पीएलआई (PLI) योजना क्या है और इससे क्या फायदा होगा?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बेहतर बनाने के लिए 10 प्रमुख क्षेत्रों में प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार ने इससे पहले, चिकित्सा उपकरणों, मोबाइल फोन और निर्दिष्ट सक्रिय दवा सामग्री के लिए PLI योजना की घोषणा की थी.
यह योजना संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा लागू की जाएगी और यह निर्धारित समग्र वित्तीय सीमाओं के दायरे में होगी. PLI के अंतिम प्रस्तावों का मूल्यांकन विभिन्न क्षेत्रों में व्यय वित्त समिति (EFC) द्वारा किया जाएगा और इसे मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जाएगा.
किसी भी नए क्षेत्र को PLI के लिए मंत्रिमण्डल की नए सिरे से मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी.
PLI योजना के बारे में
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात बिलों में कटौती करने के लिए, केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में एक ऐसी योजना को शुरू किया जिसका उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों से बढ़ती बिक्री पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना.
भारत में दुकान स्थापित करने के लिए विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा, इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
यह योजना पांच वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृत की गई है जो कि नकद प्रोत्साहन देगी और सभी सनराइज और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को इसमें शामिल किया जाना प्रस्तावित है.
यह सेक्टर्स ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान और सौर पीवी विनिर्माण हो सकते हैं.
साथ ही यह योजना भारत में इकाइयों को स्थापित करने के लिए विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करेगी, हालांकि, इसका उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
राष्ट्रीय मानसून मिशन क्या है?
भारत सरकार ने उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि यानि प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जायेगा, लगभग दो लाख करोड़ का. यह उत्पादन, निर्यात और रोजगार भी बढ़ाएगा. यह निर्णय आत्म-निर्भर भारत को साकार करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा.
10 प्रमुख विशिष्ट क्षेत्रों में PLI योजना
दस क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, विशेष इस्पात, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, सौर फोटो-वोल्टाइक मॉड्यूल और एयर कंडीशनर और एलईडी जैसे वाइट गुड्स शामिल हैं.
इस योजना के तहत भारतीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी, महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में निवेश को भी आकर्षित करेगी तथा क्षमता सुनिश्चित करेगी.
बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करेगी, निर्यात बढ़ाएगी और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न अंग बनाएगी.
प्राथमिकता |
क्षेत्र |
कार्यान्वयन मंत्रालय/ विभाग |
वित्तीय परिव्यय रुपये करोड़ में |
1 |
एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी |
नीति आयोग एवं भारी उद्योग विभाग |
18100 |
2 |
इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पाद |
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय |
5000 |
3 |
ऑटोमोबाइल एवं ऑटो घटक |
भारी उद्योग विभाग |
57042 |
4 |
फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स |
फार्मास्यूटिकल्स विभाग |
15000 |
5 |
दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पाद |
दूरसंचार विभाग |
12195 |
6 |
वस्त्र उत्पाद : एमएमएफ विभाग और टेक्निकल टेक्सटाइल |
वस्त्र मंत्रालय |
10683 |
7 |
खाद्य उत्पाद |
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय |
10900 |
8 |
उच्च दक्षता सौर पीवी मॉड्यूल |
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय |
4500 |
9 |
व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी) |
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग |
6238 |
10 |
विशिष्ट स्टील |
इस्पात मंत्रालय |
6322 |
कुल |
145980 |
Source: PIB
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना की आवश्यकता क्यों है?
विशेषज्ञों के अनुसार, PLI का विचार महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार इन पूंजी गहन क्षेत्रों में निवेश करना जारी नहीं रख सकती है क्योंकि उन्हें रिटर्न देने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है. इसके बजाय, यह क्या कर सकता है कि भारत में क्षमता स्थापित करने के लिए पर्याप्त पूंजी के साथ वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित किया जाए.
बिस्वजीत धर (Biswajit Dhar), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज एंड प्लानिंग के ट्रेड एक्सपर्ट और प्रोफेसर के अनुसार “जिस तरह की विनिर्माण की आवश्यकता है, उसके लिए हमें बोर्ड की पहल की आवश्यकता होती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स खुद बड़े क्षेत्र हैं, इसलिए, इस बिंदु पर, अगर सरकार श्रम गहन क्षेत्रों जैसे कपड़ों और चमड़े पर ध्यान केंद्रित कर सकती है, तो यह वास्तव में मददगार होगा."
PLI योजना के तत्वावधान में कई और फार्मास्युटिकल उत्पाद लाए गए हैं, जिनमें जटिल जेनेरिक, एंटी-कैंसर और डायबिटिक दवाएं, इन-विट्रो डायग्नोस्टिक डिवाइस और विशेष खाली कैप्सूल शामिल हैं.
