International Yoga Day 2021: वर्तमान थीम, इतिहास, महत्व और अन्य तथ्य

International Yoga Day 2021: योग के असंख्य लाभ इसे दुनिया भर के लोगों के लिए एक लोकप्रिय अभ्यास बनाते हैं, विशेष रूप से एक महामारी के समय में जब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तनाव में होता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है।
COVID-19 महामारी ने लोगों में तनाव और चिंता को बढ़ा दिया है। रोग और आइसोलेशन न केवल रोगी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि भावनात्मक स्वास्थ्य और यहां तक कि उसके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहे हैं। योग इस प्रकार के मुद्दों से निपटने में मदद करता है। यह हमें मनो-शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक सद्भाव बनाने में मदद करता है; और दैनिक तनाव और उसके परिणामों का प्रबंधन करता है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को दुनिया भर में मनाया गया था। भारत में इस दिवस को मनाने की पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार के आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय की है। उस समय भारत में इंडिया गेट पर आयोजित 35 मिनट के इस कार्यक्रम में 21 आसनों को किया गया था जिसमे लगभग 35,985 लोगों सहित 84 देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया था ।इस घटना को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। इस गिनीज पुरस्कार को आयुष मंत्रालय की ओर से श्रीपद येसो नाइक ने ग्रहण किया था।
इसकी सार्वभौमिक अपील को स्वीकार करते हुए, 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र ने रेसोल्यूशन 69/131 के द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना का मसौदा भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था और 175 देशों द्वारा इसका समर्थन किया गया था। प्रस्ताव को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पेश किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रस्तावित किसी भी मसौदा प्रस्ताव के लिए मिलने वाला सबसे बड़ा समर्थन था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि…
“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सरल माध्यम है। इसकी मदद से न सिर्फ स्वास्थ्य तन बल्कि शांत मन को भी पाया जा सकता है ।योग की मदद से पूरी दुनिया में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।”
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020: शुभकामनाएं, स्लोगन एवं विशेष मैसेज
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 का थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021का थीम है "Yoga for well-being".
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का थीम था- Yoga for Health - Yoga at Home. COVID-19 महामारी के कारण इस साल का थीम "Yoga for Health - Yoga at Home" रखा गया है.
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 का थीम - Climate Action
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 का थीम - Yoga for Peace
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 का थीम - Yoga for Health
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 का थीम - Connect the Youth
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 का थीम - Yoga for Harmony and Peace
योग का संक्षिप्त इतिहास
ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्था के जन्म लेने से काफी पहले हुई थी। योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है।
कई हजार वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदि योगी ने अपने प्रबुद्ध ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्तऋषि को प्रदान किया था। सत्पऋषियों ने योग के इस ताकतवर विज्ञान को एशिया, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका सहित विश्व के भिन्न - भिन्न भागों में पहुंचाया। रोचक बात यह है कि आधुनिक विद्वानों ने पूरी दुनिया में प्राचीन संस्कृतियों के बीच पाए गए घनिष्ठ समानांतर को नोट किया है। तथापि, भारत में ही योग ने अपनी सबसे पूर्ण अभिव्यक्ति प्राप्त की। अगस्त नामक सप्तऋषि, जिन्होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्कृति को गढ़ा।
योग करते हुए पित्रों के साथ सिंधु - सरस्वती घाटी सभ्यता के अनेक जीवाश्म अवशेष एवं मुहरें भारत में योग की मौजूदगी का सुझाव देती हैं। देवी मां की मूर्तियों की मुहरें, लैंगिक प्रतीक तंत्र योग का सुझाव देते हैं। लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक एवं उपनिषद की विरासत, बौद्ध एवं जैन परंपराओं, दर्शनों, महाभारत एवं रामायण नामक महाकाव्यों, शैवों, वैष्णवों की आस्तिक परंपराओं एवं तांत्रिक परंपराओं में योग की मौजूदगी है।
पूर्व वैदिक काल (2700 ईसा पूर्व) में एवं इसके बाद पतंजलि काल तक योग की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्य देखे गए। मुख्य स्रोत, जिनसे हम इस अवधि के दौरान योग की प्रथाओं तथा संबंधित साहित्य के बारे में सूचना प्राप्त करते हैं, वेदों (4), उपनिषदों (18), स्मृतियों, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, पाणिनी, महाकाव्यों (2) के उपदेशों, पुराणों (18) इत्यादि में उपलब्ध हैं।
21 जून को इस दिन के रूप क्यों चुना गया
दिल्ली की एक छात्रा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार इसका खुलासा करता हूं। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह दिन हमारे भूभाग में सबसे बड़ा दिन होता है। हमें उस दिन सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि उस दिन का सुझाव दिया गया था।”
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का “लोगो” (Logo) क्या दर्शाता है ?
