सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थलों की सूची

सल्तनत काल की वास्तुकलाओं में नए सल्तनों की सौन्दर्य विरासत को प्रकट किया गया था जिसमें भारतीय-इस्लामी वास्तुकला जैसी धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों तरह की संरचनाएं शामिल थीl उदाहरण के लिए, हिन्दू मंदिरों के शिखर के विपरीत तत्कालीन मस्जिदों की प्रमुख विशेषता गुम्बद थीl इस लेख में हम सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थलों का विवरण दे रहे हैं जिसमें हमने इमारत, स्थान और वास्तुकला की विशेषताओं को शामिल किया हैl

सल्तनत काल की वास्तुकलाओं में नए सल्तनों की सौन्दर्य विरासत को प्रकट किया गया था जिसमें भारतीय-इस्लामी वास्तुकला जैसी धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों तरह की संरचनाएं शामिल थीl उदाहरण के लिए, हिन्दू मंदिरों के शिखर के विपरीत तत्कालीन मस्जिदों की प्रमुख विशेषता गुम्बद थीl इस लेख में हम सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थलों का विवरण दे रहे हैं जिसमें हमने इमारत, स्थान और वास्तुकला की विशेषताओं को शामिल किया हैl

सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थल

1. कूवत-उल-इस्लाम मस्जिद

Quwwatul Islam Mosque

Source: Wikimedia

स्थान: दिल्ली

निर्माता: कुतुबुद्दीन ऐबक

विशेषताएं: खंडहर होने के बावजूद यह आज भी "दुनिया के सबसे शानदार वास्तुशिल्प” में से एक हैl यह कुतुब कॉम्प्लेक्स में स्थित है और पश्चिम, दक्षिण और उत्तर दिशा में 117 मीटर लम्बे मेहराब से घिरा हुआ हैl

2. अढ़ाई दिन का झोपड़ा

 adhai din ka jhonpra

Source: www.myowncity.in

स्थान: अजमेर

निर्माता: कुतुबुद्दीन ऐबक

विशेषताएं: यह भारतीय-इस्लामी वास्तुकला का एक प्रारंभिक उदाहरण है, जिसे मुहम्मद गोरी के आदेश पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया थाl इसका डिजाइन हेरात निवासी “अबू बक्र” ने तैयार किया थाl इस मस्जिद में स्तंभित हॉल के ठीक सामने सात धनुषाकार आकृति वाली दीवार है जिस पर इस्लामी आयतें उल्लिखित हैंl कुछ इतिहासकार बताते हैं कि इसका निर्माण केवल ढ़ाई दिन में हुआ था लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसका निर्माण ढ़ाई दिन तक चले त्यौहार के बाद किया गया थाl इसलिए इसे “अढ़ाई दिन का झोपड़ा” कहा जाता हैl

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3. कुतुब मीनार

 Qutub Minar

स्थान: दिल्ली

निर्माता: कुतुबुद्दीन ऐबक

विशेषताएं: यह भारत की सबसे ऊँची मीनार है, जिसमें पांच मंजिलों के साथ-साथ बालकनी भी शामिल हैl कुतुब मीनार की पहली तीन मंजिलों का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है, जबकि अन्य दो मंजिलों का निर्माण संगमरमर और बलुआ पत्थर से किया गया हैl इसके मीनारों पर अरबी और देवनागरी लिपि में शिलालेख उत्कीर्ण हैंl यह मीनार अफगान वास्तुकला पर आधारित हैl

4. हजरत निजामुद्दीन औलिया का मकबरा

 Nizamuddin Auliya Tomb

Source: www.rajdhanidelhi.com

स्थान: दिल्ली

निर्माता: अलाउद्दीन खिलजी

विशेषताएं: यह मकबरा चौकोर आकार वाला कक्ष/प्रकोष्ठ है, जो गुंबद के आकार की छत के साथ-साथ काले संगमरमर की खड़ी पट्टियों में सजी हुई है तथा इसके ऊपर सजावटी कमल लगे हुए हैंl कवि हज़रत अमीर खुसरो और मुगल राजकुमारी जहाँआरा बेगम का मकबरा भी इस परिसर में स्थित हैl

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5. अलाई दरवाजा

 Alai darwaza

Source: upload.wikimedia.org

स्थान: दिल्ली

निर्माता: अलाउद्दीन खिलजी

विशेषताएं: इसका प्रवेश द्वार गुम्बदाकार है जिसे लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर की सहायता से बनाया गया हैl यह भारतीय-इस्लामी वास्तुकला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैl इस पूरे ढांचे का निर्माण वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर किया गया हैl इस इमारत की दीवारों पर सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर दोनों की मदद से फूल और ज्यामितीय आकृतियां खुदी हुई है, जो शानदार रंग-बिरंगी प्रभाव पैदा करती हैl प्रवेशद्वारों के दोनों किनारों पर छिद्रित जालीदार खिड़की लगाई गई हैl संगमरमर की इन जालियों के निर्माण हस्तशिल्प का बेहतरीन काम देखने को मिलता हैl सतह की सजावट का सबसे आकर्षक पहलू फूलों की पंखुड़ियों और लताओं का चित्रण है जिसे तीनों प्रवेश द्वार पर समरूपता के साथ दोहराया गया है, जोकि इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैंl

6. जमातखाना मस्जिद

 Jammat Khana Masjid

Source: archnet.org

स्थान: दिल्ली

निर्माता: खिज्र खान (सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी का पुत्र)

विशेषताएं: यह दिल्ली में निर्मित उन शुरूआती मस्जिदों में से एक है, जिसमें संगमरमर के गुंबद हैंl इसके केन्द्रीय कक्ष और प्रवेश द्वार के मेहराब को अति सुंदर ज्यामितीय आकृतियों और कुरान की आयतों वाली शिलालेखों के मिश्रण से सुशोभित किया गया हैl

7. गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा

 Ghiyasuddin tughluq tom

Source: Wikimedia

स्थान: दिल्ली

निर्माता: मोहम्मद बिन तुगलक

विशेषताएं: यह एक कृत्रिम झील पर निर्मित एक किले जैसी संरचना है, जिसके प्रत्येक कोण पर कमानीदार परिधि वाले दीवार से जुड़ा एक तिरछा पंचभुजाकार ढ़ांचा है जो शंक्वाकार बुर्जों को सहारा प्रदान करता हैl

8. तुगलकाबाद का किला

 Tuglak Fort

Source: Wikimedia

स्थान: दिल्ली

निर्माता: गयासुद्दीन तुगलक

विशेषताएं: यह एक विशाल पत्थर की संरचना है, जिसकी दीवारें 10-15 मीटर ऊंची हैंl दीवारों को के ऊपरी भाग में प्राचीर और बुर्ज बने हुए हैंl ऐसा माना जाता है कि तुगलकाबाद के किले में 52 द्वार थे लेकिन वर्तमान में केवल 13 द्वार सुरक्षित हैंl

9. मोठ की मस्जिद

 Moth Ki Masjid

Source: c1.staticflickr.com

स्थान: दिल्ली

निर्माता: वजीर मियां भोइया (सुल्तान सिकन्दर लोदी का प्रधानमंत्री)

विशेषताएं: यह सल्तनतकाल में निर्मित खूबसूरत मस्जिदों में से एक हैl इस मस्जिद के छत पर “गुंबदाकार” संरचना बनी हुई है इसके स्तंभों के साथ जुड़े हुए हैंl

सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थलों की सूची

ईमारत

स्थान

निर्माता

कूवत-उल-इस्लाम

दिल्ली

कुतुबुद्दीन ऐबक

अढ़ाई दिन का झोपड़ा

अजमेर

कुतुबुद्दीन ऐबक

कुतुबमीनार

दिल्ली

इल्तुतमिश (आधारशिला- कुतुबुद्दीन ऐबक)

हजरत निजामुद्दीन औलिया का मकबरा

दिल्ली

अलाउद्दीन खिलजी

अलाई दरवाजा

दिल्ली

अलाउद्दीन खिलजी

जमातखाना मस्जिद

दिल्ली

खिज्र खान

गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा

दिल्ली

मोहम्मद बिन तुगलक

तुगलकाबाद का किला

दिल्ली

गयासुद्दीन तुगलक

मोठ की मस्जिद

दिल्ली

वजीर मियां भोइया (सुल्तान सिकन्दर लोदी का प्रधानमंत्री)

सल्तनतकालीन वास्तुकला स्थलों की उपरोक्त सूची में तत्कालीन वास्तुशिल्प संरचना की विशेषताओं का वर्णन किया गया है जो UPSC की प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षाओं के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी काफी उपयोगी है।

दिल्ली सल्तनत की समय-सीमा और कालक्रम

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