MD और CEO में क्या होता है अंतर, जानें

किसी भी कंपनी या संस्थान को आगे ले जाने के लिए एक कुशल नेतृत्व की जरूरत होती है, जिसके माध्यम से कंपनी को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है। वहीं, एक बेहतर नेतृत्व के साथ ही कंपनी के कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर कम समय में अच्छे परिणाम दे सकते हैं। इसके लिए किसी भी कंपनी को MD और CEO की आवश्यकता होती है। हालांकि, क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इन दोनों के बीच अंतर को समझेंगे।
MD और CEO में अंतर
MD और CEO में अंतर

भारत में आर्थिक विकास के पहिये को आगे बढ़ने के लिए औद्योगिक क्षेत्र का अधिक महत्व है। भारत के सकल घरेलु उत्पाद(GDP) में औद्योगिक हिस्से की 3.7 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है, जो कि बीते 10 सालों में 2.8 फीसदी के औसत से कई अधिक है। यही वजह है कि निजी क्षेत्र तेजी से विकास हो रहा है और इसमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी किसी सार्वजनिक या सरकारी क्षेत्र से अधिक है। वहीं, किसी भी कंपनी या संस्थान को आगे ले जाने के लिए एक बेहतर और कुशल नेतृत्व की जरूरती होती है, जिसके माध्यम से नई ऊंचाईयों को छुआ जा सकता है। इसके लिए कंपनी में MD और CEO जैसे महत्वपूर्ण पद होते हैं। एक बेहतर नेतृत्व में किसी भी कंपनी के कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर कम समय में ही बेहतर परिणाम देते हैं। हालांकि, क्या आपको इन दोनों के बीच अंतर पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इन दोनों के बीच अंतर को समझेंगे। 

 

क्या होता है MD

MD यानि Managing Director होता है, जो कि किसी भी कंपनी में सबसे ऊच्च पदो में शामिल है। एमडी के हाथ में कंपनी के प्रतिदिन का प्रबंधन होता है, जिसके साथ ही यह कंपनी का प्रबंधन विभाग का मुखिया भी होता है। यह कंपनी को अपने नए बिजनेस आइडिया और अन्य विचारों से कंपनी को आगे ले जाने का खाका तैयार करते हैं। मुख्य लीड करने के साथ इन्हें कंपनी के चेयरमैन को भी रिपोर्ट करनी होती है। साथ ही ये बोर्ड ऑफ मेंबर्स के भी सदस्य होते हैं। 

 

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क्या होता है CEO 

CEO यानि Chief Executive Officer होता है, जिसके पास एमडी की तुलना में कम जिम्मेदारी होती है। इनका मुख्य काम कंपनी को बाहरी और आंतरिक रूप से एक विजन के साथ चलाना होता है। यह कंपनी की ग्रोथ के लिए भी जिम्मेदार हो सकते हैं, जो कि कंपनी के लिए बिजनेस आइडिया प्लान कर इसे आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह कंपनी के कर्मचारियों को गाइड करने के साथ उन्हें मोटिवेट रखने में भी मदद करते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी बोर्ड ऑफ मेंबर्स के सदस्य हो, यह जरूरी नहीं है। हालांकि, इनके ऊपर कंपनी के संचालन की जिम्मेदारी होती है।

 

MD और CEO में प्रमुख अंतर

 

-MD के पास कंपनी के पूरे प्रबंधन का जिम्मा होता है, लेकिन CEO के पास यह जिम्मेदारी नहीं होती है, बल्कि ये कंपनी के कर्मचारियों को गाइड करने के साथ उनकी मदद करते हैं और साथ ही कंपनी का संचालन करते हैं।

 

-MD बोर्ड ऑफ मेंबर्स के सदस्य होते हैं, लेकिन CEO  के मामले में यह जरूरी नहीं है कि वे इसके सदस्य हो। यह कुछ कंपनियों की काम करने की शैली पर भी निर्भर करता है। 

 

-MD  कंपनी की किसी भी प्रकार की गतिविधि और शेयर होल्डर्स के लिए जिम्मेदार होता है, जबकि CEO के ऊपर इस प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। 

 

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