भारत के किस राज्य में नहीं देना पड़ता है Income Tax, जानें

भारत में आयकर अधिनियम के तहत प्रत्येक व्यक्ति को टैक्स भरने का प्रावधान है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां के निवासियों को टैक्स नहीं देना पड़ता है। कहां है यह राज्य और क्या है टैक्स न देने की वजह, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
आयकर न भरने वाला राज्य
आयकर न भरने वाला राज्य

भारत में प्रत्येक राज्य के लोगों को सुविधाओं के उपभोग में टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। टैक्स का भुगतान प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। हालांकि, भारत में एक ऐसा राज्य भी मौजूद है, जहां के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता है। आज हम आपको देश के एक ऐसे ही राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सालों से लोग टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कहां है यह राज्य और क्या है टैक्स न देने की वजह, ये सब बातों को जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें। 

 

किस राज्य में नहीं लगता इनकम टैक्स

भारत में सिक्किम एकमात्र राज्य है, जहां के मूल निवासियों को आयकर नहीं देना पड़ता है। हालांकि, यह अधिकार सिर्फ वहां के मूल निवासियों के लिए ही है। 

 

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क्यों नहीं लगता है टैक्स 

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल सिक्किम को आयकर अधिनियम की धारा, 1961 की धारा 10(26AAA)  के तहत यहां के मूल निवासियों को आयकर में छूट मिली हुई है, जिसके तहत यहां रह रहे लोगों को अपनी आय पर किसी भी प्रकार का कर नहीं देना पड़ता है। आपको यह भी बता दें कि भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्यों को अनुच्छेद 371-F के तहत विशेष राज्यों का दर्ज प्राप्त है। यही वजह है कि देश के अन्य राज्यों के लोग यहां पर रिहायशी या व्यावसायिक किसी भी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। 



पहले सीमित लोगों को मिलती थी छूट

आयकर अधिनियम के तहत मिलने वाली छूट पहले सीमित लोगों को ही मिला करती थी। सिक्किम में जिन लोगों के पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट होता था, केवल उन्हें ही यह छूट मिला करती थी। हालांकि, साल 1989 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसमें अन्य लोग भी शामिल हो गए, जिसके बाद इसका लाभ लेने वाली लोगों की संख्या 95 फीसदी हो गई। 

 

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शर्त पर मिलती है छूट

दरअसल, जब सिक्किम भारत का हिस्सा बना था, तब कुछ यह कुछ शर्तों के साथ विलय हुआ था, जिसमें आयकर की भी शर्त थी। साल 1948 में सिक्किम मैनुअल टैक्स जारी किया गया था।

 

26 अप्रैल 1975 को हुआ पूरी तरह विलय

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सिक्किम और भूटान को भारत की ओर से उन्हें हिमालय की तरफ अपने राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रस्ताव रखा। इस संबंध में 1948 में एक समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए और आखिरकार साल 1950 में सिक्किम पूरी तरह से भारत में आ गया। उस समय इसके शासक चोग्याल हुआ करते थे। हालांकि, 26 अप्रैल 1975 का वह दिन था, जब सिक्किम का भारत में पूरी तरह विलय हो गया था। इसके अगले माह यानि 16 मई, 1975 को सिक्किम भारत का 22वां राज्य बन गया था, जिसके बाद से सिक्किम भारत का हिस्सा है और अपनी खूबसूरत वादियों के लिए भी जाना जाता है। 

 

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