मध्यकालीन भारत का इतिहास: एक समग्र अध्ययन सामग्री
भारत के मध्यकालीन इतिहास का दौर 8 वीं सदी से लेकर 12 वीं सदी तक माना जाता है | इस काल में हम पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट से लेकर शक्तिशाली दिल्ली सल्तनत और मुग़ल साम्राज्य के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे | इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि यह अध्ययन सामग्री न सिर्फ प्रतियोगी छात्रों के लिए बल्कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों और ग्रेजुएशन कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी |
वर्तमान भारत के विकास में इसके मध्यकालीन इतिहास का बहुत बड़ा योगदान है | इस दौर में भारत ने भवन निर्माण कला,चित्रकला, धर्म, भाषा और साहित्य के क्षेत्र में बहुत विकास किया था | इसलिए इन्ही क्षेत्रों के आधार पर jagranjosh.com ने सम्पूर्ण मध्यकालीन इतिहास को 5 मुख्य भागों,पाल प्रतिहार राष्ट्रकूट, राजपूत, धार्मिक आन्दोलन, दिल्ली सल्तनत और मुगल काल में बांटा है |
"मध्यकालीन भारत का इतिहास" एक समग्र अध्ययन सामग्री इस प्रकार है:-
1. प्रारंभिक मध्यकालीन भारत
1.1 पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट
2. प्रांतीय राज्यों का उदय
2.1 राजपूत वंश के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक विकास
2.2 विजयनगर साम्राज्य के सम्राट या शासक
3. धार्मिक आंदोलन
3.1 मीरा बाई (1498 ईश्वी-1550 ईश्वी)
3.2 कबीर
3.3 गुरुनानक
4. दिल्ली सल्तनत
4.1 सल्तनत काल के दौरान छोटे राज्य
4.3 रजिया सुल्तान (1236 ईश्वी-1240 ईश्वी)
4.4 मोहम्मद बिन तुगलक (1351 ईश्वी-1388 ईश्वी)
4.5 मोहम्मद बिन तुगलक (1351-1388)
4.6 बहलुल लोधी
4.8 खिलजी वंश के तहत आर्थिक नीति और प्रशासन
4.9 दिल्ली सल्तनत के दौरान आर्थिक स्थितियां
4.10 महमूद गजनवी (971 ईश्वी से 1030 ईश्वी)
5. मुगल साम्राज्य
5.1 बाबर (ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद)
5.2 शाहबुद्दीन मुहम्मद शाहजहाँ
5.3 महान अकबर
5.4 अबुल मुजफ्फर मुहि-उद-द्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब