जानें भारतीय बैंकिंग प्रणाली में कितने प्रकार के चेक इस्तेमाल किये जाते हैं?

चेक, बैंक के लिए एक ऐसा बिना शर्त लिखित आदेश होता है, जिसमें बैंकर को संबोधित किया गया होता है कि में अमुख व्यक्ति (चेक धारक) को इतने रुपये (चेक पर लिखी गयी राशि) का भुगतान खाता धारक (चेक देने वाले) के अकाउंट से कर दिया जाये l भारत में मुख्यतः धारक चेक, स्टेल चेक और सेल्फ चेक प्रयोग किये जाते हैं l

चेक, बैंक के लिए एक ऐसा बिना शर्त लिखित आदेश होता है, जिसमें बैंकर को संबोधित किया गया होता है कि में अमुख व्यक्ति (चेक धारक) को इतने रुपये (चेक पर लिखी गयी राशि) का भुगतान खाता धारक (चेक देने वाले) के अकाउंट से कर दिया जाये l भारत में मुख्यतः धारक चेक, स्टेल चेक और सेल्फ चेक प्रयोग किये जाते हैं l

आइये अब इन चेकों के प्रकारों को एक एक करके समझते हैं:

1.धारक चेक या धारक चेक (Bearer Cheque or open Cheque):

जब चेक पर " bearer" नामक लिखे शब्द को काटा नही जाता है तो उस चेक को "धारक चेक" कहा जाता हैl "धारक चेक" का भुगतान उस व्यक्ति को किया जाता है जो उसे बैंक के पास ले जाता या जिसका नाम उस पर लिखा होता है l हालांकि ऐसा चेक देना जोखिम भरा होता है क्योंकि यदि यह चेक खो गया और किसी अनजान व्यक्ति को मिल गया तो वह इससे रुपये निकाल सकता है, भले ही उसका उस बैंक में खाता न हो l

  bearer-check

Image Source:Salary Details & Pay Structure

2. ऑर्डर चेक (Order Cheque): जब "चेक" के ऊपर लिखा हुआ शब्द "वाहक (bearer)" पेन से काट जाता है और जब उसके स्थान पर "ऑर्डर" नामक शब्द लिखा जाता है, तो ऐसे चेक को ऑर्डर चेक कहा जाता है। ऐसे चेक का भुगतान उस व्यक्ति को किया जाता है जिसका उस पर नाम (payee) लिखा होता हैl इसके अलावा इसमें माध्यम से उस व्यक्ति को भी भुगतान किया जा सकता है जिसके नाम पर इसे हस्तांतरित किया जाता है l

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order cheque

Image Source:Rich TechIT

3. काटा गया चेक (Crossed Cheque or Account Payee Cheque): इस प्रकार के चेक के बायीं ओर कोने पर पेन से दो "समानांतर लाइनों" को खींचा जाता हैl एक क्रॉस चेक को बैंक के नकद काउंटर पर भुनाया नहीं जा सकता, लेकिन इसे केवल आदाता (payee) के खाते में जमा किया जा सकता है।

Account Payee

Image Source:Elearnmarkets Blog

4. पूर्व-दिनांकित चेक (Ante-Dated Cheque)

यदि किसी चेक पर बैंक में पेश किये जाने से पहले की तिथि लिखी होती है तो ऐसे चेक को पूर्व-दिनांकित चेक (Ante-Dated Cheque) कहा जाता है l इस तरह के चेक की वैद्यता चेक के जारी किये जाने की तारीख से तीन महीने तक होती है।

5. बाद की तारीख का चेक (Post-Dated Cheque): अगर कोई चेक आगे आने वाली तारीख (future date) के लिए जारी किया जाता है तो इस प्रकार के चेक को पोस्ट-डेटेड चेक के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के चेक को उस पर लिखी गयी तारीख से पहले नही भुनाया जा सकता है l

6.स्टेल चेक (Stale Cheque): यदि ‘चेक’ जारी होने की तारीख के बाद बैंक के पास कैश होने के लिए पहुंचता है तो इस प्रकार के चेक को बासी चेक कहा हैl इस प्रकार के चेक का भुगतान बैंक द्वारा नही किया जाता है क्योंकि रिज़र्व बैंक के नियमों के हिसाब से कोई भी चेक जारी होने की तारीख से 3 महीने के अन्दर कैश करा लिया जाना चाहिए l

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7.  सेल्फ चेक (Self Cheque):  इस प्रकार का चेक एक खाता धारक के द्वारा स्वयं को कैश के लिए स्वयं को जारी किया जाता है l पूर्व के नियमों के हिसाब से इस प्रकार का चेक केवल उसी बैंक में भुनाया या कैश किया जा सकता था जहाँ पर इसे जारी करने वाले का खाता होता था लेकिन अब इस प्रकार के चेक से पूरे देश में कहीं भी कैश निकाला जा सकता है l

SELF CHEQUE

Image Source:Think Plan Do Act

8. रद्द चेक (Cancelled Cheque): इस प्रकार का चेक कैश नही कराया जा सकता है l इसको जारी किये जाने का कारण किसी को अपने बैंक की डिटेल देना होता है l हालांकि employee provident scheme (EPS) के लिए भी इस प्रकार के चेक का प्रयोग किया जाता है l

cancelled cheque

Image Source:Quora

इस प्रकार ऊपर दिए गए चेकों के प्रकार उन सभी प्रतियोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होंगे जो कि बैंकिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं l

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