नोट के पीछे छपी तस्वीरों का क्या होता है महत्व, जानें

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जिसके पास अपनी करेंसी न हो। लगभग हर देश अपने करेंसी नोटों पर अपने यहां के महत्वपूर्ण व्यक्ति और स्मारकों की फोटो लगाता है। नोटों के ऊपर जानवरों, स्थलों, मंदिरों और व्यक्तियों की फोटो लगाने का उद्देश्य देश की संस्कृति और जैव विविधता को दर्शाना होता है। तो, आइए एक रुपये के नोट से शुरू होने वाले भारतीय नोटों के पीछे की तरफ अलग-अलग फोटों पर एक नजर डालते हैं;
1. एक रुपये का नोट:
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत में पहली बार एक रुपये का नोट छापा गया था। इससे पहले देश में जॉर्ज पंचम की तस्वीर वाले एक रुपये के चांदी के सिक्के चलन में हुआ करते थे, लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के कारण चांदी के सिक्कों की आपूर्ति कम हो गई, जिसके बाद सरकार ने 30 नवंबर 1917 को एक रुपये का नोट छापा।
आपको बता दें कि एक रुपये का नोट वित्त मंत्रालय छापता है, आरबीआई नहीं। इस नोट के अगले हिस्से में एक रुपये के सिक्के की तस्वीर होती है और नोट के पिछले हिस्से में एक तेल अन्वेषण स्थल की फोटो होती है।
2. दो रुपये का नोट:
आरबीआई ने छपाई की अधिक लागत के कारण 2 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी है, लेकिन पुराने नोट अभी भी वैध हैं।
इस नोट के अगले भाग में 'अशोक प्रतीक' की फोटो है, जबकि नोट के पीछे की ओर भारत के पहले सैटेलाइट "आर्यभट्ट" की फोटो है । यह नोट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाता है ।
3. पांच रुपये का नोट:
इन नोटों की छपाई की बढ़ती लागत के कारण आरबीआई ने इसकी छपाई बंद कर दी है, लेकिन इस मूल्यवर्ग के करीब 85,000 मिलियन नोट अभी भी बाजार में वैध हैं।
इस नोट के अगले हिस्से में महात्मा गांधी की तस्वीर है, जबकि पिछले हिस्से पर खेत की जुताई करते किसान की तस्वीर है । यह नोट भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को दर्शाता है।
4. दस रुपये का नोट:
1 रुपये से लेकर 10 रुपये तक के नोट एक हाथ से दूसरे हाथ में जल्दी चले जाते हैं, यही वजह है कि ये जल्दी खराब हो जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने इस मूल्य के सिक्के ढालने का निर्णय लिया था। आपको बता दें कि 10 रुपए के एक नोट की छपाई की कीमत करीब 96 पैसे हैं।
पुराने दस रुपये के नोट के अगले हिस्से में महात्मा गांधी और अशोक प्रतीक की फोटो है, जबकि नोट के पिछले हिस्से में गैंडे, हाथी और बाघ की तस्वीर है। वहीं, नई नोटों की सीरिज में आपको पिछले हिस्से में कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिये और स्वच्छ भारत के लोगो की फोटो दिख जाएगी।
5. बीस रुपये का नोट:
आपको बता दें कि 20 रुपये के नोट की छपाई की लागत 10 रुपये के नोट के बराबर है। इस मूल्यवर्ग के 500 करोड़ नोट बाजार में चलन में हैं। इस नोट के सामने के हिस्से में महात्मा गांधी (वाटर मार्क) और अशोक प्रतीक का फोटो है, जबकि नोट के पिछले हिस्से में ताड़ के पेड़ों की तस्वीर है जो पोर्ट ब्लेयर में "माउंट हैरियट लाइट हाउस" का दश्य दिखाती है।
6. पचास रुपये का नोट:
50 रुपये के नोट की छपाई की कीमत करीब 1.81 रुपये है और 4000 करोड़ के नोट चलन में हैं। इस नोट के सामने के हिस्से में महात्मा गांधी की तस्वीर, अशोक प्रतीक और भारतीय संसद के डिजाइन को दिखाया गया है, जो भारत के मजबूत लोकतंत्र का दर्शाता है, जबकि नए नोट के पिछले हिस्से में 'स्वच्छ भारत' के लोगो और हम्पी (कर्नाटक) के रथ की छवि दिखाई गई है। . हम्पी भारत में एक विश्व धरोहर स्थल है।
7. सौ रुपये का नोट:
इस नोट को छापने की लागत 1.20 रुपये है और इस मूल्य के 16,000 करोड़ नोट बाजार में चलन में हैं.इस नोट के अगले भाग में महात्मा गांधी और अशोक स्तंभ की फोटो है, जबकि इस नोट के पीछे की ओर भारत के सबसे ऊंचे पर्वत "माउंट कंचनजंगा" की छवि है।
8. दो सौ रुपये का नोट:
इस मूल्यवर्ग के नोट भारत में पहली बार छापे गए हैं। 200 रुपये के एक नोट की छपाई की कीमत करीब 2.93 रुपए है।इस नोट के अगले भाग में महात्मा गांधी की फोटो और अशोक स्तंभ है, जबकि नोट के पिछले हिस्से में प्रसिद्ध सांची स्तूप की फोटो है।
9. पांच सौ रुपये का नोट:
2016 में नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की जगह 500 रुपये के नए नोटों ने ले ली है। पांच सौ के नए नोट की छपाई की लागत लगभग 2.94 रुपये है. इस नोट के पिछले हिस्से में "स्वच्छ भारत" और दिल्ली के "लाल किला" की तस्वीर है।
10. दो हजार रुपये का नोट:
यह नोट भारत में पहली बार छापा गया है। एडवांस सुरक्षा सुविधाओं के कारण इस नोट की छपाई की लागत लगभग 3.54 रुपये है। इस नोट के अगले हिस्से में महात्मा गांधी की तस्वीर है, जबकि इस नोट के पिछले हिस्से में मंगलयान की तस्वीर है, जिसे 5 नवंबर, 2013 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा लांच किया गया था। यह नोट भारत की वैज्ञानिक समृद्धि को दर्शाता है।
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