वर्तमान में किन सेक्टर्स में PLI योजना है?
इस साल मार्च के आसपास, केंद्र सरकार ने मोबाइल विनिर्माण के साथ-साथ दवा सामग्री और चिकित्सा उपकरणों के लिए PLI योजना शुरू की थी. जबकि मोबाइल और संबद्ध उपकरणों के लिए योजना अप्रैल को अधिसूचित की गई थी.
मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण के लिए PLI योजना के एक हिस्से के रूप में, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए 4-6 प्रतिशत की प्रोत्साहन योजना बनाई गई है जो मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स जैसे ट्रांजिस्टर, डायोड, थाइरिस्टर, रेसिसटर कैपेसिटर और नैनो-इलेक्ट्रॉनिक जैसे सूक्ष्म विद्युत प्रणाली का निर्माण करते हैं.
इस योजना के तहत क्या लाभ होगा?
इन 10 प्रमुख विशिष्ट क्षेत्रों में PLI योजना भारतीय निर्माताओं को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाएगी, जो मुख्य योग्यता और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करेगी; दक्षता सुनिश्चित करेगी, अर्थव्यवस्था में सुधार लाएगी, निर्यात को बढ़ाएगी और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनाएगी.
औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि से भारतीय उद्योग को विदेशी प्रतिस्पर्धा और विचारों को जानने का काफी अवसर मिलेगा, जिससे आगे कुछ नया करने की अपनी क्षमताओं में सुधार करने में मदद मिलेगी.
विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और एक अनुकूल विनिर्माण इकोसिस्टम के निर्माण से न केवल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकरण हो सकेगा बल्कि देश में एमएसएमई क्षेत्र के साथ बैकवर्ड लिंकेज भी स्थापित होंगे.
दूरसंचार उपकरण एक सुरक्षित दूरसंचार अवसंरचना के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण और रणनीतिक तत्व है और भारत दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों का एक प्रमुख मूल उपकरण निर्माता बनने की आकांक्षा रखता है.
क्षेत्रवार उत्पाद श्रेणी इस प्रकार है:
क्षेत्र |
उत्पाद श्रेणी |
एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी विनिर्माण |
एसीसी बैटरी |
इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगकी उत्पाद |
|
ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक
|
ऑटोमोबाइल एवं ऑटो घटक |
फार्मास्यूटिकल्स |
श्रेणी 1
श्रेणी 2
श्रेणी 3 i. रीपर्पस्ड ड्रग्स ii. ऑटोड्रग्स इम्यून-, एंटीड्रग्स कैंसर-, एंटी डायबिटिकड्रग्स, एंटी इंफेक्टिव ड्रग्स, कार्डियोवस्कुलर ड्रग्स, साइकोट्रोपिक ड्रग्स और एंटी रेट्रोवायरल ड्रग्स iii. इन-विट्रो डायग्रोस्टिक उपकरण (आईवीडी) iv. फाइटोफार्मास्यूटिकल्स V. अन्य दवाएं जिनका निर्माण भारत में नहीं किया जाता है। vi. अनुमोदित अन्य दवाएं |
दूरसंचार उत्पाद |
i. कोर ट्रांसमिशन उपकरण ii. 4जी/5 जी, नेक्स्ट जेनरेशन रेडियो एक्सेस नेटवर्क और वायरलेस उपकरण iii एक्सेस एंड कस्टमर प्रेमिसेज उपकरण (सीपीई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी एक्सेस डिवाइस और अन्य वायरलेस उपकरण iv. एंटरप्राइज़ उपकरण : स्विच, राउट |
वस्त्र |
i. मानव निर्मित फाइबर श्रेणी ii. तकनीकी वस्त्र |
खाद्य प्रसंस्करण |
i. रेडी टू ईट / रेडी टू कुक (आरटीई /आरटीसी), ii. समुद्री उत्पाद, iii. फल एवं सब्जियां iv. शहद, v. देसी घी, vi. मोत्ज़ारेला चीज vii. ऑर्गेनिक अंडे और पोल्ट्री मांस |
सौर पीवी विनिर्माण |
सौर पीवी |
व्हाइट गुड्स |
i. एयर कंडीशनर ii. एलईडी |
स्टील उत्पाद |
i. कोटेड स्टील ii. हाई स्ट्रेंथ स्टील iii. स्टील रेल iv. एलॉए स्टील बार एवं रॉड |
Source: PIB
तो अब आप जान गए होंगे कि PLI योजना से वैश्विक भागीदारों से बड़े निवेश आकर्षित होंगे और घरेलू कंपनियों को उभरते अवसरों का फायदा उठाने और निर्यात बाजार में बड़े व्यापारी बनने में और मदद मिलने की उम्मीद है.