Holi 2023: अंगारों से लेकर पत्थर मारने तक, जानें अलग-अलग प्रकार की खेली जाने वाली होली

Holi 2023: रंगों का पर्व यानि होली परंपराओं का भी पर्व है। इस दिन लोग एक दूसरे को गुलाल-अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। आपने बरसाने की लठ्ठ मार होली के बारे में सुना होगा। लेकिन, क्या आपको पता है कि भारत में अलग-अलग जगहों पर होली पर अंगारों से लेकर पत्थर तक फेंके जाते हैं। वहीं, कुछ जगहों पर होली को शोक के रूप में भी मनाया जाता है। भारत में एक ऐसा गांव भी है, जहां लोग इस पर्व को नहीं मनाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से होली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी बताएंगे। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
शोक वाली होली
राजस्थान में पुष्करणा ब्राह्राण के चोवटिया जोशी जाति के लोग होली पर शोक मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि होली पर इस जाति की एक महिला अपने बच्चे के साथ होलिका दहन की प्रक्रिमा कर रही थी। इस दौरान उसका बच्चा फिसलकर आग में गिर गया, जिसके बाद महिला भी आग में कूद गई थी और मां-बेटे दोनों की ही मौत हो गई थी। इसके बाद से इस जाति के लोग होली को शोक के तौर पर मनाते हैं।
इस गांव में नहीं मनाई जाती होली
हरियाणा के कैथल के दूसरपूर गांव में होली का पर्व नहीं मनाया जाता है। बताया जाता है कि यहां पर एक संत एक व्यक्ति से नाराज हो गए थे और बाद में उन्होंने होलिका की आग में कूदकर जान दे दी थी। उन्होंने कूदते हुए लोगों से होली मनाने पर अपशगुन होने की बात कही थी, जिसके बाद से लोग डर की वजह से होली का पर्व नहीं मनाते हैं।
पत्थर मारने वाली होली
राजस्थान के बांसवाड़ा इलाके में लोग पत्थर मारक होली मनाते हैं। साथ ही इस दिन लोग होली की राख में दबे अंगारों पर भी चलते हैं। लोगों की मान्यता है कि पत्थर मारने से निकलने वाले खून से लोगों का आने वाला समय बेहतर होता है। ऐसे में यहां की होली भी मशहूर है।
एक दूसरे पर फेंके जाते हैं अंगारे
होली के अवसर पर कर्नाटक के कई इलाकों के साथ मध्यप्रदेश के मालवा में लोग एक दूसरे पर अंगारे फेंक कर होली का पर्व मनाते हैं। कई बार इस होली में लोग जल भी जाते हैं। हालांकि, लोगों की मान्यता है कि इस तरह से होली खेलने पर होलिका राक्षसी मर जाती है। ऐसे में अपने इस अनूठे तरीके की वजह से यहां की होली मशहूर है।
जीवनसाथी ढूंढने वाली होली
मध्यप्रदेश के भील समुदाय में होली पर एक मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लड़का-लड़की एक दूसरे के लिए जीवनसाथी की तलाश करते हैं। इस दिन लड़के एक वाद्ययंत्र बजाते हुए अपनी पसंद की लड़की को गुलाल लगाते हैं, वहीं यदि लड़की भी उसे रंग लगा दे तो दोनों ही शादी कर सकते हैं।
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