विश्व खाद्य दिवस
विश्व खाद्य दिवस संपूर्ण विश्व में 16 अक्तूबर को मनाया जाता है| यह वही दिन है जब संयुक्त राष्ट्र संघ में खाद्य व कृषि संगठन की स्थापना 1945 में हुई थी| इस दिवस का आयोजन खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के सदस्य राष्ट्रों के द्वारा शुरू किया गया था | आज कल इसे खाद्य इंजीनियरिंग दिवस के नाम से भी जाना जाता है|
विश्व खाद्य दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में, विशेष रूप से संकट के समय में, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है| संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित खाद्य और कृषि संगठन ने इस लक्ष्य को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह वार्षिक आयोजन खाद्य और कृषि संगठन के महत्व को दर्शाता है| इसके अलावा यह आयोजन दुनिया भर में हर किसी के लिए पर्याप्त भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सरकारों को सफल कृषि नीतियों को लागू करने के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है|
खाद्य और कृषि संगठन के अलावा विश्व के अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे विश्व खाद्य प्रोग्राम व अंतरराष्ट्रीय कोष भी कृषि के विकास हेतु इस आयोजन में सहायता प्रदान करते हैं|
विषय वस्तु
विश्व खाद्य दिवस के आयोजन के लिए प्रत्येक वर्ष एक विषय वस्तु का चयन किया जाता है| यह विषय वस्तु सामान्यतया कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य से संबंधित होता है| विश्व खाद्य दिवस 2016 का विषय वस्तु “Climate is changing. Food and agriculture must too” अर्थात “जिस प्रकार पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसी प्रकार खाद्य एवं कृषि में भी परिवर्तन होना चाहिए” है| चूँकि दुनिया के सबसे गरीब लोग जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं| अतः अगर हम छोटे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करते हैं, तो हम इस ग्रह की बढ़ती वैश्विक आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं|
पिछले कुछ वर्षों के दौरान “विश्व खाद्य दिवस” का विषय वस्तु:
1981- सबसे पहले भोजन
1983- खाद्य सुरक्षा
1987- लघु कृषक
1991- जीवन के लिए वृक्ष
1996- भूख व कुपोषण से युद्ध
1998- विश्व को भोजन देने वाली स्त्री
2007- भोजन का अधिकार
2010- भूख के विरुद्ध संगठन
2013- खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए संवाहनीय खाद्य व्यवस्था.
2014 - परिवारिक कृषि: विश्व का भोजन, पृथ्वी की रक्षा है|
2015 - ग्रामीण गरीबी के चक्र को तोड़ने के लिए सामाजिक सुरक्षा और कृषि
विश्व खाद्य दिवस की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण क्रियाकलाप:
Source:www.google.co.in
1. विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर भोज का आयोजन: अपने परिवार और दोस्तों के बीच कृषि, खाद्य और भूख के बारे में चर्चा करें। हर किसी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि भोजन कहाँ से आता है और कौन हमारे लिए भोजन उगाता है|
2. भूख दौड़ का आयोजन: “बुद्धिस्ट ग्लोबल रिलीफ” नामक एक संस्था भूखे लोगों को भोजन कराने के लिए अमेरिका के विभिन्न शहरों में भूख दौड़ का आयोजन करती है| इस सगठन का उद्देश्य “भूख और कुपोषण से निपटना” है| कम्बोडिया, ब्रिटेन और भारत में भी इस प्रकार के दौड़ का आयोजन किया जाता है|
