Asian Games: ट्यूशन बोलकर गेमिंग जोन में बिताते थे 6-7 घंटे, एशियन गेम्स में पहुंचे मयंक प्रजापति

Asian Games: चीन में एशियाई खेल हो रहे हैं, जो कि अक्टूबर में समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में इसमें ई-स्पोर्ट्स की श्रेणी में अलग-अलग खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं, जो कि भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसमें गुड़गांव के रहने वाले मयंक प्रजापति भी शामिल हैं, जो कि एक इंटीरियर डिजाइनर से ई-स्पोर्ट्स एथलिट बने हैं।

Kishan Kumar
Sep 21, 2023, 14:44 IST
एशियन गेम्स 2023
एशियन गेम्स 2023

Asian Games: गुड़गाव के रहने वाले मयंक प्रजापति चीन में होने वाले एशियाई खेलों में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए दिखेंगे। खास बात यह है कि वह एक ई-स्पोर्ट्स एथलिट के रूप में शामिल हो रहे हैं, जो कि नई श्रेणी है। 

हालांकि, उनका यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था, क्योंकि उन्होंने अपनी यात्रा एक फ्रीलांस इंटीरियर डिजानर के रूप में  शुरू की थी, जिसके बाद अब वह एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

कौन हैं मयंक प्रजापति

मयंक प्रजापति एक फ्रीलांस इंटीरियर डिजाइनर हैं और एक पेशेवर ई-स्पोर्ट्स स्ट्रीट फाइटर हैं। वह कंप्यूटर में वीडियो गेम में स्ट्रीट फाइटिंग में अपने सामने वाले प्रतिद्वंदी को लहुलुहान कर देते हैं। वहीं, वह अपने दो साल के बच्चे की देखभाल भी करते हैं। परिवार में उनकी पत्नी स्वेता हैं, जो कि अमेरिकन एक्सप्रेस में बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर काम करती हैं।

 

ई-स्पोर्ट्स एथलिट के दल में शामिल

मयंक प्रजापति की खेल योग्यताओं को देखते हुए उन्हें इस बार ई-स्पोर्ट्स के 15 सदस्यी दल में शामिल किया गया है। ऐसे में वह सितंबर के अंत तक चीन के लिए उड़ान भरने वाले हैं।

 

ट्यूशन बोलकर गेमिंग जोन में बिताते थे 6-7 घंटे

मयंक ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में बताया कि 90 के दशक में ज्यादातर घरों में गेमिंग कंसोल नहीं हुआ करते थे। ऐसे में वह घर से ट्यूशन की बोलकर गेमिंग जोन में 6 से 7 घंटे बिताया करते थे। यहां उन्हें अपने दोस्तों से पता चला कि स्ट्रीट फाइटर जैसा भी कोई गेम है। उस समय मारियो और टेकन जैसे वीडियो गेम हुआ करते थे। 

 

पत्नी ने किया सहयोग

मयंक ने साक्षात्कार में बताया कि इस तरह के स्पोर्ट में आपको हाई स्पीड इंटरनेट, एक अच्छी गुणवत्ता वाला एडवांस कंप्यूटर और अन्य कंसोल की जरूरत होती है, जो कि बहुत महंगे होते हैं। हालांकि, उनकी पत्नी स्वेता ने उन्हें ये सभी चीजें लाकर दी। 

2019 में जीते थे एक लाख रुपये

मयंक के मुताबिक, साल 2019 में उन्होंने दिल्ली में ड्रीमहैक इवेंट में एक लाख रुपये की राशि जीती थी, जिसके बाद उनका परिवार खुशी से झूम उठा था। वहीं, जब उनका एशियाई खेलों में चयन हुआ, तो परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 

 

प्रैक्टिस के लिए नींद का त्याग

मयंक प्रजापति ने साक्षात्कार में बताया कि प्रैक्टिस सेशन के लिए उन्हें अलग से समय निकालना होता है। क्योंकि, जब उनकी पत्नी काम कर रही होती हैं, तो उन्हें बच्चे को संभालना होता है। ऐसे में वह अपनी प्रैक्टिस के लिए अपनी नींद से भी समझौता करते हैं। 

 

क्या होता है E-Sports

अब सवाल यह है कि आखिर ई-स्पोर्ट्स क्या होता है, तो आपको बता दें कि यह ईलेक्ट्रॉनिक स्पोर्ट होता है, जिसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खेलना होता है। इसके तहत अलग-अलग वीडियो गेम होते हैं, जिसमें कई बार मल्टीप्लेयर भी शामिल होते हैं। अलग-अलग देशों में इसे लेकर टूर्नामेंट भी कराए जाते हैं। 

 

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