कमल मंदिर (लोटस टेम्पल) अविस्मरणीय क्यों है?
नई दिल्ली का कमल मंदिर बहाई संप्रदाय से संबंधित है। बहाई धर्म दुनिया के नौ महान धर्मों का संयोजन है और इसकी स्थापना पैगंबर बहाउल्लाह ने की थी। यह मंदिर तालाबों और बगीचों के बीच आधे खुले तैरते कमल के आकार में बना है। इस मंदिर में किसी भी भगवान की कोई मूर्ति नहीं लगी है। बहाई समुदाय के पास पूरे एशिया में पूजा करने का एक ही स्थान है– कमल मंदिर। एक वर्ष में यहां करीब 45 लाख पर्यटक आते हैं।
कमल मंदिर दिल्ली का स्थान:
Image source:www.hillmanwonders.com
प्रतिष्ठित कमल मंदिर की तस्वीरें-
Image source:www.mouthshut.com
कमल मंदिर के भीतर की तस्वीर-
Image source:spirittourism.com
कमल मंदिर के बारे में–
1. दिसंबर 1986 में नई दिल्ली में बहाई समुदाय ने कमल मंदिर का निर्माण करवाया था।
2. कमल मंदिर को इसके आकार से अपना नाम मिला है। कमल – शांति, पवित्रता, प्रेम और अमरत्व का प्रतीक है और इस मंदिर का डिजाइन इस खूबसूरत फूल के समान बनाया गया है।
3. प्रदूषण के कारण प्रतिष्ठित कमल मंदिर का रंग पीला पड़ता जा रहा है।
लाला पांडा (Red panda– Ailurus fulgens)
4. यह मंदिर तलाबों और बागीचों के बीच आधे खिले कमल के आकार में बनाया गया है।
5. सफेद संगमरमर के साथ विशेष कंक्रीट को मिलाकर इसकी 27 पंखुड़ियां बनाई गई हैं।
6. इस मंदिर में किसी भी भगवान की मूर्ति नहीं है।
7. इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों के ध्यान और प्रार्थना के लिए प्रार्थना कक्ष बनाया गया है।
8. कमल मंदिर एशिया का एक मात्र बहाई मंदिर है।
9. यह नई दिल्ली के मुख्य पर्यटन आकर्षणों में से एक है, प्रत्येक वर्ष करीब 45 लाख पर्यटक यहां आते हैं।
10. हाल की खबर के अनुसार कमल मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिलने वाला है।