जानें दुनिया के इन देशों में प्रति व्यक्ति कितना कर्ज है?
किसी भी देश की सरकार का मुख्य कार्य वहां के लोगों के कल्याण में वृद्धि करना होता है. एक तरफ जहाँ सरकार लोगों के कल्याण में वृद्धि करने के लिए सार्वजानिक क्षेत्र की कई वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च करती है और इस खर्च के लिए धन की व्यवस्था लोगों पर आयकर, निगमकर, उत्पाद कर, सीमा शुल्क इत्यादि लगाकर करती है. लेकिन कभी कभी सरकार ऐसी स्थिति में आ जाती है जब उसके पास आमदनी कम और खर्चे अधिक होते हैं तो इस तरह की हालत में उसे विदेशी संस्थाओं और देशों से धन उधार लेना पड़ता है. इस लेख में हमने ऐसे ही देशों के नाम और उनके ऊपर प्रति व्यक्ति के हिसाब आने वाले कर्ज के बारे में बताया है.
इस लेख में OECD की रिपोर्ट को विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी किया गया है. इस रिपोर्ट के आधार पर सबसे अधिक प्रति व्यक्ति कर्ज वाले देशों की लिस्ट को बताया गया है.
दस सबसे अधिक कर्जदार देशों के नाम इस प्रकार हैं:
1. रिपोर्ट बताती है कि विश्व में सबसे अधिक कर्ज जापान के ऊपर है. जापान का ऋण उसके सकल घरेलू उत्पाद का 227% पर पहुँच गया है.
2. दूसरे नंबर पर ग्रीस का नाम आता है जिसके ऊपर सकल घरेलू उत्पाद का 181% कर्ज है.
3. इटली के ऊपर उसकी सकल घरेलू उत्पाद का 157% कर्ज है.
4. पुर्तगाल - सकल घरेलू उत्पाद का 157% कर्ज है.
5. बेल्जियम - सकल घरेलू उत्पाद का 130% कर्ज है.
6. फ्रांस - सकल घरेलू उत्पाद का 125% कर्ज है.
7. स्पेन - सकल घरेलू उत्पाद का 120% कर्ज है.
8. ब्रिटेन - सकल घरेलू उत्पाद का 118% कर्ज है.
9. अमेरिका - सकल घरेलू उत्पाद का 116% कर्ज है.
10. स्लोवेनिया - सकल घरेलू उत्पाद का 114% कर्ज है.
अब यह लेख इस बात की व्याख्या करेगा कि यदि किसी देश का पूरा कर्ज चुकाना है तो उस देश के प्रति नागरिक को कितना धन देना होगा.
OECD (एक संगठन) के सदस्य देशों में प्रति व्यक्ति ऋण 2007 के बाद से 2017 तक 5.9% की औसत वार्षिक दर से बढ़ गया है. जापान को अपना कर्ज चुकाने के लिए प्रति नागरिक 90,345 डॉलर की जरुरत है जो कि पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा है. जापान की 90,345 डॉलर कीट तुलना में एस्टोनिया को प्रति नागरिक सिर्फ 3,761 डॉलर चुकाने की जरुरत है.
किस देश के प्रत्येक नागरिक को कितना कर्ज चुकाना होगा इस बात का अंदाजा इस सारिणी से लगाया जा सकता है.
जानें हर भारतीय के ऊपर कितना विदेशी कर्ज है?
अगर जापान अपना पूरा कर्ज चुकाना चाहता है तो हर जापानी नागरिक को $ 90,345 का भुगतान करना होगा तब जापान पूरी तरह से ऋण मुक्त देश हो पायेगा. OECD के सदस्य देशों में इजराइल, अमेरिका और इटली के हर देशवासी को क्रमशः 62,687, $61,539, और $58,693 डॉलर का भुगतन करना होगा.
बेल्जियम को कर्ज मुक्त होने के लिए $58,134 डॉलर का भुगतान करना होगा. ऑस्ट्रिया, फ्रांस और ग्रीस में ब्रिटेन के मुकाबले प्रति व्यक्ति ऋण अधिक है, और उनके नागरिकों को क्रमशः $49,975, $49,652 और $47,869 का भुगतान करना होगा. सन 2015 में OECD देशों में कर्ज का औसत स्तर सकल घरेलू उत्पाद का 112% तक पहुंच गया था जो कि 2007 में 73% था. स्पेन, स्लोवेनिया, पुर्तगाल और ग्रीस में ऋण स्तर में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.
2007 के वित्तीय संकट से केवल तीन OECD देशों ने अपने कर्ज का स्तर घटाया है: नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और इज़राइल. इस अवधि में सर्वाधिक सार्वजनिक ऋण वाले देशों में हैं, जापान (221.8%) उसके बाद ग्रीस (181.6%), इटली (157.5%) और पुर्तगाल (149.2%) हैं.
नवम्बर 2017में भारत के ऊपर कुल 485 अरब डॉलर का कर्ज था जो कि उसके कुल सकल घरेलू उत्पाद का 70% के लगभग है. अब अगर भारत को अपना पूरा कर्ज चुकाना है तो हर भारतीय को अपनी जेब से लगभग 26000 रुपये चुकाने होंगे.
तो ऊपर दिए गये आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि यदि कर्ज को सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में देखा जाये तो भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में कुछ ज्यादा ख़राब नही है; लेकिन यदि भारत की आय के हिसाब से देखा जाये तो भारत का बढ़ता कर्ज परेशानी का सबब है क्योंकि
भारत अपनी कुल आय का 18% ब्याज अदायगी के रूप में करता है. यदि ब्याज पर दिया जाने वाला यह कर्जा बचा लिया जाता है तो शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों पर ज्यादा खर्च बढाया जा सकता है.
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