अकबर के शासन में अमेरिकियों की तुलना में कितने अमीर थे भारतीय, जानें

भारत को शुरू से ही सोने की चिड़िया कहा गया है। इसके पीछे यहां बड़ी मात्रा में मौजूद धन-दौलत है। वहीं, ग्रोनिंगेन विश्वविद्यालय, नीदरलैंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब भारत में अकबर का शासन था। उस समय भारत की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद आज के ज़माने में विकसित देश कहे जाने वाले फ़्रांस, जर्मनी, अमेरिका और जापान से भी अधिक थी. आइये इस लेख में जानते हैं कि मुगलों के समय भारत की आर्थिक दशा किस प्रकार की थी?

Hemant Singh
Apr 5, 2023, 23:35 IST
Akbar the Great
Akbar the Great

भारत शुरू से ही सोने की चिड़िया कहा जाता था। क्योंकि, यहां मौजूद धन-दौलत इसके समृद्ध इतिहास की गवाह है। यही वजह रही कि यहां कई बार अलग-अलग आक्रमणकारियों ने हमला किया और भारत की दौलत को लूटा। इस दौरान यहां कई शासकों का भी राज रहा। सम्राट अकबर को भारत के सर्वश्रेष्ठ शासकों में गिना जाता है. अकबर के समय में करों की दरों में पारदर्शता थी, कर वसूली आसानी से होती थी, सोने और चांदी के सिक्के प्रचलन में थे, सीमा शुल्क कम थे, इसलिये विदेशों से अच्छा व्यापार होता था  और जो उत्पाद उस समय भारत में बनाये जाते थे, वे उस समय समृद्ध माने जाने वाले यूरोपियन देशों के उत्पादों की गुणवत्ता के बराबर के थे. भारत के कला और हस्तशिल्प जैसे उत्पादों की भारत सहित विदेशी बाजारों में भी बहुत मांग थी.

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एक अनुमान के मुताबिक, अकबर अपने शासन काल (1556-1605) में आज के समय के हिसाब से लगभग 10.6 अरब डॉलर की सालाना कर आय एकत्र करता था. अगर इसी समय ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम (जिनका शासन काल अबकर के समकक्ष, 1558-1603 ही है) से तुलना की जाये तो अकबर ज्यादा रुपया कम रहा था. क्योंकि ब्रिटेन की महारानी उस समय केवल (आज की कीमत के हिसाब से औसतन 163 मिलियन डॉलर/वर्ष) ही कमा पा रही थीं.

मनी डॉट कॉम के एक स्टडी के अनुसार अगर अब तक के 10 सबसे अमीर भारतीय लोगों की सूची बनायीं जाये तो उसमें अकबर का नम्बर चौथा आता है.

इस लेख में माध्यम से हम आपको यह बता रहे हैं कि अकबर के समय (1600 ईस्वी के लगभग) में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय किन-किन देशों से ज्यादा थी और 2016 में अन्य विकसित देशों के मुकाबले भारत की स्थिति क्या है.

1600 ईस्वी में भारत सहित विश्व के अन्य देशों के लोगों की प्रति व्यक्ति GDP इस प्रकार थी;

1600 इस्वी (प्रति व्यक्ति GDP)

देश

2016 ईस्वी (प्रति व्यक्ति GDP)

$ 2433

नीदरलैंड

 $ 49,254

$ 1896

स्पेन

$ 31556

$ 1329

इटली

$ 34,989

$ 1305

भारत

$ 5,961

$ 1283

फ़्रांस

$ 38,758

$ 1239

पुर्तगाल

$ 27,726

$ 1137

यूनाइटेड किंगडम

$ 39,162

$ 940

चीन

$ 12,320

$ 897

अमेरिका

$ 53,015

$ 784

जर्मनी

$ 46,841

$ 766

जापान

$ 36,452

उपर्युक्त सारिणी से स्पष्ट है है कि प्रति व्यक्ति GDP के अनुसार1600 ईस्वी के आस पास यूरोप के तीन देशों के लोग नीदरलैंड, स्पेन और इटली सबसे अधिक धनी थे लेकिन भारत के लोग भी दुनिया के चौथे सबसे अमीर लोग थे क्योंकि यहाँ के लोगों की आय भी 1305 डॉलर प्रति वर्ष थी जो कि इटली के बराबर थी.

जब 1600 ईस्वी के समय जब भारत में अकबर का राज्य हुआ करता था तब आज के समय (2016) की महाशक्ति माने जाने वाले देश जैसे अमेरिका, चीन जर्मनी, जापान सबकी प्रति व्यक्ति GDP भारत की तुलना में लगभग आधी थी.

अगर ऊपर के टेबल से निष्कर्ष निकालें तो पता चलता है कि भारत पिछले 418 सालों में अपनी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद को 1305 डॉलर से केवल 5961 डॉलर के स्तर पर ला सका है जबकि इसी अवधि में अमेरिका ने अपनी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद को 1600 ईस्वी के 897 डॉलर से बढ़ाकर 53,015 डॉलर कर लिया है. अगर एक लाइन में कहें तो ऊपर दिए गए सभी देशों की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान में भारत के लोगों से ज्यादा है.

अब समय इस बात का है कि हम इस बात पर मंथन करें कि जब सभी देश प्रगति की राह पर इतनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तो भारत के इस दौड़ में पिछड़ने के क्या कारण हैं.

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