1. यह मानवता के लिए शांति और सद्भाव को दर्शाता है।
2. 'लोगो' में दोनों हाथों का जोड़ना सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का मिलन दर्शाता है।
3. 'लोगो' मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति और स्वास्थ्य और भलाई के लिए समग्र दृष्टिकोण के बीच एक सही सामंजस्य को दर्शाता है।
4. हरे पत्ते प्रकृति और नीले रंग अग्नि तत्व का प्रतीक है। भूरे रंग के पत्तों पृथ्वी का प्रतीक है।
5. लोगो' में सूर्य का होना ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है।
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योग किस प्रकार मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है?
1. योग के माध्यम से मनुष्य प्रकृति से जुड़ता है।
2. योग से मनुष्य की शारीरिक बीमारियाँ कम हो जाती हैं।
3. यह दुनिया में विकास और शांति को बढ़ाता है।
4. शारीरिक विकृति में हम मानसिक तनाव में नींद लाने की नशीली गोलियाँ मल विसर्जन के लिए जुलाब, दर्द के लिए दर्द निवारक गोलिया, शरीर की शक्ति के लिए टोनिक आदि का प्रयोग करते है. परिणाम स्वरूप आज का मनुष्य विशेषकर युवा वर्ग मादक पदार्थ की और अग्रसर हो रहा है. जिससे जीवन मूल्यों का ह्रास होकर सामाजिक और नेतिक पतन होता जा रहा है. योग करने से इन सब परेशानियों से दूर रहा जा सकता है।
हमारा मूल विषय है कि योगासन से स्वस्थ कैसे रहे? यदि आसनों का पूर्ण लाभ लेना हो, तो सूर्योदय के पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर प्रात: भ्रमण करना चाहिए. योगासनों में सर्वप्रथम सूर्य नमस्कार पूर्व दिशा की और खड़े होकर साफ और खुले वातावरण में करना चाहिए. बाद में अपनी आवश्यकतानुसार आसन किये जा सकते है. परन्तु शुरू में किसी योग प्रशिक्षण के निर्देशन में ही आसन करे. वर्तमान सम्बन्ध में विद्यालयों में योग के विषय का पदार्पण अत्यंत आवश्यक है।
एक सूक्ति है.
“आतं हो गरम, सिर हो ठंडा
पेट हो नरम, तो मार वेध्य को डंडा”
योग साधना की बुनियादी बातें
योग का अर्थ 'एकता' या 'बांधना' है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द 'युज', जिसका मतलब है 'जुड़ना'। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। यह योग या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बँध, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होती है। तो योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम उद्देश्य भी।
योग किसी के शरीर, दिमाग, भावना और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है। इसने योग के चार व्यापक वर्गीकरणों को जन्म दिया है: कर्म योग, जहां हम शरीर का उपयोग करते हैं; भक्ति योग, जहां हम भावनाओं का उपयोग करते हैं; ज्ञान योग, जहां हम दिमाग और पूर्णांक का उपयोग करते हैं; और क्रिया योग, जहां हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं। मन, मस्तिष्क और चित्त के प्रति जाग्रत रहकर योग साधना से भाव, इच्छा, कर्म और विचार का अतिक्रमण किया जाता है। इसके लिए यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार ये 5 योग को प्राथमिक रूप से किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी