जानें कैसे बनता है हीरा और कैसे होती है असली हीरे की पहचान ?

हीरा कैसे बनता है ?
हीरा एक अनमोन रत्न है। यही वजह है कि किसी भी बेहतर व्यक्ति या चीज की तुलना हीरे से की जाती है। सगाई की अंगूठियों से लेकर बढ़िया गहनों तक, हीरे हमारे रोजमर्रा के जीवन में इतने आम हैं कि अक्सर हम यह सोचते हैं कि आखिर वे कहां से आए हैं, लेकिन इन छोटे रत्नों के निर्माण से लेकर गहनों की दुकान तक की यात्रा वास्तव में काफी प्रभावशाली है l तो आइये जानते हैं कि हीरे के सफर की कहानी।
इस लेख के माध्यम से हम हीरे के बनने के मुख्य तरीकों और हीरे कहां पाए जाते हैं, इसके बारे में जानेंगेl पृथ्वी की सतह के नीचे से लेकर एक अच्छी तरह से विनियमित प्रयोगशाला तक, आपको आश्चर्य हो सकता है कि ये चमकदार पत्थर कहां पाए जाते हैं l
आपको बता देते हैं कि हीरे सदियों से राजसी वैभव और विलासिता के प्रतीक रहे हैं। भारत हजारों साल से इनके कारोबार का केंद्र रहा है l रोमन लोग इन्हें ‘भगवान के आंसू’ कहते थे l यह भी जानना जरूरी है कि 1700 के दशक के बाद से भारत विश्व का प्रमुख हीरा उत्पादक देश नहीं है, इसके बावजूद भारत में हीरे का खनन जारी हैl 2013 में भारत की बड़ी औद्योगिक खदानों और कई छोटी खदानों को मिलाकर केवल 37,515 कैरेट हीरे खनन किए गए थे, जो उस वर्ष पूरे विश्व के उत्पादन 132.9 मिलियन कैरेट के एक प्रतिशत के दसवें हिस्से से भी कम थाl
बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि विश्व के पहले हीरे की खोज आज से 4000 साल पहले भारत के गोलकोंडा क्षेत्र (आधुनिक हैदराबाद)) में नदी के किनारे की चमकदार रेत में हुई थी l पश्चिमी भारत के औद्योगिक शहर सूरत में दुनिया के 92% हीरों को काटने और पॉलिश करने का काम किया जाता है और इस काम के कारण दुनिया में करीब 500,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है l
READ| जानिए भारत में सोना कैसे निकाला जाता है?
किस चीज से बना होता है हीरा ?
हीरा एक पारदर्शी रत्न होता है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती है, यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिलकुल भी राख नहीं बचती है, इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैंl हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एवं सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 3.51 होता है।
Image Source:Maker Mends
इतना मजबूत क्यों होता है हीरा ?
हीरे में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। आपको यह भी बता दें कि हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदार्थ है l इसमें उपस्थित चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध में भाग लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान स्वतंत्र नहीं होता है, यही वजह है कि हीरा ऊष्मा तथा विद्युत् का कुचालक होता है।
(हीरे विभिन्न आकार के हो सकते हैं)
Image Source:http://www.dw.com
आखिर कहां बनते हैं हीरे
वैज्ञानिकों के मुताबिक, हीरे जमीन से करीब 160 किलोमीटर नीचे, बेहद गर्म माहौल में बनते हैं l इसके बाद ज्वालामुखीय गतिविधियां इन्हें ऊपर की ओर लाती हैl ग्रहों या पिंडों की टक्कर से भी हीरे मिलते हैंl हीरे अथाह गहराई में बहुत ज्यादा दबाव और तापमान के बीच कार्बन के अणु बेहद अनोखे ढंग से जुड़ते हैं और हीरे जैसे दुलर्भ पत्थर में बदलते हैंl
Image Source:science.howstuffworks.com
READ| जानें 5G नेटवर्क की विशेषताएं क्या हैं
असली और नकली हीरे की कैसे करें पहचान ?
अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के शोध के मुताबिक, बेहद गहराई से निकलने वाले हीरे रासायनिक रूप से शुद्ध होते हैं और ये अद्भुत रूप से पारदर्शी होते हैंl प्राकृतिक हीरों और फैक्ट्री में बनाए गए हीरों के बीच फर्क बताना बहुत ही मुश्किल हैl केवल एक खास उपकरण से असली हीरे की पहचान होती हैl हालांकि, निम्न प्रकार भी असली-नकली हीरे की पहचान की जा सकती है l
(प्रसिद्द कोहिनूर हीरे का इतिहास)
Image Source:Ixigo
I. असली हीरे के अंदर की बनावट ऊबड़ खाबड़ होती है, लेकिन कृत्रिम हीरा अंदर से सामान्य दिखता है l असली हीरे में कुछ न कुछ खांचे होते है, जो बारह सौ गुणा ताकतवर माइक्रो स्कोप की मदद से देखे जा सकते है।
Image Source:fondobiocomercio.com
READ| क्या आप पेट्रोल पम्प पर अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं?
II. आप हीरे को अखबार पर रखें और उसके पार से अक्षरो को पढ़ने की कोशिश करें। अगर आपको टेढ़ी लकीरे दिखे तो इसका मतलब है कि आपके पास नकली हीरा है।
III. अगर आप हीरे को पराबैंगनी किरणों में देखेंगे, तो यदि वह हीरा नीली आभा के साथ चमकता है तो हीरा असली है, लेकिन हीरे से हलकी पीली हरी या फिर स्लेटी रंग की आभा निकले तो समझ लीजिये की ये मोइसा नाइट है।
IV. असली हीरा पानी में डालते ही डूब जाता है, जबकि नकली हीरा पानी के ऊपर तैरने लगता है।
Image Source:The Knot
क्या हीरे बनाये भी जा सकते हैं ?
भुनी हुई मूँगफली को पीसकर बनाए गए पेस्ट का इस्तेमाल जिसे ‘पीनट बटर’ कहते हैंl इस पेस्ट को धरती की सतह से 800-900 किलोमीटर नीचे भारी दबाव के बीच रखा जाये, तो क्रिस्टल की आणविक संरचना बदल जाती है और वह हीरे में परिवर्तित हो जाता हैl
(मूँगफली का पेस्ट)
Image Source:http://www.bbc.com
दूसरी विधि से हीरा अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में सारासोता इलाका में बनाया जाता है l यहां हीरों की खेती होती हैl हीरे के एक छोटे से टुकड़े का बीज की तरह इस्तेमाल किया जाता हैl कार्बन के साथ मिलाकर हीरे के टुकड़े को एक ग्रोथ चैंबर में डाला जाता है फिर इन्हें एक रिएक्टर में लाया जाता है;
इस रिएक्टर का तापमान और दबाव बिलकुल पृथ्वी के गर्भ जैसा होता है लगभग 3,000 डिग्री सेल्सियस और 50,000 एट्मोस्फियर के दबाव में ग्रेफाइट हीरा बनने लगता हैl इस विधि से हीरा बनने 82 घंटे लगते हैं, इतने समय में हीरे का छोटा टुकड़ा कच्चा हीरा बन जाता है। इसे एसिड के घोल में डालकर अलग किया जाता हैl
भारत में कहां-कहां हैं हीरे की खदानें ?
Image source:wiki
भारत में पन्ना और बुंदर परियोजना (मध्य प्रदेश) और कोल्लूर खान, गोलकोंडा (आंध्र प्रदेश) में हीरे की खदानें पाई जातीं हैं l गोलकोंडा की प्रसिद्द खदान से ही कोहिनूर नाम का प्रसिद्द हीरा निकला था, जो कि आजकल ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के मुकुट की शोभा बढ़ा रहा है l