर्माण द्वारा अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी जिसने उनके व्यापार को सतगाँव से नये पतन हुगली की ओर प्रवासित किया। इस लेख में हमने पुर्तगालियों का व्यापारिक घटनाक्रम के बारे में बताया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Sep 4, 2018
  • जहाँगीर ने ऐसा ना किया होता तो भारत अंग्रेजों का गुलाम कभी ना बनता

    1615 में जहांगीर के दरबार (मुगल सम्राट) में सर थॉमस रो की भारत यात्रा ने अंग्रेजों के लिए भारत में व्यापार के दरवाज़े खोल दिए, लेकिन जानने योग्य यह है कि भारतीय भूमि पर ऐसा क्या हुआ जिससे इस तुच्छ तथ्य ने जहांगीर के कदमो को भारतीय इतिहास में एक दिलचस्प झलक बना दी।  

    Aug 14, 2018
  • विजयनगर साम्राज्य के स्रोतों की सूची

    विजयनगर साम्राज्य की इतिहास के विषय में जानकारी मुख्यतः तीन स्रोतों से प्राप्त होती है- विदेशियों का विवरण, स्वदेशी साहित्यिक कार्य तथा पुरातत्व-संबंधी साक्ष्य। इस लेख में हमने विजयनगर साम्राज्य के स्रोतों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Aug 14, 2018
  • क्या आप जानते हैं पांडुलिपि और शिलालेख में क्या अंतर है?

    इतिहास लेखन तीन तरह के स्रोत जैसे साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्त्व सम्बन्धी साक्ष्य के आधार पर होता है। इस लेख में हमने पांडुलिपि और शिलालेख में अंतर बताया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Aug 14, 2018
  • मुगल सम्राट अकबर के महत्वपूर्ण कार्यों की सूची

    जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। वह मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। इस लेख में हम मुगल सम्राट अकबर के महत्वपूर्ण कार्यों की सूची दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

    Aug 14, 2018
  • सल्तनत काल से पहले और बाद के प्रांतीय राज्यों की सूची

    मध्यकालीन भारतीय इतिहास की शुरुवात गुप्ता साम्राज्य के पतन से लेकर दिल्ली सल्तनत के उदय और पतन के साथ-साथ मुगल साम्राज्य के उदय तक माना जाता है। इस लेख में सल्तनत काल से पहले और बाद के प्रांतीय राज्यों की सूची दी गयी है जो UPSC-prelims, SSC, State Services, NDA, CDS, और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी है।

    Aug 14, 2018
  • सल्तनत काल से पहले और बाद के प्रांतीय राज्यों की सूची

    मध्यकालीन भारतीय इतिहास की शुरुवात गुप्ता साम्राज्य के पतन से लेकर दिल्ली सल्तनत के उदय और पतन के साथ-साथ मुगल साम्राज्य के उदय तक माना जाता है। इस लेख में सल्तनत काल से पहले और बाद के प्रांतीय राज्यों की सूची दी गयी है जो UPSC-prelims, SSC, State Services, NDA, CDS, और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी है।

    Mar 5, 2018
  • अकबर द्वारा जीते गए प्रदेशो की सूची

    अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। जिसने एक ऐसा विशाल साम्राज्य की स्थापना की जहाँ विविध धर्मो के लोग बहुत ही सोहार्द से रहते थे। यहां, हम सामान्य जागरूकता के लिए अकबर द्वारा जीते गए प्रदेशो की सूची दे रहे हैं।

    Feb 15, 2018
  • सिंधु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था का संक्षिप्त विवरण

    सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) की अर्थव्यवस्था कृषि और व्यापार पर आधारित थी| कृषि कार्य हड़प्पाकालीन शहरों के आसपास के दूरस्थ और अविकसित क्षेत्र में किया जाता था, जहाँ से शासक वर्ग भविष्य में उपयोग हेतु कृषि अधिशेष को लाकर धान्यकोठारों में जमा करते थे| यहाँ हम सिंधु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|

    Feb 8, 2018
  • कबीर

    कबीर दास 15वीं सदी के प्रसिद्ध भारतीय  कवि थे | कबीर के धर्म मे विभिन्न विचारों का मिश्रण था,  इन्होने अपने गुरु रामानन्द की तरह ही  हिन्दू  ,इस्लाम और ईसाई तीनों धर्मों को मिला कर ईश्वर को पाने का धर्मोपदेश दिया | इनके काम की सादगी इनके महानता की प्रतीक है और आज दिन तक प्रासांगिक है | धर्मों के बारे में उनकी महत्वपूर्ण मूल्यांकन के लिए आलोचना की गई, परंतु कबीर ने परमात्मा के काम का प्रसार करने का काम जारी  रखा और उनके इस कार्य  ने कई ग्रन्थों पर  जैसे आदि ग्रन्थों पर प्रभाव डाला | 1518 में  आखिरी सांस लेने के बाद भी उनकी विरासत “कबीरपंथ” के रूप में जीवित है |

    Feb 8, 2018

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