Indian Railways: दिन के मुकाबले रात में क्यों तेज चलती हैं ट्रेनें, जानें

Indian Railways: भारतीय रेलवे में ट्रेनों की रफ्तार रात में तेज होती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि इसके पीछे की क्या वजह रही है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे।
भारतीय रेलवे में ट्रेन की रफ्तार
भारतीय रेलवे में ट्रेन की रफ्तार

Indian Railways: भारतीय रेलवे भारत में यातायात का प्रमुख साधन है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे में प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 2.32 करोड़ है। वहीं, त्योहारी सीजन पर यह संख्या और बढ़ जाती है। इसके अलावा एक जगह से दूसरी जगह पर प्रतिदिन बड़ी मात्रा में माल पहुंचाया जाता है। आपने जब रेलवे में सफर किया होगा, तो क्या आपने कभी नोटिस किया है कि रात में ट्रेनें अधिक रफ्तार से चलती हैं, जबकि दिन में कई बार कुछ वजहों से ट्रेनें लेट हो जाती हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से रात में ट्रेनों के तेज चलने के पीछे के कारण के बारे में बताएंगे। जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 



दिन के समय होती है ये परेशानी

दिन में ट्रेनों के संचालन के दौरान कई बार ट्रैक पर मरम्मत का कार्य चल रहा होता है। वहीं, कई बार पटरियों पर कुछ अवरोध होने की वजह से ट्रेनें लेट हो जाती हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों को समय से पहुंचाने के कारण कुछ ट्रेनों की रफ्तार कम की जाती है। वहीं, रात के समय ट्रेनों के ट्रैक पर मरम्मत कार्य भी नहीं चल रहा होता है। इसके साथ ही बाकी के अवरोध भी नहीं होते हैं। ऐसे में ट्रेनों को अपनी अधिकतम रफ्तार के साथ चलने का मौका मिल जाता है।

 

मरम्मत होने की वजह से मिलता है सावधानी का आदेश

आपको बता दें कि जब भी किसी रूट पर रेलवे के ट्रैक पर मरम्मत चल रही होती है, तो उस रूट से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के लोकोपायलट को सावधानी से ट्रेन चलाने का आदेश दिया जाता है। ऐसे में मरम्मत वाली जगह आने से पहले ही लोकोपायलट ट्रेनों की रफ्तार कम कर देते हैं। ऐसा करने पर हादसा होने का खतरा कम रहता है। वहीं, जब तक पूरी ट्रेन उस मरम्मत वाले जोन से नहीं निकल जाती है, तब तक ट्रेन की रफ्तार को नहीं बढ़ाया जाता है। यही वजह है कि दिन के समय में ट्रेनें अपनी अधिकतम स्पीड पर नहीं चल पाती हैं। 

 

सिग्नल को लेकर होती है परेशानी

दिन के समय जब लोकोपायलट ट्रेनों को चला रहे होते हैं, तो कई बार दूर का सिग्नल न दिखने पर वे ट्रेन की रफ्तार कम कर देते हैं, वहीं सिग्नल के पास आने पर सही सिग्नल दिखने पर वे ट्रेन की रफ्तार बढ़ा देते हैं। वहीं, रात के समय लोकोपायलट को दूर से ही सिग्नल की लाइट दिख जाती है। ऐसे में उन्हें ट्रेन की रफ्तार कम करनी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आपको यह भी बता दें कि भारत में ट्रेनों की औसत रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है। हालांकि, भविष्य में इसे 130 तक करने की योजना है।

 

हम उम्मीद करते हैं रेलवे से जुड़ा यह लेख आपको पसंद आया होगा। रेलवे से जुड़े अन्य लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। 

 

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