3. एक बड़े सार्वजनिक समारोह में भाग लेना: इंटरनेट के तहत ट्विटर चैट आदि के माध्यम से शामिल होने बजाय हमें विश्व खाद्य दिवस से सम्बन्धित समारोहों में शामिल होना चाहिए।
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खाद्य सुरक्षा:
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1974 के विश्व खाद्य सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा के विचार की शुरूआत हुई| इसके पूर्व खाद्य सुरक्षा उस स्थिति को समझा जाता था जब राज्य खाद्य उपभोग के लिए स्वयं को उस स्थिति में ले आए जहाँ खाद्य के मूल्यों व उपभोग में आए उतार चढ़ाव में भी खुद को संतुलित रख सकें| 1996 में एफएओ ने खाद्य सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा की परिभाषा कुछ इस प्रकार दी, "खाद्य सुरक्षा का तात्पर्य उस स्थिति से है जबकि विश्व के समस्त लोग हर वक्त शारीरिक व मानसिक रूप से इस स्थिति में हों की वह स्वयं के स्वस्थ जीवन हेतु अपने खाद्य क्षमता के अनुसार उचित व स्वस्थ भोजन को प्राप्त कर सकें|”
खाद्य व कृषि संगठन ने खाद्य सुरक्षा के लिए चार स्तंभ बताए हैं जो इस प्रकार हैं: खाद्य की उपलब्धता, प्राप्त करने की क्षमता, उसका प्रयोग तथा स्थायित्व| व्यापार व संवाहनीय विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय केंद्र का दायित्व उस अंतरराष्ट्रीय विधि को बनाना है जोकि खाद्य के मूल्यों को इकट्ठा करने के विरुद्ध हों जिसका सीधा संबंध विश्व खाद्य सुरक्षा व कुपोषण से हो|
निम्न तत्व जो कि इस मुद्दे में सहायक होते हैं:
- यूएस डॉलर मंदी
- वैश्विक जनसंख्या वृद्धि
- जलवायु परिवर्तन
- कृषि में जैव ईंधन के प्रयोग मे वृद्धि
- निर्यात पर पाबंदी
- चीन व भारत में उपभोक्ताओं में वृद्धि
मापन:
खाद्य सुरक्षा के सूचकों का उद्देश्य उपलब्धता, प्राप्त करने की क्षमता, उसकी उपयुक्तता के आधार पर खाद्य सुरक्षा के तत्वों का मूल्यांकन करना है|
खाद्य सुरक्षा के मापक इस प्रकार हैं:
1. हाउस होल्ड फूड इनसेक्यूरिटी एक्सेस स्केल (एचएफ़आईएएस)
2. हाउस होल्ड डेयैट्री डाइवर्सिटी स्केल (एचडीडीएस)
3. हाउस होल्ड हंगर स्केल (एचएचएस)
4. कॉपिंग स्ट्रेटीजीएस इंडेक्स (सीएसआई)
वर्तमान समय में विश्व की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और 2050 तक इसके 9.6 अरब तक पहुंचने के उम्मीद है| इतनी बड़ी जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि और खाद्य प्रणाली को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद और अधिक लचीला एवं टिकाऊ उत्पादक बनाने की आवश्यकता होगी| यही एक तरीका है जिसके द्वारा हम पारिस्थितिक तंत्र और ग्रामीण आबादी की भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं और उत्सर्जन को कम कर सकते हैं। लोगो को समझना होगा की अपने खान पान में परिवर्तन लाएं ताकि सेहत सही रहें | होटल, स्कूल, हॉस्पिटल, घर या रेस्टारेंट हर जगह संतुलित आहार अवश्य मिले इसमें सतर्कता बरत्नी होगी | यहाँ तक की बड़े- बड़े होटलों में हेल्दी मिनू डिश भी मिनू कार्ड में लिखे जाएँ।
हम सब जानते हैं कि बच्चे राष्ट्र की नींव हैं और आजकल कम उम्र में बीमारियाँ हो रही हैं, मोटापा बढ़ रहा हैं , जिसका कारण अव्यवस्थित खान-पान व कम शारीरिक श्रम है। संतुलित या हेल्थ डाइट पर ज्यादा ध्यान दें और संभव हो तो आहार विशेषज्ञ से सलाह ले और डाइट प्लान को अपनी निजी ज़िन्दगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं|
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