क्या आप भारतीय झंडा संहिता,2002 के बारे में जानते हैं?

Flag Code of India: या भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में यह बताया गया है कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज किस कपडे से, कितनी नाप का बनाया जाना चाहिए और किसी राष्ट्रीय त्यौहार पर राष्ट्रीय झंडे को किस प्रकार फहराया जाना चाहिए?

Hemant Singh
Aug 13, 2019, 12:27 IST
Flag Code of India, 2002
Flag Code of India, 2002

भारत का राष्ट्रीय झंडा देश के हर नागरिक  के गौरव और सम्मान का प्रतीक है. जब भी कोई भारतीय इस तिरंगे को फहराता है तो उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक होती है. इस लेख में हमने भारतीय झंडा संहिता, 2002 में वर्णित मुख्य नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को बताया है.

भारतीय राष्ट्रीय झंडे का प्रदर्शन; प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग का निवारण) अधिनियम, 1950 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम,1971 उपबंधों के अनुसार नियंत्रित होता है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में इन सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने के प्रयास किया गया है.

“झंडा संहिता-भारत” के स्थान पर “भारतीय झंडा संहिता, 2002” को 26 जनवरी, 2002 से लागू किया गया है. सुविधा के लिए भारतीय झंडा संहिता को तीन भागों में बांटा या है. संहिता के भाग 1 में राष्ट्रीय ध्वज के सामान्य विवरण शामिल हैं, भाग 2 में आम लोगों, शैक्षिक संस्थाओं और निजी संगठनों के लिए झंडा फहराए जाने से सम्बंधित दिशा निर्देश दिए गए हैं. संहिता के भाग 3 में राज्य और केंद्र सरकार तथा उनके संगठनों के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं.

इस लेख में हम भारतीय राष्ट्रीय झंडे के बारे में कुछ सामान्य विवरण प्रकाशित कर रहे हैं जोकि  भाग 1 और भाग 2 से लिए गए हैं.

1. राष्ट्रीय झंडे का निर्माण हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए धागे या ऊन या सिल्क या खादी के कपडे का बना हुआ होना चाहिए.

2. भारत के राष्ट्रीय झंडे में सामान चौड़ाई वाली अलग-अलग रंगों की तीन पट्टियाँ होती हैं. ध्वज की सबसे ऊपर की पट्टी का रंग भारतीय केसरिया होगा और सबसे नीचे की पट्टी का रंग भारतीय हरा होगा. झंडे के मध्य भाग की पट्टी का रंग सफ़ेद और इसमें नीले रंग का एक अशोक चक्र होगा जिसमें 24 तीलियाँ होंगी और ये सभी तीलियाँ एक दूसरे से समान दूरी पर स्थित होंगी.

3. भारत के राष्ट्रीय झंडे का आकार आयताकार होगा. झंडे की लम्बाई और चौड़ाई (ऊंचाई) का अनुपात 3:2 होगा.

4. भारत के राष्ट्रीय झंडे के मानक आकार इस प्रकार होंगे;

measurement of national flag india

5. झंडे का आकार भी इस बात पर निर्भर करेगा कि उसको कहाँ पर इस्तेमाल किया जाना है. वीवीआईपी व्यक्तियों को ले जाने वाले हवाई जहाजों पर 450x300 मिमी. आकार के झंडे का इस्तेमाल किया जाना चाहिये जबकि 225x150 मिमी. आकार के झंडे का प्रयोग वीवीआईपी व्यक्तियों की कारों में होना चाहिए और मेज पर लगाये जाने वाले झंडों का आकार 150x100 मिमी. का होना चाहिए.
आम जनता, शैक्षिक संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों को राष्ट्रीय झंडे को फहराने की पूर्ण अनुमति होती लेकिन उन्हें 1950 और 1971 के कानूनों के अनुसार झंडे का सम्मान करना होगा और ये काम नही कर सकेंगे;

1.  झंडे का प्रयोग व्यावसायिक उद्येश्यों के लिए नही किया जायेगा.

2. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नही झुकाया जायेगा.

3. यदि सरकारी आदेश नही हो तो झंडे को आधा झुकाकर नही फहराया जायेगा.

4. झंडे का प्रयोग किसी वर्दी या पोशाक में नही किया जायेगा, ना ही झंडे को रुमाल, तकियों या किसी अन्य ड्रेस पर मुद्रित किया जायेगा.

5.  झंडे के केसरिया रंग को जानबूझकर नीचे की तरफ करके नही फहराया जायेगा

6. झंडे का प्रयोग किसी भवन में पर्दा लगाने के लिए नही किया जायेगा.

7. किसी भी प्रकार का विज्ञापन/अधिसूचना/अभिलेख ध्वज पर नहीं लिखा जाना चाहिए.

8. झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, नाव, वायुयान की छत इत्यादि को ढ़कने के काम में इस्तेमाल नही किया जायेगा.

राष्ट्रीय ध्वज को किन परिस्थितियों में आधा झुकाया जाता है?

भारत का कोई भी व्यक्ति, कोई भी शिक्षा संस्थान, कोई भी गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय झंडे को सभी दिन और अवसरों पर फहरा सकता है. लेकिन उसे झंडे की मर्यादा रखने और उसके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए;
1. जब कभी झंडे को फहराया जाये तो वह सबसे ऊंचा और अलग होना चाहिए.

2. किसी दूसरे झंडे को भारतीय झंडे के बराबर ऊंचाई या उससे ऊपर नही फहराया जाना चाहिए.

3. जब कभी झंडे का प्रदर्शन करना हो तो उसे इस प्रकार फहराया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रेताओं की ओर हो तो झंडा वक्ता के दाहिने हाथ की तरफ रहे.

4. मैला कुचैला या फटा हुआ झंडा नही फहराया जाना चाहिए.

5. भारतीय झंडे को अन्य झंडे या झंडों के साथ एक ही ध्वज-दंड से नही फहराया जाना चाहिए. अर्थात भारतीय झंडे का ध्वज-दंड अलग होना चाहिए.

6. जनता द्वारा राष्ट्रीय, सांस्कृतिक अवसरों पर कागज के बने झंडों को हिलाया जा सकता है लेकिन ऐसे झंडों को जमीन पर नही फेका जाना चाहिए और उनका सम्मानपूर्वक निपटान कर दिया जाना चाहिए.

disrespect of indian flag

7. जिस जगह झंडे का प्रदर्शन खुले में किया जाता है वहां पर मौसम की चिंता किये बिना झंडे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए.

नोट: भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय तिरंगा फहरा सकते हैं. इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल इतना लंबा हो कि झंडा दूर से ही दिखाई दे और झंडा खुद भी चमके. गृह मंत्रालय ने उद्योगपति सांसद नवीन जिंदल द्वारा इस संबंध में रखे गये प्रस्ताव के बाद यह फैसला किया था.

उम्मीद है कि ऊपर लिखे गए भारतीय झंडा संहिता, 2002 के मुख्य बिन्दुओं की मदद से आप यह समझ गए होंगे कि कौन सा काम भारत के झंडे का सम्मान बढ़ता है और कौन सा काम सम्मान घटाता है. अतः अब आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप जब भी भारत के झंडे को फहराएंगे तो आप उसकी गरिमा और सम्मान का पूरा ध्यान रखेंगे.

कौन से गणमान्य व्यक्तियों को वाहन पर भारतीय तिरंगा फहराने की अनुमति है?
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